आरोपों से आइडिया निकालने का कौशल

आरोपों से आइडिया निकालने का कौशल

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Thursday, April 11, 2024

Last Updated On: Thursday, June 20, 2024

mai hu modi ka parivar
mai hu modi ka parivar

‘मैं हूं मोदी का परिवार’ के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर साबित किया है कि उन्हें निगेटिविटी में से भी अपने लिए अवसर ढूंढ़ निकालने की कला में महारत हासिल है। चायवाला और चौकीदार चोर वाली गलती इस बार लालू प्रसाद यादव ने कर दी है...

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Last Updated On: Thursday, June 20, 2024

अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपमान को भी आभूषण बना लेने की कला में पारंगत हैं। आरोपों को भी आइडिया में तब्दील कर विपक्षी वार को वे गले का हार बना लेते हैं। पिछले कई सारे उदाहरण इस बात के गवाह हैं। ताजा मामला मोदी के परिवार का है। निगेटिविटी में से भी अपने लिए अवसर ढूंढ़ निकालने में सिद्धहस्त पीएम नरेन्द्र मोदी में विरोधियों की दी गई हर गाली को गहना बना लेने की अद्भुत क्षमता है। चाय पर चर्चाऔर मैं भी चौकीदारस्लोगन उपर्युक्त बातों के जीवंत उदाहरण हैं। 

2019 में पीएम मोदी की मुहिम मैं भी चौकीदारने जिस तरह से जोर पकड़ा उससे साफ हो गया कि राहुल गांधी का चौकीदार चोर हैका नारा चायवालाकी तरह उन्हीं के गले पड़ गया था। यह नारा लगवाने पर राहुल को अब भी अफसोस हो रहा होगा क्योंकि उन्हीं के नारे को पीएम मोदी ने हथियार बनाकर चुनावी युद्ध जीत लिया था। अब उसी गलती को इस बार इंडि गठबंधन में शामिल राजद नेता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने दोहरा दिया है।

पटना में तीन मार्च को राजद की ओर से आयोजित जनविश्वास रैली में लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिवारवादी पार्टियों पर लगातार हमले पर तंज कसा और कहा कि नरेन्द्र मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं। अगर आपके पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। लालू के इस कथन पर जोरदार प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली में इसका जवाब दिया और कहा कि मैं इनके परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो इन लोगों ने अब बोलना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। मैं इनसे कहना चाहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं, जिनका कोई नहीं वो भी मोदी के हैं और मोदी उनके हैं। मेरा भारत-मेरा परिवार है।प्रधानमंत्री के यह कहने भर की देर थी। इसके बाद तो भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैं हूं मोदी का परिवारकी मुहिम ही चला दी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के सभी मंत्री, मुख्यमंत्रियों और नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपने एक्स प्रोफाइल पर नाम के आगे मोदी का परिवारजोड़ दिया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में ओछी टिप्पणी की है। यह दुखद और पीड़ादायक है।

त्रिवेदी ने कहा कि देश ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनाव की तरफ बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बेचैन और परेशान विपक्ष की मोहब्बत की दुकान से एक के बाद एक नए जहर बुझे सामान निकल कर सामने आ रहे हैं। दरअसल, बिहार दौरे पर पीएम मोदी ने लालू परिवार पर हमला बोला था। उनकी टिप्पणी पर लालू यादव इतने तिलमिलाए कि अपनी पार्टी राजद की ओर से पटना में हुई जन विश्वास रैली में मोदी का परिवार नहीं होने का तंज कस दिया। बहरहाल, भाजपा ने मोदी का परिवारकैंपेन चला कर लालू के नहले पर दहले के अंदाज में जवाब देना शुरू कर दिया है। राजनीतिक आरोपों को छोड़ दें तो तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री और दो बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा कर चुके नरेन्द्र मोदी की छवि बिल्कुल बेदाग रही है। लोगों का मानना है कि उनकी सरकार की कमियों-खामियों पर तो बात की जा सकती है लेकिन वह भ्रष्ट हैं या परिवारवादी हैं इस पर कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं है। हां, राजनीतिक पूर्वाग्रहों की बात अलग है। मोदी को चायवाला कहकर चाय पर चर्चा का आइडिया व चौकीदार का आइडिया देकर कांग्रेस ने 2014 और 2019 में बड़ी चूक कर दी थी।

अब लग रहा है कि लालू प्रसाद ने मोदी के परिवार पर तंज कसकर इस बार विपक्ष की बची खुची संभावनाओं को भी पलीता लगा दिया है। दरअसल, कोई भी आरोप राजनीतिक रूप से तभी फायदेमंद साबित होता है जब वह लगाने वाले पर चिपके। दूसरी बात, आरोप चिपके इसके लिए जरूरी है कि आरोप लगाने वाले की जनमानस में विश्वसनीयता हो और जिस पर आरोप लगाया जा रहा हो जनता की नजर में उसकी छवि दागदार हो। यहां दोनों ही बातें नहीं हैं। न तो भ्रष्टाचार व वंशवाद के मुद्दे पर लोगों की नजर में विपक्ष की विश्वसनीयता है और न ही छवि के मामले में प्रधानमंत्री मोदी संदेह के घेरे में हैं। 

भ्रष्टाचार और वंशवाद को ही मुद्दा बनाकर मोदी व भाजपा ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस को न केवल सत्ताच्युत किया था बल्कि उसको अब तक की सबसे शर्मनाक पराजय से सामना कराया था। लोकसभा में कांग्रेस की सीटें घटकर महज 44 पर सिमट गई थीं, जिसके कारण नियमत: वह सदन में नेता विपक्ष तक का दर्जा नहीं प्राप्त कर पाई। 2019 में भी चौकीदार चोर है स्लोगन उसी के गले पड़ गया। वैसे राजनीति प्रेरित आरोपों को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी के दस साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का एक भी मामला ऐसा नहीं आया जिस पर जनता को एतबार हो। यही कारण है कि चौकीदार चोर है पर मैं भी चौकीदारभारी पड़ गया। जनता ने मोदी के नारे पर भरोसा किया और पिछली बार की 282 सीटों (2014) से भी अधिक 303 सीटों (2019) पर कमल खिलाकर उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री की गद्दी सौंप दी थी।  

बहरहाल, इसके पहले भी कांग्रेस नरेन्द्र मोदी को रावण समेत कई अन्य तमगे दे चुकी है। हालांकि ये तमगे उसी के लिए घातक साबित हुए हैं। साल 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी द्वारा उन्हें कहे गये मौत का सौदागर’  और उसके बाद प्रियंका वाड्रा के नीचशब्द को उन्होंने किस तरह कांग्रेस के खिलाफ हथियार बना लिया, यह जगजाहिर है। इसी तरह मणिशंकर अय्यर ने मोदी को चायवाला क्या कह दिया कि उन्होंने चाय पर चर्चा ही शुरू कर दी। ताजा मामला मोदी का कोई परिवार नहीं हैका है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जवाब पूरा देश मोदी का परिवारके जरिए दिया है। तेलंगाना की रैली में जैसे ही उन्होंने यह कहा कि पूरा देश कह रहा है कि मैं हूं मोदी का परिवार। यह एक अभियान बन गया और सोशल मीडिया पर यह पहले नंबर पर ट्रेंड करने लगा। 

modi quotes
lalu quotes
अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें