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MahaKumbh Mela 2025 : कब शुरू होगा महाकुंभ मेला, जानें MahaKumbh के बारे में सबकुछ
MahaKumbh Mela 2025 : कब शुरू होगा महाकुंभ मेला, जानें MahaKumbh के बारे में सबकुछ
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Friday, December 6, 2024
Updated On: Wednesday, January 22, 2025
कुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में होने वाला है, जहां दुनिया भर से भक्त श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मनाएंगे। यह भव्य उत्सव हर 12 साल में मनाया जाता है।
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Wednesday, January 22, 2025
कुंभ मेला को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है, जो दुनिया भर के लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। कुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में होने वाला है, जहां दुनिया भर से भक्त श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मनाएंगे। यह भव्य उत्सव हर 12 साल में मनाया जाता है। 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आयोजित होगा। त्रिवेणी संगम वह स्थान है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है और इसे हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। इस मेला में सभी धर्मों और समुदायों के लोग एकत्रित होते हैं। आइए जानते हैं महाकुंभ मेला 2025 (MahaKumbh Mela 2025) के बारे में, जो भारत की समृद्ध परंपराओं, कला और विविधता में एकता को प्रदर्शित करने वाला एक जीवंत सांस्कृतिक आयोजन है।
महाकुंभ मेला 2025
कुंभ मेला 2025 हिंदू धार्मिक पर्व है, जिसे भारतीय संस्कृति और धरोहर का परिचायक माना जाता है। यह हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में मनाया जाता है। महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज में आयोजित होगा और यह 30 से 45 दिनों तक चलेगा।
- कार्यक्रम का नामः महाकुंभ मेला 2025
- स्थानः प्रयागराज (इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश
- नदीः गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम (संगम)
- आरंभः मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
- समाप्तिः महाशिवरात्रि
- आधिकारिक तिथियांः 13 जनवरी – 26 फरवरी, 2025
- महाकुंभ 2025 का बजटः 2,500 करोड़ रुपये (उत्तर प्रदेश बजट 2024-25)
- केंद्र सरकार का अनुदान: 2100 करोड़ रुपये
महाकुंभ मेला 2025 का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को जीवित रखना है, बल्कि यह एक विशाल सांस्कृतिक आयोजन भी है, जो भारतीय एकता और विविधता का प्रतीक है।
महाकुंभ मेला 2025 में प्रमुख आयोजन और समारोह
महाकुंभ मेला धार्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्सव भी है। यहां पर शाही स्नान, कल्पवास, योगधाम, अखाड़े की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम होते हैं। इन कार्यक्रमों में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
शाही स्नान
महाकुंभ मेला का मुख्य आकर्षण शाही स्नान है। इस आयोजन में सबसे पहले नागा साधु (जिन्हें सांसारिक सुखों का त्याग करने वाले साधु कहा जाता है) पवित्र नदी में स्नान करते हैं। ये साधु एक भव्य जुलूस के रूप में संगम की ओर बढ़ते हैं, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु उत्साहित रहते हैं। इसके बाद लाखों अन्य भक्त भी इन विशेष स्नान तिथियों पर स्नान करते हैं। शाही स्नान के दिन भक्तों का उत्साह और आस्था देखने लायक होती है।
संस्कृति और एकता का उत्सव
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। यहां पर पारंपरिक भारतीय संगीत, नृत्य, कला और लोककला का प्रदर्शन किया जाता है। इस आयोजन में आप भारतीय संस्कृति के विविध रूपों को अनुभव कर सकते हैं। मेलों में पारंपरिक वस्त्र, भोजन, और संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती है।
योगधाम
महाकुंभ मेला में योगधाम का आयोजन भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण होता है। सत्संग फाउंडेशन द्वारा आयोजित योगधाम के तहत लोग ध्यान, साधना और योग का अनुभव करते हैं। योगधाम सोमेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित वीआईपी क्षेत्र में होगा। यह एक पूरी तरह से आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है और यहां पर देश भर के आध्यात्मिक गुरु मार्गदर्शन देने के लिए मौजूद रहते हैं। इस दौरान कई कार्यक्रम, जैसे- ध्यान पर्व, उपदेश पर्व और साधना पर्व आयोजित किए जाएंगे।
अखाड़ों की भागीदारी
कुंभ मेला में अखाड़ों का विशेष स्थान होता है। ये अखाड़े हिंदू परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य करते हैं। प्रमुख अखाड़े शैव और वैष्णव संप्रदायों से संबंधित होते हैं। इन अखाड़ों में साधु-महात्मा विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जो धार्मिक कार्यों और सामाजिक मुद्दों को उजागर करते हैं।
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन स्थान
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर किया जाएगा। त्रिवेणी संगम वह पवित्र स्थान है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती (अदृश्य) नदियों का मिलन होता है। यहां स्नान करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति और आध्यात्मिक उन्नति का विश्वास होता है। यह स्थान हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और श्रद्धेय माना जाता है।
महाकुंभ मेला 2025 के प्रमुख स्नान की तारीखें
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत में किया जाएगा। यह महापर्व 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा के पावन दिन से शुरू होगा और 26 फरवरी, 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। कुंभ मेला 2025 लगभग 30 से 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करेंगे। कुंभ मेला 2025 की प्रमुख स्नान तारीखें कुछ इस तरह हैः
- 13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति
- 29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या
- 04 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी
- 12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा
- 26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि
इन तिथियों का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इन पवित्र दिनों में स्नान करने से न सिर्फ पापों का नाश होता है, बल्कि यह आध्यात्मिक मुक्ति का एक जरिया माना जाता है। हिन्दू धर्म में यह विश्वास है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासतौर पर शाही स्नान के दिन, जिनमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, ये स्नान धार्मिक महत्व रखते हैं और भक्तों के लिए एक जीवनदायिनी अनुभव साबित होते हैं।
कितने तरह का होता है कुंभ मेला
कुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण धार्मिक मेलों में से एक है, जिसमें हिंदू धर्म को मानने वाले करोड़ों लोग भाग लेते हैं। प्राचीन इतिहास में कुंभ मेला का पहला दस्तावेजी उल्लेख छठीं शताब्दी में मिलता है, जब चीनी यात्री ह्वेनसांग Xuanzang (Hüan-Tsang) ने गंगा के किनारे पर विशाल जनसमूह का वर्णन किया था। कुंभ मेला के मुख्य चार प्रकार हैं:
1. महाकुंभ मेलाः हर 144 साल में एक बार (12 पूर्ण कुंभ मेलों के बाद)। यह केवल प्रयागराज में होता है। यह सबसे दुर्लभ और पवित्र कुंभ मेला है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और इसका आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है। इस बार महाकुंभ ही लग रहा है।
2. पूर्ण कुंभ मेलाः हर 12 साल में एक बार होता है। यह सभी चार पवित्र स्थल प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक, उज्जैन में आयोजित किया जाता है। कुंभ मेला का सबसे प्रमुख रूप, जो ग्रहों की स्थिति पर आधारित पवित्र अनुष्ठानों के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
3. अर्ध कुंभ मेलाः हर 6 साल में एक बार होता है। यह हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। यह पूर्ण कुंभ मेलों के बीच एक सेतु के रूप में होता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, हालांकि यह पूर्ण कुंभ की तुलना में छोटा होता है।
4. कुंभ मेलाः हर 4 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इसमें भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
इसके अलावा, एक और कुंभ मेला है, जिसे माघ कुंभ कहा जाता है। यह वार्षिक आयोजन है जो हिंदू मास माघ में प्रयागराज में होता है। इसे मिनी कुंभ मेला कहा जाता है, यह ब्रह्मा के द्वारा सृष्टि के निर्माण की याद में मनाया जाता है और श्रद्धालु यहां पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, जिससे वे अपने पापों से मुक्त होकर आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त करते हैं।
प्रयागराज कैसे पहुंचें
उत्तर प्रदेश पर्यटन सांख्यिकी के अनुसार, 2023 में प्रयागराज में 53,930,466 भारतीय पर्यटक और 4,853 अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए थे। प्रयागराज उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा महाकुंभ कैसे पहुंचें
प्रयागराज देश के प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य मार्गों से जुड़ा हुआ है।
- NH2 दिल्ली-कोलकाता को प्रयागराज से जोड़ता है।
- NH27 प्रयागराज से शुरू होकर मध्य प्रदेश के मंगावां तक जाता है।
- NH76 प्रयागराज को राजस्थान के पिंडवाड़ा से जोड़ता है।
- NH96 फैज़ाबाद में NH28 से जुड़ता है।
यहां कुछ प्रमुख भारतीय शहरों से प्रयागराज की दूरी दी गई है:
- आगरा: 431 किमी
- कानपुर: 191 किमी
- अयोध्या: 156 किमी
- मुंबई: 1162 किमी
- लखनऊ: 183 किमी
- कोलकाता: 732 किमी
- चेन्नई: 1385 किमी
- पटना: 330 किमी
- तिरुवनंतपुरम: 1954 किमी
- दिल्ली: 582 किमी
- उदयपुर: 829 किमी
- वाराणसी: 112 किमी
- जयपुर: 628 किमी
- गोरखपुर: 212 किमी
- मथुरा: 476 किमी
- हरिद्वार: 621 किमी
- चित्रकूट: 104 किमी
- विंध्याचल: 71 किमी
रेल द्वारा प्रयागराज कैसे पहुंचें
प्रयागराज भारतीय रेलवे के उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र का मुख्यालय है और यहां आठ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। ये स्टेशन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, भोपाल, ग्वालियर, जयपुर आदि जैसे प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। प्रयागराज के प्रमुख रेलवे स्टेशन निम्नलिखित हैं:
1.प्रयागराज जंक्शन
2.प्रयागराज रामबाग
3.प्रयागराज छिवकी जंक्शन
4.प्रयागराज संगम
5.नैनी जंक्शन
6.सूबेदारगंज
7.बमरौली
8.दारागंज
प्रयागराज जंक्शन स्टेशन और प्रमुख ट्रेनें
प्रयागराज जंक्शन भारत के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक है। यहां से कई प्रमुख ट्रेनों का संचालन होता है जो पूरे देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती हैं। निम्नलिखित ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन से चलती हैं और देश के विभिन्न प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं
Prayagraj जंक्शन से होकर गुजरने वाली वाली प्रमुख ट्रेनें
1. नई दिल्ली – राजेन्द्र नगर टर्मिनल तेजस राजधानी एक्सप्रेस
2. आसनसोल – खाटीपुरा (जयपुर) एसएफ स्पेशल
3. आनंद विहार टर्मिनल – जयनगर गरीब रथ एक्सप्रेस
4. पटना – हजरत निजामुद्दीन एसी एसएफ फेस्टिवल स्पेशल
5. शिवगंगा एक्सप्रेस
6. प्रयागराज रामबाग
7. पवन एक्सप्रेस
8. लिच्छवी एक्सप्रेस
9. बापूधाम एसएफ एक्सप्रेस
10. प्रयागराज रामबाग – मऊ MEMU स्पेशल
11. ज्ञान गंगा एसएफ एक्सप्रेस
Prayagraj Chheoki Junction से चलने वाली ट्रेनें
1. KSR बेंगलुरु – दानापुर स्पेशल
2. सिकंदराबाद – दानापुर स्पेशल
3. वाराणसी – मैंगलोर एसएफ एक्सप्रेस
4. मुंबई LTT साप्ताहिक एक्सप्रेस
5. बनारस – एसएसएस हुबली साप्ताहिक एक्सप्रेस
प्रयागराज संगम स्टेशन से चलने वाली ट्रेनें
1. प्रयागराज संगम – बरेली एक्सप्रेस
2. मनवार संगम एक्सप्रेस
3. गंगा गोमती एक्सप्रेस
4. प्रयागराज संगम – अयोध्या कैंट MEMU स्पेशल
5. उंचाहर एक्सप्रेस
नैनी जंक्शन से चलने वाली ट्रेनें
1. सिंगरौली – तामकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस
2. शक्तिनगर – तामकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस
3. पवन एक्सप्रेस
4. डॉ. अंबेडकर नगर – प्रयागराज एक्सप्रेस
5. बुंदेलखंड एक्सप्रेस
दारागंज स्टेशन से चलने वाली ट्रेनें
1. दारागंज – कानपुर सेंट्रल MEMU
2. दारागंज – पं. डीडी उपाध्याय जंक्शन MEMU
3. जम्मू मेल
4. संगम एक्सप्रेस
5. दारागंज – देहरादून एक्सप्रेस
बमरौली स्टेशन से चलने वाली ट्रेनें
1. दारागंज – कानपुर सेंट्रल MEMU
2. संगम एक्सप्रेस
3. कानपुर सेंट्रल – दारागंज MEMU
झूसी स्टेशन से चलने वाली ट्रेनें
1. प्रयागराज रामबाग – मऊ MEMU स्पेशल
2. बनारस – प्रयागराज रामबाग MEMU स्पेशल
3. झूसी – बनारस MEMU स्पेशल
4. मऊ – प्रयागराज रामबाग MEMU स्पेशल
इन प्रमुख ट्रेनों के द्वारा प्रयागराज के यात्री देश के विभिन्न हिस्सों से आसानी से यात्रा कर सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा प्रयागराज कैसे पहुंचें
प्रयागराज का इलाहाबाद घरेलू हवाई अड्डा शहर से 12 किमी दूर स्थित है और यह कुछ प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा है। इसके अलावा, वाराणसी हवाई अड्डा और लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी प्रयागराज के नजदीक है। एयर इंडिया और इंडिगो प्रमुख एयरलाइंस ऑपरेटर हैं। यहां प्रयागराज जंक्शन और हवाई अड्डे से दूरी दी गई हैः
- प्रयागराज जंक्शन:7-8 किमी
- प्रयागराज Chheoki: 10 किमी
- नैनी जंक्शन:8 किमी
- प्रयागराज संगम:2.5 किमी
- प्रयागराज सिविल हवाई अड्डा:17 किमी.
प्रयागराज कुंभ मेला – क्या करें और क्या न करें
महाकुंभ मेला 2025 विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। महाकुंभ मेला 2025 में जाने से पहले निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:
क्या करें
1. प्रमुख कार्यक्रमों और तिथियों के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करें।
2. अपनी दवाइयां और हल्का सामान साथ रखें।
3. आपातकालीन सेवाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी रखें।
4. प्रशासन द्वारा अनुमोदित क्षेत्रों का ही उपयोग करें।
5. कूड़ा न फैलाएं और कूड़ेदान में ही कचरा डालें।
6. अगर कोई अज्ञात वस्तु मिले, तो पुलिस को सूचित करें।
7. लॉस्ट एंड फाउंड केंद्र का उपयोग करें अगर कोई सामान खो जाए।
8. पानी, बिस्तर, सनस्क्रीन जैसी आवश्यक चीजें साथ रखें।
9. अधिकृत स्थानों पर ही खाना खाएं।
क्या न करें
1. अनावश्यक खाद्य, वस्त्र या मूल्यवान सामान न लेकर जाएं।
2. बच्चों के साथ हो तो उन्हें अकेला न छोड़ें।
3. नदी में अनुमति सीमा से अधिक न जाएं और पानी में साबुन या पूजा सामग्री न डालें।4. अगर आपको संक्रामक बीमारी है, तो भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं।
5.सार्वजनिक स्थानों पर कचरा न फैलाएं और न थूकें।
महाकुंभ मेला ऐप की लें मदद
महाकुंभ मेला 2025 के लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए ‘महाकुंभ मेला 2025 ऐप’ (Maha Kumbh Mela 2025 App) लॉन्च किया गया है। यह ऐप Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है और इसमें महाकुंभ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है।
महाकुंभ ऐप पर मिलने वाली जानकारी:
- महाकुंभ की परंपराओं, महत्व और यूनेस्को द्वारा इसे अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के बारे में जानकारी।
- महाकुंभ पर लिखी किताबें और ब्लॉग्स के माध्यम से विस्तृत जानकारी।
- प्रमुख ब्लॉग्स और रिपोर्ट्स, जिनमें यूपी टूरिज्म का ‘एक्सप्लोर प्रयागराज’ सेक्शन भी शामिल है।
Maha Kumbh Mela 2025 App का इस्तेमाल कैसे करें
1. Maha Kumbh Mela 2025 ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
2. ‘प्लान योर पिलग्रिमेज’ सेक्शन में जाएं और ‘गेट डायरेक्शन टू घाट’ विकल्प चुनें।
3. प्रयागराज के सात प्रमुख घाटों (जैसे दशाश्वमेध घाट, किला घाट आदि) के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
4. किसी भी घाट के ऑप्शन को सलेक्ट कर दिशा-निर्देश का पालन करें।
यह ऐप श्रद्धालुओं को सही जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करेगा, ताकि वे आसानी से महाकुंभ मेले का अनुभव ले सकें।