Kartik Ekadashi 2024: कार्तिक एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ पुष्कर पंचतीर्थ महास्नान
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, November 12, 2024
Updated On: Tuesday, November 12, 2024
पूरी दुनिया में भगवान ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर पुष्कर शहर में है। पुष्कर गुरु नानक और गुरु गोबिंद सिंह के गुरुद्वारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्नान घाटों में से एक को गोबिंद घाट कहा जाता है, जिसे सिखों ने गुरु गोबिंद सिंह की याद में बनवाया गया था।
देवउठनी एकादशी के अवसर पर हर साल राजस्थान के पुष्कर में कार्तिक महास्नान होता है। कार्तिक महास्नान के लिए एकादशी के अवसर पर सुबह 5 बजे से ही पुष्कर के सरोवर के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी। देश के कोने-कोने से पुष्कर पहुंचे हजारों श्रद्धालु पवित्र सरोवर के जल में आस्था की डुबकी लगाकर अपने घर-परिवार में सुख शांति के साथ साथ उन्नति की कामना करने लगे। साथ ही अपने पूर्वजों की आत्मिक शांति के लिए जलदान देकर तर्पण कर्म भी करने लगे। सुबह से ही यहां स्थानीय ब्रह्मा घाट , गऊघाट , वराह घाट , बंशी घाट , बद्री घाट , यज्ञ घाट , सप्तऋषि घाट सहित अन्य सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद स्थानीय तीर्थ पुरोहितों से वैदिक मंत्रोचार के साथ सरोवर की पूजा अर्चना करवाकर खूब दान-पुण्य (Kartik Ekadashi 2024) भी किया।
मोक्ष प्राप्ति के लिए पुष्कर यात्रा
पूरी दुनिया में भगवान ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर पुष्कर शहर में है। पुष्कर गुरु नानक और गुरु गोबिंद सिंह के गुरुद्वारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्नान घाटों में से एक को गोबिंद घाट कहा जाता है, जिसे सिखों ने गुरु गोबिंद सिंह की याद में बनवाया गया था। पुष्कर अपने वार्षिक मेले (पुष्कर ऊंट मेला) के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें मवेशियों, घोड़ों और ऊंटों का व्यापार होता है। हिंदू धर्म में पुष्कर की यात्रा को मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाने वाली अंतिम तीर्थ यात्रा माना जाता है।
आस्था की डुबकी
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से पुष्कर के सरोवर के सभी 52 घाट भरे हुए नजर आते हैं। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ महास्नान करने का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहता है । माना जा रहा है कि इस बार शाम तक लगभग एक लाख श्रद्धालु सरोवर के जल में डुबकी लगाएंगे। अनुमान जताया जा रहा है कि एकादशी से पूर्णिमा तक लगभग चार लाख श्रद्धालु सरोवर के जल में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बनेंगे।
सरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक और जहां नगर परिषद पुष्कर ने जगह-जगह खतरे के निशान की झंडिया लगाकर रस्सियां बांधी हैं वहीं दूसरी ओर सिविल डिफेंस के 80 से ज्यादा जवान चौबीसों घंटे सरोवर के घाटों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सिविल डिफेंस की टीम न सिर्फ श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए बार-बार अपील कर रही हैं, बल्कि यदि कोई श्रद्धालु गलती से गहरे पानी में चला भी जाता है तो उसे तुरंत बचाने की भी कोशिश भी की जाती है।
आध्यात्मिक शोभा यात्रा
कार्तिक एकादशी के अवसर पर मंगलवार को सुबह नौ बजे धूमधाम से आध्यात्मिक शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में एक और जहां अलग अलग अखाड़ों से आए संत महात्माओं ने तलवारबाजी और लट्ठबाजी दिखाकर सभी को रोमांचित कर दिया, तो वही दूसरी ओर अलग अलग देवी देवताओं की सजाई गई सुंदर झांकियों ने सभी का मन मोह लिया । इस यात्रा में अपने शानदार नृत्य और संगीत कला से राजस्थानी संस्कृति की झलक बिखेर रहे कई राजस्थानी कलाकार भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बने रहे। रंग बिरंगे कपड़ों में राजस्थानी गीतों पर थिरक रहे कलाकारों को देखकर सात समुंदर पार से आए विदेशी सैलानी भी रोमांचित हो उठे, तो वही सैकड़ों लोगो ने उन्हें अपने कैमरों के भी कैद किया। खास बात यह थी कि शोभायात्रा पर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से जुड़ी अंजुमन कमेटी के खादिमों ने पुष्पवर्षा कर कौमी एकता का संदेश दिया। जानकारी के अनुसार लगभग 2 हजार किलो फूल यात्रा के स्वागत में उछाले गए जिसे देख यहां पहुंचे हजारों देशी विदेशी सैलानी भाव विभोर हो गए ।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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