Mahakumbh 2025: सात ग्रह दिखने जैसी अद्भुत खगोलीय घटना के साथ होगा महाकुंभ का समापन

Mahakumbh 2025: सात ग्रह दिखने जैसी अद्भुत खगोलीय घटना के साथ होगा महाकुंभ का समापन

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, February 21, 2025

Mahakumbh 2025: सात ग्रह दिखने जैसी अद्भुत खगोलीय घटना के साथ होगा महाकुंभ का समापन

26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का समापन हो जाएगा. इसके साथ ही अद्भुत खगोलीय घटना भी आसमान में दिखाई देंगे. भारत से सौरमंडल के सभी सात ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) एक साथ चमकते हुए नजर आएंगे.

Authored By: स्मिता

Updated On: Friday, February 21, 2025

जैसे-जैसे महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) अपने समापन के करीब पहुंच रहा है, रात के आसमान में दुर्लभ खगोलीय घटना घट रही है. आसमान में कई ग्रह एक साथ दिखाई दे रहे हैं. 26 फरवरी को महाकुंभ के समापन के साथ सौरमंडल के सभी सात ग्रह भारत से रात के आसमान में दिखाई देंगे. यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी. जनवरी 2025 में यह ग्रह परेड शुरू हुई, जिसमें शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून पहले से ही रात के आसमान में दिखाई दे रहे थे. 26 फरवरी को बुध ग्रह भी दिखाई देने लगेगा. यह घटना 28 फरवरी 2025 को अपने चरम पर होगी, जब ये सभी ग्रह सूर्य के एक ही ओर स्थित होंगे. यह दुर्लभ खगोलीय घटना महाकुंभ को और अधिक अध्यात्म से जोड़ रही है. आस्थावान लोग मानते हैं कि इस तरह की ब्रह्मांडीय घटना आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्य चेतना (Mahakumbh 2025) को बढ़ाती हैं.

कैसे देख सकते हैं ग्रहों की परेड (How to see Planet Alignment)

ग्रहों के अवलोकन के लिए सबसे अच्छा समय गोधूलि बेला होती है. सूर्यास्त के ठीक बाद या सूर्योदय से पहले जब ग्रह आकाश में अधिक ऊंचाई पर स्थित होते हैं. पांच ग्रह – बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि नंगी आंखों से देखे जा सकते हैं. यूरेनस और नेपच्यून दूर और कम रोशनी वाला होने के कारण सही तरीके से देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता पड़ेगी.

क्या यह अलाइनमेंट दोबारा होगी (Planet Alignment)

एस्ट्रोनोमर मानते हैं कि अगस्त 2025 के मध्य में एक और ग्रह संरेखण (Planet Alignment) होगा. जब सुबह के आकाश में छह ग्रह दिखाई देंगे. यूरेनस और नेपच्यून को ऑप्टिकल सहायता के बिना पहचानना चुनौतीपूर्ण है. आदर्श दृश्य परिस्थितियां और उपकरण उन्हें खोजने में मदद कर सकते हैं.

कुंभ मेले और खगोलीय घटनाओं के बीच ब्रह्मांडीय संबंध (Mahakumbh 2025 and Astronomical Phenomenon)

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री बताते हैं, ‘प्रयागराज में हर 12 साल और हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में हर चार साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला आकाशीय गतिविधियों से गहराई से जुड़ा हुआ है. इस पवित्र समागम का समय बृहस्पति की कक्षा द्वारा निर्धारित किया जाता है. यह वैदिक ज्योतिष और हिंदू परंपराओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लाखों भक्त पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए इकट्ठा होते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान आध्यात्मिक मुक्ति (spiritual liberation) की ओर ले जाता है.

ग्रह और आध्यात्मिक विकास (Planet and Spiritual Growth)

पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, ज्योतिष ग्रहों को मानव जीवन को आकार देने वाली ऊर्जावान शक्तियों के रूप में देखता है. प्रत्येक ग्रह स्वयं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य से लेकर आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक केतु तक, व्यक्तित्व, रिश्तों, करियर और आध्यात्मिक विकास को प्रभावित करने वाले विशिष्ट गुणों का प्रतीक है. केतु, बृहस्पति और शनि किसी व्यक्ति में आध्यात्मिक प्रवृत्ति देने वाले मुख्य ग्रह हैं. धर्म और मोक्ष के घरों के साथ उनका संबंध किसी व्यक्ति को सब कुछ पीछे छोड़ते हुए संतत्व की ओर ले जा सकता है.

ग्रह हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं! (Planet and Human Life)

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, सूर्य लक्ष्य पथ की ओर बढाता है, आत्म-मूल्य और नेतृत्व क्षमताओं को प्रभावित करता है. चंद्रमा भावनाओं, रिश्तों और पोषण क्षमताओं से जुड़ा हुआ है. मंगल ऊर्जा के स्तर, प्रेरणा और व्यक्ति की क्षमता को प्रभावित करता है. बुध कम्युनिकेशन स्किल, बुद्धिमत्ता और सीखने की क्षमता के लिए माना जाता है.

व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं ग्रह (Planet affect Personality)

सूर्य आपकी बाहरी अभिव्यक्ति को नियंत्रित करता है, वहीं चंद्रमा आपकी भावनात्मक दुनिया पर शासन करता है. यह आपके मूड, अंतर्ज्ञान और जीवन के उतार-चढ़ाव पर आपकी प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है. चंद्रमा मन, भावनाओं, अंतर्ज्ञान, कल्पना और ग्रहणशीलता का प्रतिनिधित्व करता है. चंद्रमा की आवृत्ति पर ध्यान लगाने से व्यक्ति अपनी याददाश्त, मूड, संवेदनशीलता, सहानुभूति और मानसिक क्षमताओं (Planet and Mental Health) में सुधार कर सकता है.

यह भी पढ़ें : Next Kumbh: 26 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ का अंतिम स्नान, जानिए कहां लगेगा अगला कुंभ?

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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