Border-Gavaskar Trophy: मेलबर्न के चौथे टेस्ट में भारत से कहां हुई गलती

Border-Gavaskar Trophy: मेलबर्न के चौथे टेस्ट में भारत से कहां हुई गलती

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Monday, December 30, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

india lost melbourne 4th test match
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चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पांचवें दिन शानदार गेंदबाजी की। सटीक गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

हाइलाइट

  • ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में भारत को 184 रनों से हराया।
  • इस जीत के बाद पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है। एक मैच ड्रा हुआ है।
  • रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे बड़े खिलाडी का बल्ला अब तक खामोश है।
  • ऑस्ट्रेलिया ने 13 साल बाद भारत के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट जीता

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा मैच बेहद रोमांचकारी रहा लेकिन जीत ऑस्ट्रेलिया की झोली में गिरा। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर पांच दिनों तक चले इस मैच में भारत की ओर से सिर्फ यशस्वी जायसवाल ने दोनों ही पारियों में अच्छी बल्लेबाजी की। उनके अलावा सभी बल्लेबाज फ्लॉप रहे। वहीं गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह ने दोनों पारी में बेहतरीन गेंदबाजी की। मेलबर्न ग्राउंड में इस मैच को रिकॉर्ड तोड़ दर्शकों ने देखा।

13 साल बाद जीता ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत से 13 साल बाद जीता। पिछले 13 सालों से ऑस्ट्रेलिया भारत से यह मैच हारता रहा है। एक तरह से कहें तो ऑस्ट्रेलिया में बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत का 13 साल का अपराजित अभियान आखिरकार खत्म हो गया। इसका सबसे बड़ा कारण रहा ऑस्ट्रेलिया का बल्ले और गेंद दोनों से कमाल खेल का प्रदर्शन किया।

क्या होता है बॉक्सिंग डे टेस्ट

बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, विक्टोरिया में आयोजित होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण हैं क्रिसमस के अगले दिन यानी 26 दिसंबर का खेल। इसमें ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम और दूसरे देश का राष्ट्रीय टीम टेस्ट मैच खेलती है। यह ऑस्ट्रेलिया में गर्मियों के दौरान ऑस्ट्रेलिया का दौरा करती है। यह हर साल बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) से शुरू होता है और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में खेला जाता है।

रोहित और विराट ने किया निराश

इस मैच में रोहित शर्मा ओपनिंग करने उतरे। इससे भारतीय खेमे में एक उम्मीद जगी थी कि भारत का शीर्ष क्रम मजबूत होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। रोहित शर्मा का बल्ला दोनों ही पारी में नहीं चला। उन्होंने 3 और 9 रन बनाएं। यही स्थिति विराट के साथ भी रहा।

विराट के बल्लेबाजी क्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ था। वे चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए मैदान में आएं। इन्होंने दोनों पारी में कुल 41 (36 और 5) रन बनाएं। भारत की हार का सबसे बड़ा कारण इन दिग्गजों का बल्ला न चलना रहा। इन दोनों दिग्गज खिलाडियों का बल्ला तब नहीं चला, जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

यशस्वी जायसवाल ने बचाई इज्जत

इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में इकलौते यशस्वी जायसवाल ऐसे बल्लेबाज रहे, जिनके पिच आसान और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज परेशान नहीं कर पाएं। जायसवाल ने अपने करियर का पहला शतक लगाया। इन्होंने पहली पारी में 114 तो दूसरी पारी में 84 रन बनाया। जायसवाल इकलौते खिलाड़ी रहे, जिन्होंने दोनों ही पारियों में हाई स्कोरर रहे। यशस्वी जायसवाल ने दूसरी पारी में 208 गेंदों पर 84 रनों की भरोसेमंद पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया ने पांचवें दिन के खेल के अंतिम घंटे में दूसरी नई गेंद लेने से पहले ही टेस्ट अपने नाम कर लिया। पहली पारी में अर्धशतक लगाने वाले वाशिंगटन सुंदर 45 गेंदों का सामना करने के बाद 5 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन उनके पास जोड़ीदार नहीं बचे।

भारत की दूसरी पारी 155 पर सिमटी

भारत की पहली पारी जायसवाल की शतक और वाशिंगटन सुंदर की अर्धशतक के कारण 300 को पार कर पाया था। लेकिन दूसरी पारी 155 रन पर ही ढेर हो गया। भारत ने 79.1 ओवर तक संघर्ष किया, लेकिन वे अंतिम दिन बल्लेबाजी नहीं कर पाए। भारत ने अंतिम सत्र में सात विकेट गंवा दिए। इससे मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड मैच देखने आये हजारों भारतीय प्रशंसकों को निराशा हुई।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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