“जीवन से जुड़ने का सूत्र है योग” (Yoga is the Key to Connecting with Life) : नीमुबेन बाभंणिया

“जीवन से जुड़ने का सूत्र है योग” (Yoga is the Key to Connecting with Life) : नीमुबेन बाभंणिया

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Saturday, June 22, 2024

nimuben babhania minister ayush ministry
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दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के लाल किले स्थित प्रांगण में ब्रह्माकुमारी संस्था (Brahma Kumari Organization) एवं आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) की ओर से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ‘स्वयं एवं समाज के लिए योग’ थीम को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 20 हजार लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

इस लेख में:

हाईलाइट:

  • दुनिया कर रहा है भारत का अनुकरण।
  • दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लाल किले में हुआ भव्य आयोजन ।
  • ब्रह्मा कुमारी संस्था और आयुष मंत्रालय का संयुक्त कार्यक्रम।
  • 20 हजार लोग हुए शामिल।

योग करें, निरोग रहें

इस मौके पर मुख्य अतिथि उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की राज्य मंत्री नीमुबेन बाभंणिया (Minister of State Nimuben Babhania) ने कहा कि योग भारत की पुरातन संस्कृति का भाग है। 2015 में प्रथम योग दिवस के अवसर पर विश्व भऱ के 177 देशों ने हमारे साथ योगाभ्यास किया था, जिससे भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा साकार हो सकी। हमारा देश अब बदल रहा है। पूरा विश्व हमारा अनुकरण कर रहा है। प्रधानमंत्री जी की पहल पर शुरू हुए योग दिवस के कारण आज योग दुनिया के घर-घर में पहुंच चुका है। वहां के लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। कह सकते हैं कि योग जीवन से जुड़ने का सूत्र है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं जीवनशैली से जुड़ी अन्य बीमारियों को दूर करने में काफी कारगर साबित हुआ है। इसलिए जीवन का एक ही मंत्र होना चाहिए- करें योग, रहें निरोग। यह मानवता के साथ प्रकृति के साथ जुड़ने का भी एक प्रमुख माध्यम है। इससे वेलनेस एवं फिटनेस दोनों की गारंटी होती है।

समय की पुकार है योगी जीवन

कार्यक्रम में माउंट आबू से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े ब्रह्माकुमारी संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। समय की पुकार भी है योगी जीवन। परंतु आज पूरा समाज भोगी जीवन जीने को अभिशप्त है। उससे पीड़ित है। ऐसे में आयुष मंत्रालय द्वारा रखा गया इस वर्ष का थीम प्रासंगिक है, जो कहता है- ‘स्वयं एवं समाज के लिए योग’। व्यक्ति समाज की इकाई है। जब तक समाज में योगी जीवन को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा, तब तक लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं है। श्रीमद्भगवद गीता में वर्णित राजयोग वह मानसिक योग है जिसमें आत्मिक स्वरूप में स्थित रहकर परमात्मा से योग लगाया जाता है। क्योंकि त्रुटियां आत्मा में ही होती हैं, इसलिए इस योग का अभ्यास करने से एक व्यक्ति न सिर्फ स्वस्थ, बल्कि योगी जीवन जी सकता है। अहम बात ये भी है कि हर आयु का व्यक्ति अपने सारे कर्म एवं कर्तव्य करते हुए इसका अभ्यास कर सकता है।

विश्व भर में योग की धूम

वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत के बाद से आज यह सिर्फ देश ही नहीं, अपितु विदेशों में भी बड़े उल्लास से मनाया जाने लगा है। शुरुआत के समय जहां दुनिया भर के 36 हजार लोग इसमें शामिल हुए, वहीं बीते वर्ष यह संख्या करीब 23 करोड़ 44 लाख के पास पहुंच गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में इसे एक ऐतिहासिक घटना बताया। उन्होंने कहा कि विश्व भर में योग के प्रति आकर्षण दिनों दिन बढ़ रहा है।

योग की अलग अलग व्याख्या

dr mahesh dadhichआयुष मंत्रालय के अंतर्गत संचालित नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड के सीईओ डॉ. महेश दधीच ने कहा कि योग का अर्थ सिर्फ आसन, प्राणायाम करना ही नहीं है, बल्कि इसमें मन की शुद्धि, पवित्रता आदि भी आती है। पतंजलि में जहां अष्टांग योग का उल्लेख मिलता है, तो आयुर्वेद में भी इसकी विशेष प्रकार से व्याख्या की गई है। इसके अनुसार, योग एवं मोक्ष से सभी प्रकार की वेदना अथवा पीड़ा समाप्त हो जाती है। मोक्ष जहां निवृत्ति को दूर करता है, वहीं योग मोक्ष की तरह प्रवर्तन करने वाला है। गीता तो अपने आपमें एक योग शास्त्र है। इसके छठे अध्याय में योग के बारे में विस्तार से बताया गया है।

योग से आती कर्म में कुशलता

bk asha member of brahama kumari managementइससे पूर्व, आयुष मंत्रालय के योग एक्सपर्ट्स कमिटी की सदस्य एवं ब्रह्माकुमारीज के मैनेजमेंट कमिटी की सदस्य बीके आशा ने केंद्र सरकार में राज्य मंत्री नीमुबेन का स्वागत किया। बीके आशा ने कहा कि योग से कर्म में कुशलता आती है और आज के कार्यक्रम से प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने इसे साबित भी कर दिखाया। इसके लिए संस्था की बहनों एवं आयुष मंत्रालय दोनों को बधाई देती हूं कि उन्हें कम समय में इतना व्यवस्थित आयोजन किया।

सीखें अनुशासन

Chandni Chowk MP Praveen Khandelwalइस मौके पर उपस्थित चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसी को अगर अनुशासन सीखना है, तो वे ब्रह्मा कुमारी संस्था संस्था से सीख सकते हैं। आज के कार्यक्रम में 108 ब्रह्माकुमारी बहनों ने संगठित रूप से राजयोग मेडिटेशन किया। उपस्थित लोगों ने योग के विभिन्न आसन भी किए। कार्यक्रम में वरिष्ठ राजयोगिनी बीके शुक्ला, बीके पुष्पा, बीके चक्रधारी, बीके गीता समेत कई ब्रह्माकुमार भाई-बहनें उपस्थित रहे। मंच का संचालन राजयोग की वरिष्ठ प्रशिक्षिका बीके उर्मिल एवं बीके सपना ने किया।

About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
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