इजरायल को संयुक्त राष्ट्र से झटका, एक साल के अंदर छोड़ना होगा गाजा!

Authored By: Gunjan Shandilya

Published On: Saturday, September 21, 2024

Updated On: Saturday, September 21, 2024

un ordered to israeli to leave gaza

इजरायल को संयुक्त राष्ट्र से जबरदस्त झटका लगा है। अब इजरायल को एक साल के अंदर फिलिस्तीन में कब्जे वाले क्षेत्र को एक साल के अंदर खाली करना होगा। यानी इजरायल को गाजा को कब्जा मुक्त करना होगा।

इजरायल-हमास (Israeli-Hamas) जंग में अब एक नया मोड़ आया है। इसमें अब संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) का इंट्री हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल को गाजा छोड़ने को कहा है। गाजा छोड़ने के लिए निर्धारित समय दिया गया है। उस समय सीमा के अंदर ही इजरायल को गाजा छोड़ना होगा।

एक प्रस्ताव पर चर्चा फिर हुई वोटिंग

इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई और फिलिस्तीनी के क्षेत्र में इजरायल के कब्जे के खिलाफ एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में लाया गया था। इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई। चर्चा के बाद इस पर वोटिंग हुई। इस वोटिंग का निर्णय इजरायल के खिलाफ गया है। इजरायल के खिलाफ आए निर्णय के बाद कहा गया है कि वह एक साल के अंदर फिलिस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों से बाहर निकल जाएं। यानी यदि इजरायल इसे मानता है तो उसे गाजा सहित अन्य फिलिस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्र से अपने कदम को पीछे हटाना होगा।

इजरायल के खिलाफ 124 वोट

उक्त प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में इजरायल के समर्थन में केवल 14 वोट पड़े। वहीं इसके खिलाफ 124 वोट पड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के 43 सदस्य देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि इन सदस्य देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, उसकी आलोचना भी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल के खिलाफ हुई वोटिंग से लग रहा है कि अब इजरायल के खिलाफ माहौल बन रहा है। खासकर पिछले दिनों सीरियल पेजर ब्लास्ट ने भी इजरायल के खिलाफ माहौल बनाने में काम किया होगा। जो भी है संयुक्त राष्ट्र का यह निर्णय इजरायल के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

भारत-ब्रिटेन (India-Britain) ने वोटिंग से रहे बाहर

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के समर्थन में अमेरिका, चेकिया, हंगरी, अर्जेंटीना और कई छोटे प्रशांत द्वीप के देश शामिल थे। इनके अलावा अमेरिकी सहयोगी देशों में फ्रांस, फिनलैंड और मैक्सिको सहित कई अन्य देशों ने भी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। जबकि भारत, ब्रिटेन, यूक्रेन और कनाडा जैसे देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से भी झटका

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से झटका लगने से पहले इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) से झटका लगा था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने उस टिप्पणी का समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायल की उपस्थिति गैरकानूनी है। इसलिए इजरायल के कब्जे को मुक्त करना चाहिए। न्यायालय ने इस साल जुलाई में यह टिप्पणी की थी। अपनी टिप्पणी में न्यायालय ने कहा था कि इजरायल एक संप्रभु देश में कब्जे करने वाली शक्ति बन गया है। वह इसका दुरुपयोग कर रहा है। यह नहीं होना चाहिए।

संघर्ष का है पुराना इतिहास

इजरायल (Israeli) और हमास (Hamas) के बीच का संघर्ष एक-दो सालों का नहीं है। बल्कि दोनों के बीच संघर्ष का लंबा इतिहास है। वर्तमान लड़ाई भी शुरू हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया है। दोनों तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं। वहीं इजरायल ने हमास के साथ लड़ाई के साथ-साथ लेबनान पर भी हमले किए हैं। क्योंकि लेबनान में हिजबुला आतंकी का शक्ति केंद्र है। इजरायल उस शक्ति केंद्र पर भी चोट कर रहा है।

हालांकि सही यह भी है कि इस लड़ाई के कारण पूरी दुनिया में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। खासकर पूरे मिडिल ईस्ट में युद्ध की स्थिति बनी हुई है। फिलिस्तीन के अलावा इजरायल ने लेबनान में भी हमले किए हैं। ईरान के साथ भी इजरायल का संबंध सही नहीं है।

About the Author: Gunjan Shandilya
समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव। विभिन्न मंचों पर विषयों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता। नई पत्रकारिता शैलियों और प्रौद्योगिकियों के साथ कदम से कदम मिलाने में निपुण।

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