Nipah Virus Outbursts in Kerala : केरल में निपाह वायरस से इस साल दूसरी मौत, क्यों यहां फ़ैल रहा जानलेवा वायरस

Nipah Virus Outbursts in Kerala : केरल में निपाह वायरस से इस साल दूसरी मौत, क्यों यहां फ़ैल रहा जानलेवा वायरस

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, September 17, 2024

Updated On: Tuesday, September 17, 2024

Nipah Virus in Kerala
Nipah Virus in Kerala

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने यह पुष्टि की कि केरल के मलप्पुरम जिले के 24 वर्षीय युवक की मौत का कारण निपाह वायरस था। पिछले साल वॉल हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की जांच से पता चला कि केरल के कुछ हिस्से दुनिया भर में वायरस के प्रकोप के लिए सबसे ज़्यादा जोखिम वाले इलाकों में से हैं। यह मनुष्यों में दिमाग में सूजन पैदा करने वाला जानलेवा बुखार पैदा कर सकता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, September 17, 2024

अभी केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus in Kerala) तेजी से फ़ैल रहा है। बरती गई सतर्कता के बावजूद यह वायरस मौत का कारण बन रहा है।  दरअसल आबादी बढ़ने से यहां लोग जंगल के और अधिक समीप रहने लगे हैं। इसलिए जंगलों में रहने वाले पशुओं से मनुष्यों को होने वाले संक्रमण भी केरल में बढे हैं।  केरल में 2018 से 2024 तक निपाह से होने वाले संक्रमण के मामले सामने आते रहे हैं।  ताज़ा मामला मलप्पुरम जिले में निपाह वायरस से 24 वर्षीय युवक की मौत की है।

मलप्पुरम में निपाह वायरस से युवक की मौत (Nipah Virus Risks)

केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस से 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। कुछ दिन पहले मलप्पुरम जिले के ही एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी। इसके बाद जिले में सख्त रोकथाम उपाय लागू किए गए। 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद अब तक घातक  वायरस से अन्य संक्रमण होने की सूचना नहीं मिली है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने यह पुष्टि की कि केरल के मलप्पुरम जिले के 24 वर्षीय युवक की मौत का कारण निपाह था। 9 सितंबर को ही उसमें इंसेफेलाइटिस के लक्षण दिखे थे। इसके बाद उसकी मौत हो गई। कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरोलॉजी लैब में पीसीआर टेस्ट के बाद उसे निपाह वायरस होने का पता चला था। इसके बाद एनआईवी-पुणे ने इसकी पुष्टि की।

केरल में निपाह वायरस के आउटबर्स्ट के कारण (Nipah Virus Outbursts in Kerala)

पिछले साल वॉल हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की जांच से पता चला कि केरल के कुछ हिस्से दुनिया भर में वायरस के प्रकोप के लिए सबसे ज़्यादा जोखिम वाले इलाकों में से हैं। निपाह फल खाने वाले चमगादड़ों और सूअर जैसे पशुओं से आता है।  यह मनुष्यों में दिमाग में सूजन पैदा करने वाला जानलेवा बुखार पैदा कर सकता है। केरल के कुछ इलाकों में इंसान जंगल के बिलकुल पास रहते हैं। इस कारण पशुओं और चमगादड़ों के संपर्क में उनके रहने की संभावना भी बढ़ जाती है।

निपाह वायरस एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव फ्रूट्स बैट्स जिम्मेदार हैं, जो केरल में पाए जाते हैं।  यह संभावना है कि अन्य राज्यों में निपाह वायरस का संक्रमण और इससे होने वाली मौतें पता नहीं चल पा रही हों, जबकि केरल, विशेषकर कोझिकोड जिले में यह सामने आ रहा हो।

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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