काम का प्रेशर और तनाव दूर करने में कारगर है शीतली प्राणायाम, जान लें इसके फायदे

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, August 13, 2025

Updated On: Wednesday, August 13, 2025

Sheetali Pranayama benefits – शीतली प्राणायाम से तनाव और काम के दबाव में राहत.

भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम हो गया है, लेकिन भारतीय योग पद्धति का शीतली प्राणायाम इसे कम करने का सरल और प्रभावी तरीका है. यह न केवल मन को शांत करता है बल्कि शरीर को ठंडक देकर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है.



Authored By: Ranjan Gupta

Updated On: Wednesday, August 13, 2025

 Sheetali Pranayama benefits: आज की तेज रफ्तार और दबाव भरी जिंदगी में तनाव से बच पाना मुश्किल हो गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2019 में दुनिया भर में 301 मिलियन लोग तनाव से प्रभावित हुए. ऐसे में योग की पारंपरिक तकनीकें एक बेहतर समाधान बनकर उभर रही हैं. उन्हीं में से एक है शीतली प्राणायाम, जो गर्मी के मौसम में शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और तनाव को कम करता है.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, शीतली प्राणायाम एक ऐसा सरल अभ्यास है जो शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है. ‘शीतल’ शब्द से व्युत्पन्न यह प्राणायाम तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करने में प्रभावी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के मौसम में यह विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह शरीर की गर्मी को कम करता है और शांति देता है.

क्या है शीतली प्राणायाम?

शीतली प्राणायाम योग की एक खास तकनीक है, जिसका जिक्र हठयोग प्रदीपिका जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, ‘शीतली’ शब्द का मतलब होता है ठंडक या सुकून देने वाला. इस प्राणायाम में जीभ को ट्यूब जैसी आकृति में मोड़कर सांस अंदर ली जाती है. इससे हवा मुंह के जरिए ठंडी होकर शरीर में जाती है, जो शरीर और मन दोनों पर सुकून भरा असर डालती है. यह योग की आठ मुख्य प्राणायाम तकनीकों में से एक मानी जाती है और शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.

कैसे करें शीतली प्राणायाम?

आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, इसे करना बेहद आसान है. सबसे पहले किसी ध्यानात्मक मुद्रा जैसे पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठें. दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें. अब जीभ को बाहर निकालें और उसके दोनों किनारों को मोड़कर एक नली जैसा आकार दें. इस नली से धीरे-धीरे गहरी सांस लें, जैसे स्ट्रॉ से पानी पी रहे हों. सांस भरने के बाद मुंह बंद करें और दोनों नासिका छिद्रों से धीरे-धीरे सांस छोड़ें. शुरुआती लोग चार चक्र दोहरा सकते हैं, जबकि अनुभवी 10 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं. इसे रोजाना करने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और तंत्रिका तंत्र मजबूत बनता है.

शीतली प्राणायाम के लाभ

शीतली प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई तरह के लाभ मिलते हैं. यह मन को शांत कर तनाव और चिंता कम करता है. पाचन संबंधी परेशानियां जैसे एसिडिटी और कब्ज में राहत देता है. गर्मी से होने वाली थकान, हाई ब्लड प्रेशर और सूजन को कम करने में भी सहायक है. शोध बताते हैं कि इसका लगातार अभ्यास नींद की गुणवत्ता सुधारता है और एकाग्रता बढ़ाता है.

गर्मियों में यह शरीर का तापमान नियंत्रित रखने में मदद करता है, जिससे लू या ज्यादा गर्मी से बचाव होता है. मंत्रालय का सुझाव है कि इस प्राणायाम को हमेशा खाली पेट किया जाए. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अगर मुंह में कोई संक्रमण है, सर्दी-जुकाम है, तो इसे करने से बचें. गर्भवती महिलाएं और हृदय रोगी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका अभ्यास करें.

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About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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