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‘मारुत ड्रोन्स’ के CEO प्रेम विस्लावत का कदम: किसानों-सफाई कर्मियों की मदद की शुरुआत की
‘मारुत ड्रोन्स’ के CEO प्रेम विस्लावत का कदम: किसानों-सफाई कर्मियों की मदद की शुरुआत की
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Thursday, December 19, 2024
Updated On: Thursday, December 19, 2024
देश के युवा इनोवेशन के जरिये हर उस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हमारा समाज जूझ रहा है। यहां तक कि कई युवा उद्यमी भी तकनीक की मदद से आसपास की समस्याओं का निदान करने में जुटे हैं। जैसे हैदराबाद स्थित ‘मारूत ड्रोन्स’ (Marut Drones) कंपनी के सीईओ एवं सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावथ। ये ड्रोन्स की मदद से मच्छरों को मारने से लेकर किसानों को कैंसर की चपेट में आने से रोक रहे हैं।
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Thursday, December 19, 2024
मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए लोग क्या-क्या उपाय नहीं करते हैं। लेकिन जब तक शहर में गंदगी रहेगी, तब तक इनसे निजात मिलना संभव नहीं। प्रेम के अभिभावकों के घर के करीब भी मच्छरों का आतंक सा था। कई बार स्थानीय निकायों को शिकायत करने के बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा था। मच्छरों से होने वाली बीमारियों भी दिनों दिन बढ़ रही थीं। तब आइआइटी गुवाहाटी में पढ़ रहे प्रेम के मन में एक आइडिया आया कि क्यों न ड्रोन की मदद से प्रदूषित वॉटर बॉडीज को साफ किया जाए।
हैदराबाद में सफाई के लिए किया ड्रोन का प्रयोग
प्रेम बताते हैं, ‘मैंने देखा था कि कैसे नगर निगम के सफाई कर्मी गहरे नालों में उतरते थे और वहां की सफाई करते थे। हर साल दो से तीन हजार लोगों को इस कार्य में लगाया जाता था। लेकिन इससे उन्हें खुद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। तब हमने ड्रोन की मदद से सफाई करने का फैसला किया। साल 2016-17 की बात है। हमने हैदराबाद में प्रयोग किया, जिससे मच्छर जनित बीमारियों की संख्या 20 हजार से घटकर 1500 रह गई।‘
कैंसर की चपेट में आने वाले किसानों की मदद
प्रेम हमेशा से एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे, ऐसा नहीं था। आइआइटी में पढ़ते हुए उन्हें फिल्में बनाने का शौक था। उन्होंने ‘रास्ता फिल्म्स’ एवं ‘रास्ता स्टूडियोज’ नाम से अपनी एक कंपनी भी बना रखी थी। एक बार किसी फिल्म का निर्माण करते हुए उन्हें पंजाब के कथित कैंसर ट्रेन की जानकारी मिली। इस ट्रेन में ज्यादातर कैंसर मरीज सफर करते थे, जो इलाज के लिए पंजाब से राजस्थान जाते थे। बताते हैं प्रेम, ‘हमने पाया कि करीब 80 से 90 फीसद किसान कीटनाशकों के छिड़काव के कारण कैंसर की चपेट में आ जाते हैं। यह समस्या सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के किसानों की भी है। वर्ष 2018 में हमने इस पर काम करना शुरू किया कि कैसे कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।‘
एक लाख से अधिक किसानों की मदद की
कृषि क्षेत्र में ड्रोन की भूमिका दिनों दिन बढ़ रही है। कीटनाशकों के छिड़काव से लेकर फसलों की निगरानी समेत कई काम अब इससे काफी आसान हो गए हैं। प्रेम के अनुसार, मारुत ड्रोन ने एक लाख से अधिक किसानों को ड्रोन की सेवाएं दी हैं। इससे उन्हें फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद मिली है। वे बताते हैं, हमारा ड्रोन सर्विस मॉडल किसानों को लचीली, ऑन डिमांड ड्रोन सर्विस देने के लिए डिजाइन किया गया है। किसान मेंबरशिप लेकर पेमेंट के आधार पर आधुनिक ड्रोन तकनीक की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
सीरीज ए फंडिंग के तहत रेज किया 6.2 मिलियन डॉलर
प्रेम भारतीय किसानों को सशक्त बनाना चाहते हैं। उनके लिए ऐसी तकनीक विकसित करना चाहते हैं, जिससे वे बिना किसी नुकसान के खेती-किसानी कर सकें। हाल ही में कंपनी ने सीरीज ए फंडिंग के तहत करीब 6.2 मिलियन डॉलर रेज किया है। इससे ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप ड्रोन्स का निर्माण किया जाएगा। प्रेम बताते हैं, ‘हम टियर-2 एवं 3 शहरों में पार्टनर नेटवर्क एवं सर्विस सेंटर्स भी शुरू करना चाहते हैं, जिससे ग्रामीण ग्राहकों तक पहुंच बना सकें। हम ड्रोन एग्रीकल्चर सर्विस हब भी शुरू कर रहे हैं, जो पार्टनरशिप के जरिये संचालित किए जाएंगे। ड्रोन एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए कुशल पेशेवरों की नियुक्ति भी की जाएगी। हम 17 नए ड्रोन एकेडमी शुरू करने जा रहे हैं, जहां ड्रोन पेशेवर तैयार किए जाएंगे।‘
सालाना तीन हजार ड्रोन बनाने का लक्ष्य
प्रेम ने अपने साथियों सूरज पेडी एवं साई कुमार के साथ मिलकर 2019 में मारूत ड्रोन्स की शुरुआत की थी, जो ड्रोन्स का निर्माण करती है। हालिया निवेश के बाद इन्होंने सालाना करीब तीन हजार ड्रोन्स के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इससे अगले पांच सालों में कंपनी का राजस्व 1000 करोड़ रुपये के करीब पहुंचाने का टारगेट है। कहते हैं प्रेम, ‘हम पूरे भारत में अपनी पहुंच बनाना चाहते हैं, ताकि कृषि संबंधी टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल हो सके।