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Yagya in Mahakumbh 2025: महाकुंभ क्षेत्र में तीन करोड़ आहुति वाले यज्ञशाला का निर्माण
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, January 8, 2025
Last Updated On: Wednesday, January 8, 2025
यज्ञ को आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम माना जाता है। इसे कई शुभ कार्यों का प्रेरक भी माना जाता है। इसलिए महाकुंभ क्षेत्र में तीन करोड़ आहुति वाले यज्ञ शाला का निर्माण किया जा रहा है, ताकि मेले में यज्ञ कार्य भी सुचारू रूप से होता रहे।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, January 8, 2025
प्रयागराज में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर जिस स्थान पर महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) का महाआयोजन हो रहा है, उस स्थान को महाकुंभ नगर (Mahakumbhnagar) कहा जा रहा है। महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर दस स्थित कोटेश्वर महादेव के सानिध्य में गायत्री महायज्ञ (Gayatri Mahayagya) का आयोजन होगा। इसे वैदिक मंत्रों से देश एवं विदेश से आने विद्वान पंडित अचार्य सम्पन्न कराएंगे। इस यज्ञशाला में तीन करोड़ आहुति दी जाएगी। इसके लिए सौ यज्ञ कुंडों का निर्माण (Yagya in Mahakumbh 2025) किया जा रहा है। यह जानकारी महाकुंभ नगर में उपस्थित पंडित विष्णु ने दी।
आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम यज्ञ (Spiritual Cleanliness)
यज्ञ को आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम माना जाता है। यज्ञ पर्यावरण और इसमें शामिल व्यक्तियों को शुद्ध करता है। इससे आध्यात्मिक विकास और मानव कल्याण को बढ़ावा मिलता है। यह ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ सामंजस्य बनाने के प्रयास में मदद करता है। अनुष्ठान को ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ अपने कार्यों को सामंजस्य बनाने और प्राकृतिक व्यवस्था में संतुलन बनाए रखने के साधन के रूप में देखा जाता है।
माघ मास तक होगा यज्ञ आयोजन (Magh Month Yagya)
पंडित विष्णु के अनुसार, अति प्रचीन कोटेश्वर महादेव मंदिर अथवा शिवकुटी मंदिर के सामने यह यज्ञ संपन्न होगा। पतित पावनी मां गंगा की रेती पर द्वादश पुर्सरणात्मक गायत्री महायज्ञ (Gayatri Mahaygya) को संपन्न कराने के लिए 100 यज्ञ कुंडों (Yagya Kund) का निर्माण किया जा रहा है। यह माघ मास तक चलेगा।
देश-विदेश से भी होंगे हवन में शामिल श्रद्धालु (Yajna Hawan)
महाकुंभ में होने वाले सबसे बड़े गायत्री महायज्ञ का आयोजन अखिल भारतीय व भारतवर्षीय धर्मसंघ व स्वामी करपात्री महाराज फाउंडेशन द्वारा कराया जा रहा है। इसे महाराज डॉ.गुणप्रकाश चैतन्य द्वारा आयोजित किया जाएगा। कोटेश्वर महादेव मंदिर के सानिध्य में इसे संपन्न कराना ही इसका उद्देश्य है। इस गायत्री महायज्ञ में देश व विदेश से आने वाले श्रद्धालु हवन करने के लिए पहुंचेंगे।
गायों की रक्षा के लिए यज्ञ (Yajna for Cow Protection)
गायों को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर भी 2025 के महाकुंभ मेले के दौरान सबसे बड़े ‘यज्ञ कुंड’ में ‘महायज्ञ’ का आयोजन किया जाएगा। इस यज्ञ को 1,100 पुजारी संपन्न कराएंगे। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में यह यज्ञ होगा। इस पवित्र अनुष्ठान का उद्देश्य भारत में गोहत्या की प्रथा को खत्म करना है।
गोरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना उद्देश्य (Cow Protection Awareness)
महायज्ञ नौ शिखरों वाली संरचना में व्यवस्थित 324 पवित्र अग्नि कुंडों में आयोजित किया जाएगा। यह आध्यात्मिक उत्थान और एकता का प्रतीक है। प्रत्येक ‘कुंड’ में तीन पुजारी होंगे, यह अनुष्ठान प्रतिदिन नौ घंटे तक चलेगा। यह एक महीने तक चलेगा। महायज्ञ आयोजित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य जनता में गोरक्षा के बारे में जागरूकता (Cow Protection Awareness) बढ़ाना और गोरक्षा के लिए ‘राष्ट्र माता (Rashtra Mata)’ का दर्जा मांगना है।
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