तबाही के बीच बढ़ी आपसी करीबी: इजराइली हमले से तबाह गाजा के मुद्दे पर हमास और फतह आए करीब

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, November 5, 2024

hamas fatah unity amid gaza crisis

इजराइल द्वारा गाजा में किए जा रहे लगातार हमलों के बीच फिलिस्तीन के दो प्रमुख संगठन हमास और फतह के बीच आपसी मतभेदों में कमी आती दिख रही है। हाल के दिनों में गाजा पर हुए भीषण हमलों ने फिलिस्तीनी नागरिकों को बड़ी संख्या में प्रभावित किया है, जिससे हमास और फतह जैसे गुट भी एकजुट होते नज़र आ रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों संगठनों के नेताओं ने मिलकर गाजा के मुद्दे पर साथ काम करने की आवश्यकता को समझा है। इस आपसी तालमेल के ज़रिए वे न केवल इजराइली आक्रमण के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाना चाहते हैं, बल्कि दुनिया के सामने फिलिस्तीनी एकता को भी प्रदर्शित करना चाहते हैं। फतह और हमास के बीच सहयोग का यह कदम दशकों से चले आ रहे आपसी मतभेदों को पाटने का एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है, जिससे फिलिस्तीनी जनता के बीच उम्मीद की किरण जगी है कि शायद यह एकता लंबे समय तक कायम रहेगी।

चाइना डेली (China Daily) की खबर में यह जानकारी दी गई। खबर के अनुसार, हमास नेता ओसामा हमदान (Hamas Leader Osama Hamdan) ने एक वीडियो संबोधन में सोमवार में कहा, ’’विभिन्न फिलिस्तीनी गुटों से चर्चा के बाद हमने मिस्र के आह्वान पर फतह के अपने भाइयों के साथ बैठक की।’’ हमदान ने कहा, इस दौरान गाजा में युद्ध और फिलिस्तीनी आम सहमति के आधार पर एकीकृत राष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

हमास नेता हमदान ने कहा कि फिलिस्तीनी मामलों का प्रबंधन चाहे गाजा में हो या वेस्ट बैंक में, उसे राष्ट्रीय समझौते के माध्यम से निर्धारित किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है कि गाजा में युद्ध के बाद की व्यवस्था पर चर्चा के लिए हमास और फतह के बीच बैठक की आधिकारिक घोषणा की गई है। इससे पहले शनिवार को मिस्र के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा था कि फतह और हमास के प्रतिनिधि काहिरा में बातचीत कर रहे हैं।

फतह का मकसद

फतह, अरब फिलिस्तीनियों का राजनीतिक और सैन्य संगठन है। इसकी स्थापना 1950 के दशक के अंत में हुई। इसके माध्यम से यासिर अराफात और खलील अल-वजीर (अबू जिहाद) का उद्देश्य कम तीव्रता वाले गुरिल्ला युद्ध के माध्यम से इजरायल के नियंत्रण से फिलिस्तीन को छीनना था। बाद में अराफात व उनके साथी अब्बास जैसे लोग दूसरे संगठन में चले गए। शुरुआत में इस संगठन को जॉर्डन और लेबनान से सहयोग मिला। 1968 में यह संगठन फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन में मिल गया। फतह वेस्ट बैंक के 40 फीसदी हिस्से पर काबिज रहा है।

हमास का मकसद

आतंकवादी समूह हमास (Terrorist Group Hamas) क्रूरता के लिए बदनाम है। यह संगठन इजराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध और फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता दोहराता है। यह समूह इजराइल के साथ कई दौर के हिंसक संघर्ष में शामिल रहा है। हालिया संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 से शुरू हुआ। हमास को करीब से देखने वाले मानते हैं हमास का दीर्घकालिक लक्ष्य फिलिस्तीन में अकेले राज करना है।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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