महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप, चुनाव आयोग पर उठे सवाल

महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप, चुनाव आयोग पर उठे सवाल

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, June 8, 2025

Updated On: Sunday, June 8, 2025

Rahul Gandhi election allegations

महाराष्ट्र और बिहार चुनावों को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के हालिया ट्वीट ने देश की सियासत में नई हलचल मचा दी है. राहुल गांधी ने मतदाता सूची(Voter List) में असामान्य वृद्धि को लेकर चुनाव आयोग से सवाल पूछे थे, जिन पर अब कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Sunday, June 8, 2025

Rahul Gandhi election allegations : राहुल गांधी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के सवाल भारत के चुनाव आयोग से हैं, भाजपा क्यों जवाब दे रही है?” पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि 2019 से 2024 के बीच पूरे पांच सालों में महाराष्ट्र में 31 लाख नए मतदाता जुड़े, जबकि केवल पांच महीनों में 41 लाख नए मतदाता जुड़ जाना संदेहास्पद है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े खुद सवाल खड़े करते हैं और चुनाव आयोग को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए. खेड़ा ने भाजपा (BJP) पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर सब कुछ पारदर्शी है तो सरकार और सत्तारूढ़ दल को आयोग के पीछे क्यों खड़ा होना पड़ रहा है?

महाराष्ट्र और बिहार चुनाव पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “राहुल गांधी, कांग्रेस पूरी तरह से दिगभ्रमित है. जनता उन्हें नकार चुकी है. वो तरह-तरह के आरोप लगाते हैं.

चुनाव आयोग ने पहले ही तथ्यात्मक खंडन जारी कर दिया

इस मुद्दे पर चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने पहले ही तथ्यात्मक खंडन जारी कर दिया है, जिसमें बताया गया कि मतदाता सूची संशोधन कानूनन प्रक्रिया के तहत हुआ और इसमें सभी राजनीतिक दलों को मौका दिया गया था. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस (Congress) सहित किसी भी पार्टी ने उस समय कोई गंभीर आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी.

बावजूद इसके, कांग्रेस का (Congress) आरोप है कि भाजपा (BJP) चुनाव आयोग (Election Commission of India)की निष्पक्षता को प्रभावित कर रही है और चुनाव में धांधली की आशंका को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस राजनीतिक खींचतान के बीच और कौन-से तथ्य सामने लाता है और क्या कांग्रेस अपने दावों के पक्ष में कोई ठोस सबूत पेश कर पाती है.

धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को “पूर्वानुमेय स्क्रिप्ट” बताया, जिसे कांग्रेस हर चुनाव हारने के बाद दोहराती है.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह कांग्रेस की पुरानी रणनीति है कि जब भी वह चुनाव हारती है, तो वह खुद को किसी काल्पनिक व्यवस्था का शिकार बताकर जनादेश पर सवाल खड़े करती है. राहुल गांधी का बयान भी उसी पटकथा का हिस्सा है.”

यह बयान तब आया जब राहुल गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक लेख के माध्यम से महाराष्ट्र चुनाव परिणामों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) “मैच फिक्सिंग” जैसी रणनीति अपना रहा है. यही मॉडल बिहार चुनाव में भी अपनाया जाएगा.

अगर उन्हें चुनावी प्रक्रिया पर आपत्ति थी तो तुरंत सवाल क्यों नहीं उठाए

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए और कहा कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है. इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस से पूछा कि अगर उन्हें चुनावी प्रक्रिया पर आपत्ति थी तो तुरंत सवाल क्यों नहीं उठाए गए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पूरी पारदर्शिता और कानून के तहत कार्य करता है और ऐसे बेबुनियाद आरोपों से देश के लोकतंत्र और लाखों चुनाव कर्मचारियों का अपमान होता है.

कांग्रेस जनादेश का अपमान करने की आदत बना चुकी

भाजपा का यह भी कहना है कि कांग्रेस जनादेश का अपमान करने की आदत बना चुकी है. हार का ठीकरा कभी ईवीएम, कभी चुनाव आयोग और अब मतदाता सूची पर फोड़ रही है. इस सियासी बहस ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गर्मी बढ़ा दी है. एक ओर राहुल गांधी अपनी बात को लेकर मुखर हैं, तो दूसरी ओर भाजपा उनके बयानों को झूठ का पुलिंदा बता रही है.

फिलहाल, महाराष्ट्र और बिहार जैसे बड़े राज्यों में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया को लेकर सियासत गरमा गई है, और इस पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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