International yoga Day : योगासन और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों हो रहा बेहतर

International yoga Day : योगासन और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों हो रहा बेहतर

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, June 20, 2025

Updated On: Friday, June 20, 2025

International yoga Day : योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों को मजबूती देने का काम करता है. कई योगासन के नियमित अभ्यास डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव भी करते हैं. साथ ही इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Friday, June 20, 2025

भागदौड़ भरी जिंदगी और असंतुलित खानपान से लोग छोटी उम्र में ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. पहले जो बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ होती थीं, अब 20-25 की उम्र में ही हो जाती है. ऐसे में योग एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिससे न सिर्फ बीमारियों के लिए दवाओं पर निर्भरता घटती है, बल्कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. विशेषज्ञ बताते हैं कि योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. इस अवसर (International yoga Day) पर हमें जानना चाहिए कि कैसे योग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

बीमारियों को दूर करता है योग (Yoga for Diseases)

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित शोध बताते हैं कि इन दिनों डॉक्टर भी खुद योग करते हैं और अपने मरीजों को दवा के साथ योगासन और प्राणायाम अपनाने की सलाह देते हैं. ध्यान देने योग्य बात यह है कि योग की कठिन क्रियाएं भी नियमित अभ्यास से सरल लगने लग सकती हैं, लेकिन शुरुआत हमेशा अच्छे योग प्रशिक्षक के निर्देशन में ही करना चाहिए. नियमित योग से बीपी, डायबिटीज, थायराइड, अस्थमा, डिप्रेशन, बैक पेन, मोटापा, इनफर्टिलिटी, अनिद्रा और माइग्रेन जैसी बीमारियों में अत्यंत लाभकारी साबित हुआ है. साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी यह मजबूत बनाता है.

स्वस्थ आहार भी जरूरी (Healthy Food for yoga)

शरीर पर योग का प्रभाव और अधिक होता है, जब साथ में स्वस्थ आहार भी लिया जाए. संतुलित और संयमित आहार मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है. इसमें ताजे फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज शामिल होते हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं. श्रीमद्भागवद गीता में भी यौगिक आहार को शुद्ध विचार और निर्मल जीवन के लिए आवश्यक बताया गया है.

अष्टांग योग (Ashtanga Yoga)

अष्टांग योग को आठ-अंग योग भी कहा जाता है. इसका वर्णन पतंजलि के योग सूत्रों में मिलता है, जो योग का एक प्राचीन मार्ग है. यह योग अभ्यास के आठ अंगों को संदर्भित करता है, जो व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार और पूर्णता की ओर ले जाते हैं. ये आठ अंग हैं: यम (सामाजिक नैतिकता), नियम (व्यक्तिगत नैतिकता), आसन (शारीरिक मुद्राएं), प्राणायाम (सांस पर नियंत्रण), प्रत्याहार (इंद्रियों का संयम), धारणा (एकाग्रता), ध्यान और समाधि (अंतिम समाधि).

जानते हैं कुछ रोगों के लिए फायदेमंद योगासन (Yogasana for Diseases)

  • तनाव, बेचैनी, अनिदा – भ्रामरी, अनुलोम-विलोम, योगनिदा
  • पीठ दर्द, सर्वाइकल पेन- भुजंगासन, मरकटासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन
  • मोटापा- सूर्य नमस्कार, कपालभाति, मलासन
    इम्यूनिटी और थकान- ताड़ासन, वृक्षासन, तितली आसन
  • डायबिटीज- मंडूकासन, वज्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन
  • ब्लड प्रेशर- शवासन, ताड़ासन, उत्कटासन, शीतली प्राणायाम
  • थायराइड- उज्जायी प्राणायाम, भुजंगासन, मत्स्यासन, हलासन
  • इनके अलावा, दर्जनों बीमारियों में असरदार है योग

दवा से अधिक प्रभावी योगासन (Yoga Impact) 

योग प्रशिक्षक आचार्य कौशल बताते हैं कि महर्षि पतंजलि ने अपने योग सूत्र में स्पष्ट बताया है कि योग दवा से कहीं अधिक प्रभावशाली है. योग से व्यक्ति न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी स्वस्थ रहता है. यह मन और आत्मा को जोड़ने का माध्यम बनता है. इससे इंद्रियां नियंत्रित होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मरकटआसन, पवनमुक्तासन जैसे कई योगासन हैं, जो ब्लड शुगर कंट्रोल कर डायबिटीज से बचाव करते हैं.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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