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बिहार में वोटर लिस्ट पर मचा बवाल! तेजस्वी यादव ने उठाए गंभीर सवाल – जानिए पूरा मामला
बिहार में वोटर लिस्ट पर मचा बवाल! तेजस्वी यादव ने उठाए गंभीर सवाल – जानिए पूरा मामला
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, June 27, 2025
Last Updated On: Friday, June 27, 2025
बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। इस बार मुद्दा है मतदाता सूची को लेकर. भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत राज्य में मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार किया जाएगा. आयोग के इस निर्णय पर अब सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Friday, June 27, 2025
Bihar Voter List Controversy: राजद (RJD) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची (Voter List) के विशेष पुनरीक्षण की घोषणा की है. इसका साफ मतलब है कि बिहार की लगभग 8 करोड़ जनता की मौजूदा वोटर लिस्ट को दरकिनार कर एक नई सूची बनाई जा रही है.
तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने इस फैसले को लेकर सवाल खड़े किए और आशंका जताई कि इससे निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. बिहार में मतदाता सूची (Voter List) को लेकर शुरू हुई यह बहस आने वाले समय में बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है. अब देखना यह है कि चुनाव आयोग कैसे इस स्थिति को संभालता है और विपक्ष की शंकाओं को दूर करता है.
चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में बदलाव क्यों? गरीबों का नाम हटाना चाहती है सरकार
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए चुनाव आयोग और केंद्र-राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. तेजस्वी ने कहा कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले मतदाता सूची में इतने बड़े पैमाने पर बदलाव क्यों किए जा रहे हैं? तेजस्वी ने सवाल उठाया, “क्या 25 दिनों के भीतर 8 करोड़ लोगों की नई मतदाता सूची बनाना संभव है? मांगे गए दस्तावेज़ ऐसे हैं, जो गरीबों के पास शायद ही हों. इससे साफ है कि ये पूरी प्रक्रिया गरीबों को मतदाता सूची से बाहर करने के इरादे से की जा रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि RJD का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को लेकर जल्द ही भारत निर्वाचन आयोग से संपर्क करेगा और इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराएगा.
सीएम और पीएम डरे हुए हैं
तेजस्वी यादव ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) डरे हुए हैं. वे जानते हैं कि गरीब और पिछड़े वर्गों का वोट उनके खिलाफ जाएगा. इसलिए वे चाहते हैं कि गरीबों को मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाए, ताकि उनका लोकतांत्रिक अधिकार ही खत्म हो जाए.”
गरीबों से छीना जा रहा है वोट देने का अधिकार: तेजस्वी
राजद नेता ने यह भी कहा कि यह कदम गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को वोट देने के संवैधानिक अधिकार से वंचित करने की साज़िश है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया और कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष और पारदर्शी भूमिका निभानी चाहिए, न कि सत्ता पक्ष के दबाव में आकर फैसले लेने चाहिए.
क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)?
विशेष गहन पुनरीक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मौजूदा मतदाता सूची की पूरी तरह से समीक्षा कर, नये नाम जोड़े जाते हैं. पुराने और फर्जी नाम हटाए जाते हैं. मृत या दोहरी प्रविष्टियों को हटाया जाता है. हालांकि, चुनाव आयोग का उद्देश्य इसे अधिक पारदर्शी और अद्यतन बनाना होता है, लेकिन विपक्ष इसे संदेह के घेरे में मान रहा है.
सियासत होगी तेज?
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य में आगामी चुनावों की चर्चा जोरों पर है. 2025 में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) भी प्रस्तावित हैं. ऐसे में मतदाता सूची (Voter List) को लेकर विवाद राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकता है.
चुनाव आयोग की सफाई का इंतजार
फिलहाल निर्वाचन आयोग की ओर से इस पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आयोग इस मुद्दे पर सफाई देकर प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर जनता और राजनीतिक दलों को आश्वस्त करने की कोशिश करेगा.