National Ayurveda Day 2024: धनवंतरि जयंती को मनाया जाएगा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, यह तिथि 29 अक्टूबर है

National Ayurveda Day 2024: धनवंतरि जयंती को मनाया जाएगा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, यह तिथि 29 अक्टूबर है

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, October 25, 2024

national ayurveda day 2024

लगातार हर वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। इस साल इस दिवस को मनाने में 150 देश शामिल हो सकते हैं। इस साल इसकी थीम है- वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार।

आयुर्वेद एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है। इसकी शुरुआत भारत में 3000 साल से भी पहले हुई थी। आयुर्वेद का मतलब है जीवन का अध्ययन। यह स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के सभी पहलुओं के लिए एक प्राकृतिक दृष्टिकोण अपनाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि आयुर्वेदिक मेडिसिन के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। आयुर्वेद के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए भारत में हर साल धनवंतरि जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 29 अक्टूबर (National Ayurveda Day 2024) है।

29 अक्टूबर को है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day 2024)

सबसे पहले 2016 में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद से लगातार हर वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। इस साल इस दिवस को मनाने में 150 देश शामिल हो सकते हैं। इस साल इसकी थीम है- वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार। इस अवसर पर लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के अलावा रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। देश भर में अलग-अलग जगह बहुविशेषज्ञता वाले आयुष मेडिकल जांच शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इससे न सिर्फ आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए लोग महत्वपूर्ण कदम भी उठा सकेंगे।

अश्वगंधा जागरूकता अभियान (Ashwagandha Awareness Programme)

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के तहत आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी अश्वगंधा के फायदों के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जायेगा। अश्वगंधा जागरूकता अभियान के अंतर्गत पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन, हरिद्वार 17 अक्टूबर से आम जनमानस को निःशुल्क अश्वगंधा के पौधों का वितरण भी कर रहा है। इसके तहत अश्वगंधा के फायदों के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है।

अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits)

नेचर जर्नल के अध्ययन में पाया गया है कि अश्वगंधा तनाव और एंग्जायटी के स्तर, अनिद्रा और थकान को कम कर सकता है। इसने तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम किया। अश्वगंधा में ऐसे रसायन होते हैं, जो मस्तिष्क को शांत करने, सूजन को कम करने, रक्तचाप को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। अश्वगंधा का पारंपरिक रूप से एडाप्टोजेन के रूप में उपयोग किया जाता है। इसलिए इसका उपयोग तनाव से संबंधित कई स्थितियों के लिए किया जाता है। माना जाता है कि एडाप्टोजेन शरीर को शारीरिक और मानसिक तनाव का प्रतिरोध करने में मदद करते हैं।

 किसे नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन (Ashwagandha Side Effects)

गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। स्तनपान कराते समय भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अश्वगंधा लेने की सलाह उन लोगों को नहीं दी जाती है, जिनकी सर्जरी होने वाली है या जिन्हें ऑटोइम्यून या थायरॉयड संबंधी विकार हैं।

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About the Author: स्मिता
धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का लंबा अनुभव। समसामयिक मुद्दों पर आम और ख़ास से बातचीत करना और उन्हें नए नजरिये के साथ प्रस्तुत करना यूएसपी है।

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