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Ganga Dussehra 2025 : मां गंगा का आशीर्वाद पाने का सबसे शुभ दिन – जानें पूरी विधि!
Ganga Dussehra 2025 : मां गंगा का आशीर्वाद पाने का सबसे शुभ दिन – जानें पूरी विधि!
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, May 30, 2025
Last Updated On: Friday, May 30, 2025
इस वर्ष 5 जून 2025 को गंगा दशहरा मनाया जा रहा है. देवी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा जी में तीन डुबकी लगाने से सभी पाप मिट जाते हैं.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Friday, May 30, 2025
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2025) एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो इस वर्ष 5 जून, 2025 को मनाया जा रहा है. यह दिन देवी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिन गरीबों को दान देने, जरूरतमंदों को भोजन कराने और गंगा आरती में भाग लेने से अपार आध्यात्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है. यह भी मान्यता है कि गंगा नदी में पवित्र स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं.
गंगा दशहरा का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Ganga Dussehra)
यह पवित्र दिन आत्मिक और शारीरिक शुद्धि, विनम्रता और ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है. भारतीय संस्कृति में गंगा नदी का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है. गंगा को हिंदू धर्म में श्रद्धापूर्वक “गंगा माँ” या “मां गंगा” के रूप में कहा जाता है. माना जाता है कि गंगा जल में शुद्धिकरण और उपचार करने की शक्ति होती है. पौराणिक कथा है कि इस दिन मानवता को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं गंगा.
पापों से मुक्ति के लिए कैसे करें स्नान (How to take Holy Dip)
भक्त मानते हैं कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से अन्य दिनों की तुलना में बेहतर आध्यात्मिक लाभ मिलता है. इससे वाणी, विचार और कर्म सहित दस प्रकार के दोषों या पाप से पूर्ण मुक्ति मिलती है. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करना सबसे अच्छा होता है. अतिरिक्त वस्त्र साथ रखें. गंगा में स्नान करें. नदी में गंदगी नहीं फैलाएं. कुंभ मेला और गंगा दशहरा को अनुष्ठान स्नान के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
तीन डुबकी क्यों लगाएं (Why to take three dips in the Ganga)
गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा में तीन डुबकी लगाएं. प्रत्येक डुबकी मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है. पहली डुबकी से हमारा शरीर शुद्ध होता है. दूसरी डुबकी से मन शुद्ध हो सकता है और तीसरी से हम आत्मा को मुक्त करते हैं. अर्घ्य दें. सूर्य की ओर मुख करके जल अर्पित करें. गंगा, सूर्य, जल, वायु, पेड़ जैसे प्राकृतिक संसाधन के प्रति कृतज्ञता को अपने भीतर प्रवाहित होने दें. मंत्रों का जाप करें. हाथ जोड़कर नदी से बाहर निकलें. बाहर निकलते समय गंगा नदी का आशीर्वाद मन ही मन ग्रहण करें.
मां गंगा को क्या अर्पित करें
गंगा दशहरा के अवसर पर मां गंगा को गहरी श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रार्थना, फूल, धूप और जल चढ़ाया जाता है. गंगा मां की पूजा करके व्यक्ति शुद्धि, आशीर्वाद और आध्यात्मिक उत्थान की कामना करता है. ध्यान रहे कि आपकी पूजा-अर्चना से मां गंगा का जल गंदा नहीं हो.
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