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सद्गुरु की ये 3 सलाह अपनाकर आप बन सकते हैं सबसे प्रभावशाली व्यक्ति!
सद्गुरु की ये 3 सलाह अपनाकर आप बन सकते हैं सबसे प्रभावशाली व्यक्ति!
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, May 29, 2025
Last Updated On: Thursday, May 29, 2025
आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को शानदार बनाना चाहता है, तो 3 बातों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करे...
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, May 29, 2025
Sadhguru life advice: हर कोई एक शानदार इंसान बनने की कोशिश करता है. किसी को भी ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति एक सरल प्रक्रिया आजमा सकता है. आप कागज पर ऐसी तीन चीज़ें लिखिए, जो आपके अनुसार किसी इंसान को एक शानदार इंसान बनाती हैं. इन तीनों बातों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें.आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु इन तीन बातों के बारे में बताते हैं.
जीवन को व्यर्थ होने से बचाएं
आपको कोई ऐसा काम नहीं करना है, जो कोई अन्य व्यक्ति चाहता है. वह करें जो आप चाहते हैं, जो आपको सबसे अच्छा ल गता है। अगर आप अपने जीवन में वह नहीं करेंगे, जो आप चाहते हैं, तो आपका जीव न व्यर्थ हो जाएगा। तीन चीज़ें जो आपके अनुसार कि सी इंसान को वाकई एक शानदार इंसान बनाती हैं – उन्हें एक सच्चाई बनाएं.
बातें जो आपके जीवन को शानदार बना सकती है
अनजान लोगों को देखकर मुस्कुरायें
- अपने आस-पास रोशनी फैलाने के लिए ये सुनिश्चित करें कि आप सड़क पर कम से कम तीन
- अनजान लोगों को देखकर मुस्कुरायें. इन लोगों को एक बड़ी सी मुस्कान दें. कृपया ऐसा करें और अपने आस-पास की दुनिया में कुछ रोशनी फैलाएं.
मरने के बाद लोग आपकी कमी महसूस करें
- हो सकता है आप एक बार में अपनी वो सारी सीमाएं, पूर्वधारणाएं और गलत आदतें न छोड़ पाएं, जिससे लोग परेशान होते हैं.
- आप कम से कम एक चीज़ छोड़कर शुरुआत कर सकते हैं. कृपया कुछ ऐसा बदलाव लाएं कि आप जब तक जीवित हैं, वे आपके साथ
- जीना चाहें और जब आप मर जाएं, तो वे आपकी कमी महसूस करें.
- आपको इसी तरह जीना चाहिए. जब आप जीवित हों, तो लोगों को आपकी उपस्थिति पसंद हो और जब आप मर जाएं तो उन्हें आपकी कमी महसूस हो.
आराम से रहें, ज्यादा गंभीर न बनें
- बर्ट्रेंड रसेल ने एक बार कहा था कि अगर आप ये सोचने लगे हैं कि जो आप कर रहे हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है, तो आपको छुट्टी पर जाने की जरुरत है. आपको अपने काम से छुट्टी जरुर लेनी चाहिए. गंभीरता मूल रूप से आपकी आत्म-महत्व की भावना से पैदा हुई है.
- कृपया समझिए, इस अनंत ब्रह्माण्ड में आप धूल के एक कण की तरह हैं. इस अनंत सृष्टि में ये सौर मंडल एक छोटे से कण जैसा है. अगर कल ये सौर मंडल गायब हो जाए तो सृष्टि में इस पर ध्यान भी नहीं दिया जाएगा. इस छोटे से कण जैसे सौर मंडल में धरती ग्रह एक बहुत छोटा कण है. इस बहुत छोटे से कण जैसे ग्रह में जिस शहर में आप रहते हैं, वह एक सूक्ष्म कण है. उसमें, आप एक बड़े आदमी हैं! ये दृष्टिकोण की गंभीर समस्या है.
जीवन में थोड़ी सहजता लाइए
अपने जीवन में थोड़ी सहजता लाइए. थोड़ा ज्यादा हंसिए. खुद को अपने आस-पास के लोगों के बीच बैठिये. ऐसे काम कीजिए जो आपके अनुसार बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं. ऐसे काम मत कीजिए जो बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. सरल काम कीजिए. ये बहुत ज़रुरी है कि आप सरल काम करें. पूरी दुनिया के स्वाभाविक रूप से आध्यात्मिक न होने का एक कारण यह है कि वे अपने जीवन को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हैं. अगर वे थोड़ा सा आराम से रहें, अगर वे जीवन थोड़ा सा ज्यादा आनंद से जी सकें, अगर वे खुद पर हंस सकें, तो वे खुद को और अपने आस-पास की स्थिति को थोड़ी ज्यादा स्पष्टता से देख पाएंगे.
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