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Air Pollution Effect on Eye: वायु प्रदूषण के कारण आंखों की समस्या से बचाव के लिए ये 4 उपाय किए जा सकते हैं
Air Pollution Effect on Eye: वायु प्रदूषण के कारण आंखों की समस्या से बचाव के लिए ये 4 उपाय किए जा सकते हैं
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, October 23, 2024
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
वातावरण में वायु प्रदूषक बढ़ने से आंखों में जलन हो सकती है। इससे खुजली, लालिमा, पानी आना और यहां तक कि आंखों में एलर्जी जैसे लक्षण हो सकते हैं। ड्राई आई सिंड्रोम या एलर्जी जैसी स्थिति वाले व्यक्ति को अधिक समस्या हो सकती है।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का बुरा हाल है। वायु प्रदूषण से हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के कैंसर और अस्थमा सहित कई श्वसन संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण से सबसे अधिक आंखों की सेहत पर असर पड़ता है। इसकी वजह से आंखों की कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शार्प साइट आई हॉस्पिटल की वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अपर्णा चौधरी ने प्रदूषण से आंखों के बचाव (Air Pollution Effect on Eye) के उपाय बताये।
आंखों पर वायु प्रदूषण का प्रभाव (Air Pollution Effect on Eye)
AQI (Air Quality Index) को 0-500 के पैमाने पर मापा जाता है। 50 से कम यह मीट्रिक सुरक्षित है, जबकि 300 से अधिक होने पर रेड अलर्ट का संकेत मिलता है। डॉ. अपर्णा चौधरी बताती हैं, ‘वायु प्रदूषण के संपर्क में लगातार रहने से आंखों की कई बीमारियां हो सकती हैं। वायु प्रदूषण से एलर्जी, इचिंग, आंखों से पानी बहना, लालिमा, सूजन और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता हो सकती है। खराब एयर क्वालिटी के कारण कन्जक़टीवाइटिस, ग्लूकोमा, उम्र से संबंधित मैकयूलर डीजेनरेशन, ड्राई आई और कैंसर जैसी आंखों की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।’
वायु प्रदूषण से बचाव के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं
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एयर क्वालिटी इंडेक्स पर ध्यान दें (Air Quality Index):
डॉ. अपर्णा चौधरी बताती हैं, ‘वातावरण में वायु प्रदूषक बढ़ने से आंखों में जलन हो सकती है। इससे खुजली, लालिमा, पानी आना और यहां तक कि आंखों में एलर्जी जैसे लक्षण हो सकते हैं। ड्राई आई सिंड्रोम या एलर्जी जैसी स्थिति वाले व्यक्ति को अधिक समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में अपने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) को ध्यान में रखें और आवश्यक सावधानी बरतें। प्रदूषकों से बचने के लिए धूप का चश्मा पहनना और सिर और चेहरे को रुई से ढकना महत्वपूर्ण है।’
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एलर्जी के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें (Air Purifier):
एलर्जी आंखों में तकलीफ़ और जलन पैदा कर सकती है। जब मौसम तेजी से बदलते हैं, तो वातावरण में पोलेन ग्रेन, मोल्ड सीड और अन्य एलर्जेंस ज़्यादा होते हैं। इससे एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस और हे फीवर हो सकता है। खिड़कियां बंद रखकर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। नियमित रूप से घर के अंदर की सफ़ाई करके एलर्जेंस के संपर्क को कम करने की कोशिश करें। इससे आंखों की एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
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लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें (Lubricating Eye Drop):
वायु प्रदूषण के कारण ड्राई आई की समस्या हो सकती है। एयर कंडीशनिंग में अधिक समय बिताने पर स्थिति और भी खराब हो सकती है। इससे बचने के लिए दिन भर में बार-बार पानी पीते रहें। अगर आप सक्रिय हैं, तो मौसम गर्म होने पर सामान्य से ज़्यादा तरल पदार्थ पीएं। लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। इससे सूखापन और डीहाइड्रेशन को कम करने और आंखों की नमी बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
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UV किरणों के जोखिम से बचाव के लिए चौड़ी किनारी वाली टोपी का प्रयोग:
डॉ. अपर्णा चौधरी के अनुसार, UV किरणें पूरे साल जोखिम पैदा करती हैं। गर्मियों के महीनों में वे विशेष रूप से तीव्र हो जाती हैं। UV किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आंखों में मोतियाबिंद, मैकुलर डिजनरेशन जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। धूप का चश्मा या चौड़ी किनारी वाली टोपी पहनने से आंखों को हानिकारक UV विकिरण से बचाने में मदद मिल सकती है।
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