दो वोटर कार्ड रखने पर हो सकती है ये सजा, जान लें क्या है इसे लेकर नियम

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Monday, August 4, 2025

Updated On: Monday, August 4, 2025

दो वोटर कार्ड रखने पर सजा के नियमों की जानकारी देता एक वोटर आईडी कार्ड का चित्र.

बिहार में एसआईआर के विरोध के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव के 2 वोटर आईडी कार्ड का मामला उभर आया है. इससे यह सवाल भी उठा है कि क्या दो अलग-अलग EPIC नंबर वाले मतदाता पहचानपत्र रखना गैरकानूनी है. अगर हां तो इसमें कितनी सजा और जुर्माना हो सकता है.



Authored By: Ranjan Gupta

Updated On: Monday, August 4, 2025

भारत में मतदान का अधिकार लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है (Voter ID Card). लेकिन इस अधिकार का गलत इस्तेमाल न हो, इसके लिए चुनाव आयोग ने सख्त नियम बनाए हैं. इनमें सबसे अहम नियम है कि एक व्यक्ति का नाम केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना चाहिए. 

अगर कोई व्यक्ति दो वोटर कार्ड बनवाता है, तो यह भारतीय कानून के तहत एक अपराध माना जाता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि दो वोटर कार्ड रखना क्यों गलत है, इससे जुड़ा कानून क्या कहता है, और अगर गलती से आपके पास दो कार्ड हो गए हैं तो क्या करना चाहिए.

भारत में Voter ID Card का महत्व

वोटर कार्ड न सिर्फ मतदान के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह एक वैध पहचान पत्र के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आधार, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की तरह इसे सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों में पहचान पत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है. यही नहीं, यह चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करता है. इसी के जरिए लोग अपने पसंदीदा प्रतिनिधियों को वोट दे पाते हैं, जिससे एक सरकार का चयन होता है. यह ग्राम पंचायत से लेकर देश की सरकार होती है.

लेकिन इसका उपयोग सिर्फ उसी उद्देश्य से किया जाना चाहिए, जिसके लिए यह बना है यानी एक भारतीय नागरिक का प्रतिनिधित्व. दो या अधिक वोटर कार्ड होने से फर्जी मतदान (Bogus Voting), चुनावी धोखाधड़ी और लोकतांत्रिक व्यवस्था की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है.

क्यों बन जाते हैं दो Voter ID Card?

वोटर कार्ड एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें सबसे ज्यादा ऐसे मामले देखे जाते हैं कि ये कई लोगों के पास दो-दो होते हैं. अक्सर जब लोग अपने राज्य से किसी दूसरे राज्य में माइग्रेट होकर जाते हैं तो ऐसा होता है. जिस जगह वो मूल रूप से रहते हैं, वहां पहले ही उनका वोटर कार्ड बना होता है. वहीं दूसरे राज्य में जाकर भी वो अपने पते के लिए वोटर कार्ड बनवा लेते हैं. ऐसे में कई लोगों के पास दो EPIC नंबर होते हैं, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है. 

दो वोटर आईडी कार्ड रखना गैरकानूनी

भारत में दो वोटर आईडी कार्ड रखना गैरकानूनी है. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के नियमों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 (Representation of the People Act, 1950) के तहत, एक व्यक्ति का नाम एक से अधिक मतदाता सूची में दर्ज होना या दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड रखना अपराध माना जाता है. 

ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है. दो वोटर आईडी रखने से कोई व्यक्ति एक से अधिक बार मतदान करने की कोशिश कर सकता है, जो निर्वाचन प्रक्रिया के खिलाफ है.

हो सकती है जेल की सजा

ऐसा होने पर एक साल की सजा और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. इसमें ये भी देखा जाएगा कि आपने किस मकसद से ऐसा किया. हालांकि आधार कार्ड में बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल होता है, इसीलिए इसका गलत इस्तेमाल होन की संभावना भी कम होती है. 

दो वोटर आईडी कार्ड है तो क्या करें ?

  • अगर किसी के पास दो वोटर कार्ड हैं तो उसे एक कार्ड को रद्द करवाना जरूरी है. इसके लिए वो भारतीय चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वोटर कार्ड रद्द करने के विकल्प को सिलेक्ट कर उसे कैंसिल कराने की रिक्वेस्ट डाल सकता है. रिक्वेस्ट के कुछ ही दिन के भीतर वोटर आईडी कार्ड रद्द हो जाएगा.
  • भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में चुनावों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह नियमों का पालन करे. दो वोटर कार्ड रखना सिर्फ कानून तोड़ना नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करना है.
  • अगर आपके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं, तो आज ही एक को रद्द करवाएं और चुनाव आयोग की प्रक्रिया का पालन करें. आपकी ईमानदारी ही इस देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाती है.


About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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