वक्फ बोर्ड की नोटिस से परेशान सिद्धारमैया सरकार, भाजपा ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

वक्फ बोर्ड की नोटिस से परेशान सिद्धारमैया सरकार, भाजपा ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Saturday, November 2, 2024

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

waqf board notice to siddaramaiah government
waqf board notice to siddaramaiah government

कर्नाटक में किसानों की जमीन को वक्फ द्वारा अपना बताने का मुद्दा अब भी गरमाया हुआ है। यह मुद्दा तब और गरमा गया, जब सिद्धारमैया सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान का एक बयान सामने आया।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Wednesday, April 16, 2025

कांग्रेस (Congress) की सरकार वाले एक और राज्य कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने कई संपत्तियों और जमीन को अपना बताते हुए नोटिस भेजा है। यहां वक्फ बोर्ड का नोटिस तब सुर्ख़ियों में आया, जब एक गांव के किसानों की 1500 एकड़ भूमि को वक्फ ने अपना बताया। यह गांव विजयपुरा जिले में है। इसकी भनक भाजपा को लगी। तब भाजपा (BJP) के युवा नेता एवं बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या (MP Tejasvi Surya) ने किसानों के इस मुद्दे को उठाया।

कर्नाटक में किसानों की जमीन को वक्फ द्वारा अपना बताने का मुद्दा अब भी गरमाया हुआ है। यह मुद्दा तब और गरमा गया, जब सिद्धारमैया सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान का एक बयान सामने आया। जमीर अहमद अपने बयान में कह रहे हैं कि वह वक्फ की संपत्ति को एक महीने के भीतर कब्ज़ा मुक्त करा रहे हैं। इसके लिए वे सभी संबंधित विभागों की एक साथ बैठक लेकर उन्हें काम पर लगाया गया है। भाजपा की मांग जमीर अहमद खान को मंत्री पद से बर्खास्त करने की है। भाजपा 4 नवम्बर को इसको लेकर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है।

किसानों की भूमि पर वक्फ की नजर

कर्नाटक में इस तरह के मामले केवल एक गांव में नहीं आया है। बेशक किसानों की भूमि पर वक्फ के दावे का मुद्दा सबसे पहले विजयपुरा में उठा। लेकिन भाजपा का कहना है कि कलबुर्गी, बीदर और शिवमोग्गा के किसानों ने भी इसी तरह की चिंता जताई है। यहां के किसानों के आरटीसी में उल्लेख यह मिलता है कि ‘यह वक्फ संपत्ति है, इसका लेन-देन प्रतिबंधित है।’ किसानों को जमीन छोड़ने के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा नोटिस भी भेजा जा रहा है।

किसानों का क्या है, कहना

किसानों का कहना है कि यह उनका पुश्तैनी जमीन है। वे एक सदी से अधिक समय से इस पर खेती कर रहे हैं। इनके पास अपनी जमीन के स्वामित्व स्थापित करने वाले सभी वैध, कानूनी एवं प्रासंगिक दस्तावेज हैं। इसके बावजूद किसानों की नोटिस भेजा गया है। इससे सभी किसान चिंतित हैं। इनमें से ही कुछ किसानों ने स्थानीय नेताओं के जरिये भाजपा को पूरी जानकारी दी।

सरकार ने अपने पैर खींचे पीछे

भाजपा द्वारा इसे मुद्दा बनाने और राज्यव्यापी आंदोलन करने के आह्वान करने के बाद प्रदेश सरकार को अपना पैर वापस खींचना पड़ा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) सरकार के कानून मंत्री एचके पाटिल और राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने बयान जारी कर कहा कि सरकार इस तरह के सभी नोटिस को वापस लेगी। साथ ही मंत्रियों ने म्यूटेशन वापस लेने का भी आश्वासन दिया है। आज 2 नवंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इसको लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के किसी किसान से जमीन वापस नहीं लिया जाएगा।’

भाजपा का राज्यव्यापी आंदोलन

इस मामले को सर्वप्रथम उठाने वाली भाजपा ने अब प्रदेशभर में आंदोलन करने की घोषणा की है। भाजपा ने इस तरह की सभी मामलों को खत्म करने और अल्पसंख्यक एवं वक्फ मंत्री ज़मीर अहमद खान को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। इसके लिए पार्टी ने 4 नवंबर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को याचिका दायर कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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