Black Plastic Side Effects : ब्लैक प्लास्टिक वाले बर्तन बन सकते हैं कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण, स्टडी

Black Plastic Side Effects : ब्लैक प्लास्टिक वाले बर्तन बन सकते हैं कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण, स्टडी

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, October 3, 2024

Updated On: Thursday, October 3, 2024

black plastic side effects
black plastic side effects

बच्चों के खिलौनों, रेस्टोरेंट से आनेवाले टेकआउट कंटेनरों, रसोई के बर्तनों में इस्तेमाल किए जाने वाले काले रंग के प्लास्टिक में खतरनाक स्तर के टॉक्सिक अग्निरोधी या फ्लेम रेटार्डेंट पॉलीब्रोमिनेटेड डिफेनिल ईथर हो सकते हैं। ब्लैक प्लास्टिक में मौजूद केमिकल कैंसर (Cancer) जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, October 3, 2024

हाल के दिनों रेस्टोरेंट से प्लास्टिक के ब्लैक बर्तनों में फ़ूड पैक कर घर पर डेलिवर करने का चलन बढ़ा है। इसमें आग रोकने वाला रसायन पाया गया है, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक माना गया है। कुछ शोध बताते हैं कि यह कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। गर्म खाने के साथ मिलकर इसमें मौजूद रसायन हमारे शरीर के अंदर तक पहुंच जाता है। इसलिए 2021 में ही इस पर अमेरिका में बैन लगा दिया गया। लेकिन भारत में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। जानते हैं ब्लैक प्लास्टिक डब्बे से होने वाले नुकसान (Black Plastic Side Effects) को।

रीसाइक्लिंग के दौरान निकल सकते हैं हार्मफुल केमिकल (Harmful chemical of Black Plastic)

बच्चों के खिलौनों, रेस्टोरेंट से आनेवाले टेकआउट कंटेनरों, रसोई के बर्तनों में इस्तेमाल किए जाने वाले काले रंग के प्लास्टिक में खतरनाक स्तर के टॉक्सिक अग्निरोधी या फ्लेम रेटार्डेंट पॉलीब्रोमिनेटेड डिफेनिल ईथर हो सकते हैं। ये रीसाइक्लिंग के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से निकल सकते हैं। एक काले रंग की प्लास्टिक सुशी ट्रे में फ्लेम रेटार्डेंट डेकाब्रोमोडिफेनिल ईथर या संक्षेप में डेकाबीडीई (DECABDE) के 11,900 भाग प्रति मिलियन थे। यह रसायन पॉलीब्रोमिनेटेड डिफेनिल ईथर या पीबीडीई अग्निरोधी तत्वों के वर्ग का सदस्य है। अप्रैल 2024 के एक अध्ययन के अनुसार, पीबीडीई के उच्चतम रक्त स्तर वाले लोगों में कैंसर से मरने की संभावना सबसे कम स्तर वाले लोगों की तुलना में लगभग 300% अधिक थी।

अमेरिका में डेकाब्रोमोडिफेनिल ईथर पर प्रतिबंध

जर्नल केमोस्फीयर में प्रकाशित स्टडी के अनुसार अमेरिका में ब्लैक प्लास्टिक पर स्टडी की गई। निष्कर्ष में पाया गया कि ब्लैक प्लास्टिक में मौजूद फ्लेम रेटार्डेंट पॉलीब्रोमिनेटेड डिफेनिल ईथर कैंसर, एंडोक्राइन और थायरॉयड संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा यह भ्रूण के विकास, चाइल्ड डेवलपमेंट और न्यूरोबिहेवियरल फ़ंक्शन, प्रजनन और प्रतिरक्षा प्रणाली विषाक्तता से भी जुड़ा हो सकता है। यही वजह रही कि वर्ष 2021 में ही अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने डेकाबीडीई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।

रीसाइकिल नहीं होने के कारण टॉक्सिक हैं ब्लैक प्लास्टिक (Health Risks of Black Plastic)

प्रतिबंध के बावजूद परीक्षण किए गए 70% नमूनों में डेकाबीडीई पाया गया, जो यूरोपीय संघ की 10 भाग प्रति मिलियन की सीमा से 5 से 1,200 गुना अधिक था। शोध के अनुसार, काले प्लास्टिक मूल रूप से अपने रंग के कारण रीसाइकिल के योग्य नहीं होते हैं। इनमें भारी धातुओं और अग्निरोधी पदार्थों सहित विषाक्त रसायनों की अनियमित मात्रा भी हो सकती है। इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। यदि ब्लैक प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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