Wayanad Tragedy : पीड़ितों की मदद के लिए चाय विक्रेता ने जुटाए 44 हजार रुपए, कलेक्टर के जरिये पीड़ितों तक पहुंचाएंगे राशि
Authored By: अंशु सिंह (वरिष्ठ लेखिका और पत्रकार)
Published On: Wednesday, August 14, 2024
Updated On: Tuesday, August 13, 2024
केरल के वायनाड में आई भयानक कुदरती आपदा ने न सिर्फ लोगों को बेघर किया, बल्कि कई परिवारों ने अपनों को सदा के लिए खो दिया। सरकार, सरकारी एवं गैर-सरकारी एजेंसियों के अलावा व्यक्तिगत प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे कि बचे लोग नए सिरे से जीवन की शुरुआत कर सकें। इस घटना ने समाज के हर संवेदनशील व्यक्ति को भीतर से आहत किया है। यही कारण है कि हर कोई पीड़ितों के लिए कुछ सार्थक करना चाहता है। चाय की दुकान चलाने वाले शिवकुमार ऐसे ही एक शख्स हैं, जिन्होंने उनकी सहायता के लिए करीब 44 हजार रुपये इकट्ठा किए हैं, जिसे कलेक्टर के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
12 घंटे के भीतर जमा की राशि
वाक्या कुछ ऐसा है कि तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई शहर के चाय विक्रेताओं के समूह में जब वायनाड में भूस्खलन से हुई त्रासदी की खबर आई, तो पुदुक्कोट्टई के मेट्टुपट्टी गांव के चाय दुकानदार शिवकुमार परेशान हो गए। उन्होंने आपदा पीड़ितों की मदद के लिए ‘मोई विरुंधु’ चाय पार्टी का आयोजन किया। इससे 12 घंटे के भीतर ही करीब 44,700 रुपये जमा हो गए। वे बताते हैं कि इस राशि का इस्तेमाल वायनाड के भूस्खलन प्रभावित परिवारों की मदद के लिए किया जाएगा। इस पहल के तहत उन्होंने अपने ग्राहकों को मुफ़्त में चाय पीने का न्योता देकर अनुरोध किया कि वह अपनी इच्छानुसार वायनाड आपदा प्रबंधन के लिए दान बॉक्स में राशि डालकर सहयोग करें। दरअसल, मोई विरुंधु एक पारंपरिक कार्यक्रम होता है जिसमें लोगों को एक दावत में आमंत्रित किया जाता है। लोग खाना खाते हैं या फिर अपनी इच्छा के अनुसार किसी खास उद्देश्य के लिए मर्जी से दान करते हैं। लोग पैसे को कैश बॉक्स या केले के पत्ते के नीचे रखकर दान करते हैं। इस दान को गुप्त रखा जाता है।
कोविड (Covid) के दौरान भी की थी लोगों की मदद
नवजात शिशुओं को मुफ़्त दूध मुहैया कराने वाले 43 वर्षीय शिवकुमार (ShivKumar) कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि लोग हमेशा अच्छे काम के लिए आगे आते हैं। मैंने शुरू में केरल जाकर मुख्यमंत्री को राशि देने के बारे में सोचा था। लेकिन बाद में लगा कि अगर यात्रा व्यय भी राशि में जोड़ दिया जाए, तो बेहतर होगा।‘ इसी गांव के निवासी चिथिराई सेलवन ने बताया कि लोग शिवकुमार पर बहुत भरोसा करते हैं। वह गांव के बुजुर्गों की मौजूदगी में पैसे गिनते हैं। एक परोपकारी व्यक्ति के रूप में जाने जाने वाले शिवकुमार ने कोविड के दौरान भी जनता की मदद करने और अपने देश में आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंकाई तमिलों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थीl
(हिंदुस्तान समाचार के इनपुट्स के साथ)
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