महिला शक्ति बनाम विपक्ष की सियासत: 76,000 स्टार्टअप्स से मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
महिला शक्ति बनाम विपक्ष की सियासत: 76,000 स्टार्टअप्स से मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
Authored By: Nishant Singh
Published On: Sunday, July 20, 2025
Updated On: Sunday, July 20, 2025
जब विपक्ष मोदी सरकार को महिला विरोधी कहने में कोई कसर नहीं छोड़ता, तभी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह एक आंकड़ा उछालते हैं. 76,000 स्टार्टअप्स की कमान आज महिलाओं के हाथ में है. और ये महिलाएं सिर्फ मेट्रो शहरों की नहीं, बल्कि टियर-2 और टियर-3 कस्बों की हैं. ये आंकड़े सिर्फ विकास की गाथा नहीं, बल्कि एक नया सियासी एजेंडा भी सेट कर रहे हैं. अब महिलाएं केवल रसोई नहीं, राष्ट्र निर्माण की रणनीति में भी नेतृत्व कर रही हैं. यह सशक्तिकरण नहीं, एक पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक है.
Authored By: Nishant Singh
Updated On: Sunday, July 20, 2025
2025 की राजनीति में जहां एक ओर सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खेल रहे हैं, वहीं मोदी सरकार ने एक ऐसा ‘पावर कार्ड’ चल दिया है, जिसने महिला सशक्तिकरण (Women empowerment) की पूरी परिभाषा ही बदल दी है. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जब मंच से ऐलान किया कि भारत के 76,000 स्टार्टअप्स की कमान अब महिलाओं के हाथों में है, तो यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था. यह एक राजनीतिक संदेश था. यह वही सरकार है, जिसे विपक्ष ‘महिला विरोधी’ कहता है, लेकिन आंकड़े अब चीख-चीखकर कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. टियर-2 और टियर-3 शहरों से निकलती ये महिलाएं अब केवल रसोई या पंचायत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आर्थिक क्रांति की जननी बन चुकी हैं. ये सिर्फ स्टार्टअप नहीं, सियासत के narrative को भी startup कर रही हैं.
महिलाओं के हाथ में 76,000 स्टार्टअप्स की कमान
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में आज लगभग 76,000 स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाओं की ओर से किया जा रहा है. इसमें से बड़ी संख्या में स्टार्टअप टियर 2 औ टियर 3 शहरों से है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनने की राह सशक्त महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में तय होगी. राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने अपने शासन ढांचे को चार स्तंभों पर केंद्रित किया है, जिसमें गरीब, किसान, युवा और महिला शामिल हैं.
महिलाओं का स्टार्टअप तूफ़ान: छोटे शहरों से लेकर वैश्विक मंच तक
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “महिला-केंद्रित शासन ने न केवल व्यक्तियों को सशक्त बनाया है, बल्कि समाज को भी नया रूप दिया है. लक्षित कल्याण के रूप में शुरू हुआ यह कार्य अब संस्थागत नेतृत्व में विकसित हो गया है.” केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के लिए सुलभ शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘जीविका ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ऐप’ लॉन्च किया और “सशक्त महिला, समृद्ध बिहार” नामक प्रकाशन का अनावरण किया, जो बिहार की प्रगति में महिलाओं के योगदान के बारे में जानकारी देता है.
डॉ. सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार के व्यापक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की, जो चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है. पहले चरण में “संस्थानों में पहुंच और समावेशन” ने भारत के शैक्षिक और सैन्य परिदृश्य में महिलाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है.
महिला सशक्तिकरण का 4-स्तरीय रोडमैप
दूसरे चरण, “वैज्ञानिक और तकनीकी सशक्तिकरण” ने डब्ल्यूआईएसई, जीएटीआई, सीयूआरआईई और महिला वैज्ञानिक कार्यक्रम जैसी लक्षित योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया है. तीसरे चरण, “आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण” ने वित्तीय संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच में व्यापक वृद्धि देखी है. महिलाओं के लिए 48 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं, जबकि मुद्रा योजना के 60 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिला उद्यमी हैं.
जनधन, मुद्रा योजना और 3 करोड़ ‘लखपति दीदी
स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 3 करोड़ से ज्यादा ‘लखपति दीदियों’ का निर्माण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव ला रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, महिलाओं के नाम पर पंजीकृत घर न केवल आश्रय प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक सम्मान भी प्रदान कर रहे हैं.
चौथे चरण “कार्यस्थल सुधार और कानूनी संवेदनशीलता” के तहत सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी शासन उपायों की शुरुआत की गई है. इनमें सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं के लिए छह महीने का सवेतन बाल देखभाल अवकाश, अविवाहित या तलाकशुदा आश्रित बेटियों को पेंशन अधिकार प्रदान करना और मृत शिशुओं के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का प्रावधान शामिल है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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