Technique for Sound Sleep: रात को सोने के लिए 2 प्रभावी तरीके अपनाएं

Technique for Sound Sleep: रात को सोने के लिए 2 प्रभावी तरीके अपनाएं

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, December 19, 2024

Updated On: Thursday, December 19, 2024

Sound sleep ke liye 2 prabhavi tareeke apnaye
Sound sleep ke liye 2 prabhavi tareeke apnaye

बिस्तर पर जाने से पहले खुद को शांत करना जरूरी है। आंख बंद करने पर व्यक्ति को शांत वातावरण और उससे जुड़े क्रियाकलापों की कल्पना करनी चाहिए।

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, December 19, 2024

इन दिनों नींद की समस्या आम हो गई है। नींद न आने के कारण हम रात भर करवटें बदलते रहते हैं। किसी प्रकार का तनाव होने, बीमारी, वर्क प्रेशर के कारण भी हमें नींद नहीं आती है। कभी-कभी रात में नींद न आना आम बात है। यदि रोज नींद नहीं आती है और नींद की कमी दैनिक जीवन को प्रभावित करने लगे तो, यह एक समस्या बन सकती है। यह हमारे स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने लगती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि शोध से प्रमाणित हो चुके 2 विधियों को अपनाया जाए, तो नींद की समस्या खत्म हो सकती है। हमें साउंड स्लीप (Technique for Sound Sleep) मिल सकती है।

इनसोमानिया के कारण एंग्जायटी (Insomnia causes Anxiety)

योग विशेषज्ञ विनीता यादव बताती हैं, ‘नींद न आने की समस्या इनसोमानिया (Insomnia) कहलाती है। यह देखा जाता है कि इनसोमानिया से पीड़ित लोग जब सोने के लिए बहुत अधिक प्रयास करते हैं, तो उनमें एंग्जायटी बढ़ने लगती है। व्यक्ति दिमाग में आने वाले विचारों से परेशान होने लगता है। इससे नींद आना और मुश्किल हो जाता है। यदि नींद न आने पर व्यक्ति जागे रहने की कोशिश करे, तो नींद से जुड़ी एंग्जायटी घट सकती है। एंग्जायटी घटने के बाद यदि नींद आती है, तो व्यक्ति को ताजगी महसूस हो सकती है।’

नींद लाने के लिए 2 तकनीक 

1.  शांत वातावरण की कल्पना 

विनीता यादव के अनुसार, हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के शोध बताते हैं, ‘ बिस्तर पर जाने से पहले खुद को शांत करना जरूरी है। आंख बंद करने पर व्यक्ति को शांत वातावरण और उससे जुड़े क्रियाकलापों की कल्पना करनी चाहिए। इससे दिमाग शांत होता है और जल्दी नींद आ जाती है।

2.  प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन तकनीक (Progressive Muscle Relaxation Technique)

प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन तकनीक शरीर के हर हिस्से को तनावमुक्त करने के लिए डिजाइन की गई है। इसे अपनाने से हल्का और रिलैक्स महसूस किया जाता है। सबसे पहले अपने भौहों को 5 सेकंड के लिए जितना ऊंचा खींचा जा सकता है, उतना ऊपर खींचें। इससे माथे की मांसपेशियों को तुरंत आराम मिलेगा। 10 सेकंड तक उसी अवस्था में रहें। फिर रिलैक्स करें। आगे जितना संभव हो उतना मुस्कुराएं। इससे गाल रिलैक्स होंगे। 5 सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें। 10 सेकंड तक रिलैक्स करें।

10 सेकंड का रिलैक्सेशन

आंखों पर दवाब डालते हुए 5 सेकंड के लिए बंद करें। फिर 10 सेकंड के लिए रिलैक्स करें। इसके बाद सिर को गर्दन के इतना पीछे ले जाएं कि नजर छत पर टिक जाए। 5 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। फिर गर्दन को सामान्य स्थिति में ले जाएं। ऐसे ही शरीर के बाकी हिस्सों हाथ, छाती, जांघ और पैर की मांसपेशी पर खिंचाव डालते हुए उन्हें रिलैक्स करें।

 

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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