125 दिनों के एजेंडे पर कितना काम कर पायेंगे प्रधानमंत्री मोदी!

125 दिनों के एजेंडे पर कितना काम कर पायेंगे प्रधानमंत्री मोदी!

Authored By: रमेश यादव

Published On: Monday, June 10, 2024

Last Updated On: Thursday, October 3, 2024

125 दिनों के एजेंडे पर कितना काम कर पायेंगे प्रधानमंत्री मोदी!
125 दिनों के एजेंडे पर कितना काम कर पायेंगे प्रधानमंत्री मोदी!

इस बार महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए मोदी सरकार कुछ नए और बड़े ऐलान कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कहते रहे हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा। पिछले 10 साल का कार्य तो सिर्फ ट्रेलर है। जब उन्हें एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया तब भी उन्होंने ये बातें दोहराई थी।

Authored By: रमेश यादव

Last Updated On: Thursday, October 3, 2024

प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल:

  • इकोनॉमी की रफ्तार को बनाए रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अपना फोकस बनाए रख सकती है मोदी सरकार
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे नए युग के तकनीकी क्षेत्रों को नई मोदी सरकार में मिल सकता है बड़ा बढ़ावा
  • अपने तीसरे कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के तहत और मजबूत करने की कोशिश को बरकरार रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

मोदी सरकार 2.0 vs 3.0: बड़े बदलावों की उम्मीद

प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना, राम मंदिर का निर्माण और सीएए कानून बड़े फैसलों के रूप में गिना जाता है। हालांकि भाजपा के बहुमत से 32 सीटें दूर रह जाने के बाद क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही की तरह कड़े व बड़े फैसले ले पाएंगे। इस प्रश्न का सटीक जवाब आने वाले दिनों में ही मिल सकेगा। 

विदेश और रक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना
  • 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य

राजनीतिक जानकारों के अनुसार भले ही भाजपा बहुमत से दूर रह गई है लेकिन एनडीए सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी न तो विदेश नीति में कोई बदलाव लाएंगे और न ही रक्षा नीति में। साथ ही इकोनॉमी की रफ्तार को लेकर अपने कदम पीछे खींचने के मूड में तो वे बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहे हैं। चुनाव नतीजों के बाद देश को संबोधित करते हुए उनके भाषण में Indian Economy को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का जिक्र भी शामिल रहा।

सरकार की प्राथमिकताएं:

फोकस क्षेत्र

  • सेमीकंडक्टर उद्योग:

    • गुजरात और असम में नए प्लांट
    • पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन
  • अंतरिक्ष उद्योग

    • नवाचारी स्टार्टअप्स को बढ़ावा
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र

मोदी सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग पर तीसरे कार्यकाल में खास फोकस रख सकती है। पीएम मोदी ने इसी साल गुजरात के धोलेरा और साणंद और असम के मोरीगांव में तीन विनिर्माण और असेंबली सुविधाओं की नींव रखी। प्रोत्साहन और अन्य लाभों के साथ चिप निर्माताओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ, सरकार पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए छोटे सहायक उद्योग को भी बढ़ावा देने का प्रयास कर ही है।। अंतरिक्ष उद्योग में भी इसी तरह का जोर दिए जाने की उम्मीद है जो पहले से ही तेजी से विकास पथ पर है। नवाचार पर सवार छोटे स्टार्टअप को इस क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे अन्य नए युग के तकनीकी क्षेत्रों को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

अन्य प्रमुख क्षेत्र:

  • इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग
  • रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना
  • ‘मेक इन इंडिया’ पर ध्यान केंद्रित
  • व्यापार करने में आसानी बढ़ाना
  • निजी और विदेशी निवेश आकर्षित करना

जाहिर है मोदी सरकार इकोनॉमी की रफ्तार को बनाए रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अपना फोकस बनाए रख सकती है। प्रधानमंत्री मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के तहत और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनडीए के सहयोगी दलों के कहने पर आर्मी की अग्निवीर भर्ती को लेकर मोदी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। इस तरह की मांग सहयोगी दल जदयू की तरफ से उठाया भी जा चुका है। दरअसल इस भर्ती प्रणाली को लेकर युवाओं को काफी बरगलाया गया है।

इससे अलग सरकार का फोकस पहले की ही तरह ‘मेक इन इंडिया’ पर बना रहेगा। यह प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी आर्थिक परियोजना रही है। भारत की सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था के सामने उद्योगों के निर्माण में आने वाली विभिन्न चुनौतियों के बावजूद अथक उत्साह के साथ इसे बढ़ावा दे रहे हैं। उनका विनिर्माण अभियान भारत के निर्यात वृद्धि और रोजगार सृजन से भी जुड़ा हुआ है। जैसा कि यूबीएस रिपोर्ट ने आपूर्ति-पक्ष सुधारों की बात की है।

उम्मीद है कि सरकार महत्वाकांक्षी नए कानूनों, कर सुधारों, नए प्रोत्साहनों, व्यापार समझौतों, स्वदेशीकरण और शुल्क सुधारों के साथ विनिर्माण को बढ़ावा देगी ताकि व्यापार करने में आसानी और निजी पूंजीगत व्यय को बढ़ावा दिया जा सके और साथ ही विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। हालांकि, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस बार महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए मोदी सरकार कुछ और नए और बड़े ऐलान कर सकती है। बावजूद इसके कि गरीबों, किसानों और महिलाओं के लिए पहले से ही तमाम योजनाएं संचालित कर रही है। इन्हीं में से एक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) शामिल है जिसके तहत देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है।

अगले पांच साल का विजन:

  • इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

    • रेलवे का कायाकल्प
    • बुलेट ट्रेन और वंदे भारत का विस्तार
    • जलमार्गों का अभूतपूर्व इस्तेमाल
  • रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में नए मुकाम

  • नए क्षेत्रों का उदय युवाओं के लिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि देश की जनता आने वाले 5 साल में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाईयों पर देखेगी। आने वाले पांच साल भारतीय रेलवे के कायाकल्प के होंगे। आने वाले पांच साल बुलेट ट्रेन से लेकर वंदे भारत ट्रेन के विस्तार के होंगे। आने वाले पांच साल वॉटर वे के अभूतभूर्व इस्तेमाल के होंगे। आने वाले पांच साल में आप भारत के डिफेंस एक्सपो को नया रिकॉर्ड बनाते देखेंगे। आने वाले पांच साल में आप भारत के स्पेस सेक्टर की एक नई उड़ान देखेंगे। गगनयान की सफलता देखेंगे। आने वाले 5 साल में आप देश के युवाओं के लिए नए सेक्टर्स का उदय देखेंगे

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। इनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।
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