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अंगारों पर चलने का जादू: मांडा पूजा के पीछे छुपा है ये दिलचस्प सच!
अंगारों पर चलने का जादू: मांडा पूजा के पीछे छुपा है ये दिलचस्प सच!
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, May 16, 2025
Last Updated On: Friday, May 16, 2025
Manda Puja: झारखंड के दक्षिणी छोटानागपुर संभाग में मनाई जाती है मंडा पूजा. यह उन दुर्लभ त्योहारों में से एक है, जिसे आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों मनाते हैं. इस त्योहार में अच्छी बारिश और भरपूर फसल के लिए भगवान शिव की पूजा जलते अंगारों पर चलकर की जाती है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Friday, May 16, 2025
Manda Puja Jharkhand: मंडा पूजा (Manda Puja) आमतौर पर वसंत ऋतु के दौरान होती है. यह त्योहार मुख्य रूप से झारखंड (Jharkhand) के दक्षिणी छोटानागपुर (South Chhotanagpur) संभाग में मनाई जाती है. यह त्योहार कृषि चक्र की परिणति का प्रतीक है, इस त्योहार में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा बहुत कठिन अनुष्ठानों के माध्यम से की जाती है, इस त्योहार के अनुष्ठान को पूरा करने के लिए अत्यधिक शक्ति, जोश और अनुशासन की आवश्यकता होती है. मंडा पूजा ग्रामीण संस्कृति को संरक्षित रखने का माध्यम है. यह एक ऐसा दुर्लभ त्योहार (Manda Puja) है, जिसे आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों मनाते हैं.
मंडा पूजा के अनुष्ठान (Manda Puja Rituals)
मंडा पूजा के अनुष्ठान (Manda Puja Rituals) बहुत कठिन हो सकते हैं. जैसे आग की लपटों पर उल्टा लटकना, जलते हुए कोयले के अंगारों पर नंगे पैर दौड़ना, बहुत ऊंचे घूमने वाले खंभे से लटकना आदि. अच्छी बारिश और भरपूर फसल के लिए देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आदिवासी कठिन अनुष्ठान करते हैं. यह सदियों पुरानी परम्परा है. यह एक वार्षिक अनुष्ठान पूजा है, जिसे मंडा पूजा कहते हैं.
‘भोक्ता’ रखते हैं कठिन उपवास (Bhokta Fast)
झारखंड में सप्ताह भर चलने वाले ‘मंडा’ उत्सव के आखिरी दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्सव में हिस्सा लेने के लिए जमा होते हैं. मंडा उत्सव में प्रमुख भूमिका ‘भोक्ता’ की होती है. ये आम तौर पर पुरुष भक्त होते हैं. वे पूरे उत्सव के दौरान कठोर उपवास रखते हैं. ‘भोक्ता’ बहुत अधिक ऊंचाई पर लगभग 25 फीट की ऊंचाई पर खड़ा होता है और नीचे मौजूद भीड़ पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाता है.
पंद्रह दिनों का अनुष्ठान (Manda Puja Celebration)
झारखंड के जीवंत मंडा महोत्सव में भक्ति और साहस का मिलन होता है! आदिवासी समुदाय समृद्धि की प्रार्थना के लिए मंडा पूजा और अनुष्ठान करते हैं. इस परम्परा के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति को संरक्षित की जाती है. आग पर चलने से पहले ‘भोक्ता’ लगभग 15 दिनों तक अनुष्ठान करते हैं. इस दौरान वे उपवास रखते हैं और देवता को फल, फूल और अन्य चीजें अर्पित करते हैं.
घर पर कैसे करें मंडा पूजा (How to perform Manda Puja at Home)
पूजा के लिए सभी आवश्यक सामग्री जुटा लें. स्नान करके खुद को शुद्ध करें. अपने माथे पर तिलक (उर्ध्व पुंड्र) या भस्म लगा लें. दीपक जलाएं और दीपक के आधार पर फूलों के साथ कुछ अक्षत रखें. शंख को तीन बार बजाएं. घंटी बजाएं. भगवान शिव की आराधना करें, देवता को फल-फूल और प्रसाद अर्पित करें. अंत में भगवान शिव सहित अन्य देवतागण की मंगल आरती करें.
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