Vishwakarma Puja 2024 : दुनिया के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माने जाने वाले विश्वकर्मा की 17 सितंबर को होगी पूजा

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, September 12, 2024

Last Updated On: Thursday, September 12, 2024

vishwakarma puja 2024
vishwakarma puja 2024

हिंदू धर्म-संस्कृति में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यवसाय में तरक्की होती है। निर्माण कार्य में आने वाली समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही धन और समृद्धि भी बढ़ती है। विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाएगी।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, September 12, 2024

विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। यह भारत के अलग-अलग राज्यों में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा का सातवां पुत्र माना जाता है। ये दुनिया के निर्माता हैं। मान्यता है कि दुनिया में होने वाले हर निर्माण कार्य के पीछे भगवान विश्वकर्मा की कृपा है। भगवान विश्वकर्मा को इस दुनिया का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है। निर्माण या किसी भी तरह के ऐसे काम से जुड़े लोग, जिसमें सृजन की आवश्यकता होती है, वे विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।यह त्योहार मुख्य रूप से कारखानों, मशीनरी काम अधिक होने वाले स्थानों में अधिक उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे। जानें विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2024) की महत्ता।

16 सितंबर या 17 सितंबर को होगी विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2024)

काशी के ज्योतिषाचार्य और पूजा-पाठ के विशेषज्ञ पंडित रमेश द्विवेदी के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों के बीच में इस बार कन्फ्यूयजन की स्थिति बनी हुई है। हर साल भाद्रपद मास में सूर्य जब सिंह राशि से निकलकर कन्याञ राशि में प्रवेश करते हैं, तो विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। ज्यादातर शुभ दिन और त्योहार चंद्र कैलेंडर और तिथि यानी चंद्र दिवस पर निर्भर करते हैं। जो हर साल बदलता है। इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाएगी। सूर्य 16 सितंबर की शाम को 7 बजकर 29 मिनट पर कन्याा राशि में प्रवेश कर रहे हैं। कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाने वाली विश्वकर्मा पूजा के लिए संक्रांति का शुभ मुहूर्त 16 सितंबर को शाम 07:53 बजे से है। हिंदू धर्म में उदया तिथि की अधिक महत्ता है। इसलिए विश्वकर्मा पूजा अगले दिन यानी कि 17 सितंबर को मनाई जाएगी।

विश्वकर्मा पूजा महत्व (Vishwakarma Puja Significance)

पंडित रमेश द्विवेदी (Pandit Ramesh Dwivedi) बताते हैं, ‘हिंदू धर्म-संस्कृति में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यवसाय में तरक्की होती है। निर्माण कार्य में आने वाली समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही धन और समृद्धि भी बढ़ती है।’

विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Rituals)

• पूजा के दिन सुबह सबसे पहले अपनी फैक्ट्री या दुकान की सफाई करें।
• इसके बाद कारखानों में रखे या इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों को साफ-सुथरा करें।
• यदि आपके पास कोई वाहन है, तो उसकी भी साफ़-सफाई करें।
• फिर कारखाने में एक साफ मंच पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें।
• यदि घर पर पूजा करन चाहते हैं, तो पूजा की चौकी पर भगवान को स्थापित करें।

भगवान विष्णु का करें ध्यान (Bhagwan Vishnu Puja)

• इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें। उनकी पूजा करें।
• भगवान विश्वकर्मा को धूप, दीप, फूल, साबुत चावल आदि अर्पित करें।
• पूजा के अंत में भगवान की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
• इस दिन कई जगहों पर भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
• भंडारे में शामिल हों और पवित्र रूप से तैयार किये गए भोजन का आनंद लें और देवी अन्नपूर्णा को मन ही मन प्रणाम करें।

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।


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