Phalguna Amavasya 2025 : दर्श अमावस्या पर करें पितृ तर्पण और दान

Phalguna Amavasya 2025 : दर्श अमावस्या पर करें पितृ तर्पण और दान

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, February 27, 2025

Updated On: Thursday, February 27, 2025

Phalguna Amavasya 2025: दर्श अमावस्या पर पितृ तर्पण और दान करें
Phalguna Amavasya 2025: दर्श अमावस्या पर पितृ तर्पण और दान करें

Phalguna Amavasya 2025 : देश भर में फाल्गुन अमावस्या 2025 27 फरवरी को मनाई जा रही है. इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, पितृ तर्पण और दान करते हैं. इसे दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) भी कहा जाता है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, February 27, 2025

Phalguna Amavasya 2025 पूर्वजों को याद करने के लिए हिंदू धर्म में अलग-अलग तरह के व्रत और त्योहार हैं. फाल्गुन अमावस्या भी उनमें से एक है. इसे दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) भी कहा जाता है. देश भर में 27 फरवरी, 2025 को मनाया जा रहा है. इस दिन पूर्वजों से आशीर्वाद लेने के लिए पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. पूर्वजों को भोजन, जल और तिल भी अर्पित किए जाते हैं. दीपक जलाना और शनि चालीसा का पाठ करना भी अनुष्ठानों का हिस्सा है. मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या बाधाओं को दूर करने, आध्यात्मिक विकास करने और सकारात्मकता बढ़ाने (Phalguna Amavasya 2025) में मदद करती है.

कब से कब तक है मुहूर्त (Phalgun Amavasya 2025 Time)

अमावस्या हर महीने आती है और पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित मानी जाती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन या दर्श अमावस्या सुबह 8:54 बजे शुरू होकर 28 फरवरी को सुबह 6:14 बजे समाप्त हो जाएगी.

क्यों अमावस्या है महत्वपूर्ण (Phalgun Amavasya 2025 Importance)

जानकारी के अभाव में अमावस्या को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ दिया जाता है. प्रकाश की तरह प्रकृति में अंधकार भी जरूरी है. इसी तरह धार्मिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा की तरह अमावस्या का भी महत्व है. यह अवधि सफाई और नवीन परिवर्तन से जुड़ी है. अमावस्या नकारात्मकता को दूर कर आंतरिक शुद्धता को अपनाने के लिए प्रेरित करती है.

फाल्गुन अमावस्या 2025 के महत्व (Phalgun Amavasya 2025 Significance)

फाल्गुन अमावस्या को कर्म संबंधी बाधाओं को दूर करने, आध्यात्मिक विकास में मदद करने और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन व्रत-उपवास के साथ-साथ परोपकार और दान जैसे कार्य किए जाएं, तो इससे बहुत पुण्य मिलता है. घर में समृद्धि और सद्भाव आता है. चूंकि यह महा शिवरात्रि (Maha Shivratri 2025) और होली (Holi 2025) के करीब पड़ता है, इसलिए यह अमावस्या आध्यात्मिक महत्व वाला माना जाता है.

कैसे करें पूजा और अनुष्ठान (Phalgun Amavasya 2025 Rituals)

भक्त अपने पूर्वजों के सम्मान में तर्पण, पिंड दान और श्राद्ध करते हैं. माना जाता है कि भोजन, जल और प्रार्थना करने से पितृ दोष दूर होता है. पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. भक्त व्रत रखते हैं और दान करते हैं. दर्श अमावस्या पर गायों को खिलाना भी महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. माना जाता है कि घर पर या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल या घी का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. यह दिन ग्रह दोषों को संतुलित करने के लिए भी शुभ माना जाता है. काल सर्प दोष और शनि दोष दूर करने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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