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Delhi Purvanchal Voters : AAP-BJP की खींचतान, कितनी सीटें प्रभावित ?
Delhi Purvanchal Voters : AAP-BJP की खींचतान, कितनी सीटें प्रभावित ?
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, January 7, 2025
Updated On: Thursday, January 9, 2025
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें ऐसी हैं, जहां पूर्वांचली वोटरों का प्रभाव महत्वपूर्ण होता है। इन सीटों पर जीत और हार का निर्धारण करने में पूर्वांचली वोटरों की अहम भूमिका रहती है। विकासपुरी, द्वारका, करावल नगर, मॉडल टाउन, बुराड़ी, उत्तम नगर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, बदरपुर, पालम, राजेंद्र नगर, देवली जैसी सीटों पर पूर्वांचली वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लगभग 40 से 50 प्रतिशत मतदाता निवास करते हैं।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, January 9, 2025
दिल्ली में जहां सर्दी अपने चरम पर है, वहीं पूर्वांचलियों के मुद्दे पर राजनीति का तापमान काफी बढ़ चुका है। पूर्वांचल (Delhi Purvanchal Voters) के लोग दिल्ली का एक महत्वपूर्ण वोट बैंक बन चुके हैं और सभी प्रमुख राजनीतिक दल इन्हें अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश में लगे हैं। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों पर नजर डालें, तो इन चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को पूर्वांचलियों का भरपूर समर्थन मिला था। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आश्वस्त थे, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) आम आदमी पार्टी के इस वोट बैंक को तोड़ने के लिए कई रणनीतियाँ बना रही है।
आम आदमी पार्टी, जो अब तक पूर्वांचलियों के बीच अपनी पकड़ी मजबूत करने में सफल रही है, अब अपनी रणनीति को और धार देने की योजना बना रही है। पार्टी इस बार भी इस वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए नए कदम उठा सकती है, ताकि दिल्ली में उनका दबदबा बरकरार रहे। इस बार के चुनाव में भाजपा ने पूर्वांचलियों को अपनी ओर लाने के लिए कई मुद्दों को उठाया है, जो इन समुदायों के बीच लोकप्रिय हो सकते हैं। इन दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच की टक्कर दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा दिखा सकती है।
दरअसल, आम आदमी पार्टी ने यह आरोप लगाया था कि BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्वांचलियों की तुलना रोहिंग्याओं और घुसपैठियों से की है। इसके समर्थन में उन्होंने जेपी नड्डा के बयान का एक वीडियो भी जारी किया था। शनिवार को यह मामला और भी बढ़ गया, जब दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे पर स्कूलों को नोटिस भेजा।
दिल्ली नगर निगम ने 18 दिसंबर को स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए थे कि वे अवैध बांग्लादेशी छात्रों की पहचान करें। स्वास्थ्य विभाग को यह आदेश भी दिया गया था कि इन अप्रवासियों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट न बनाए जाएं। दिल्ली नगर निगम ने यह भी कहा था कि अगर बांग्लादेशी अप्रवासियों ने अवैध निर्माण किया है तो उसे गिराया जाए। दिल्ली नगर निगम ने 31 दिसंबर तक इस पर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि BJP पूर्वांचलियों को टारगेट कर रही है। जबकि BJP का आरोप है कि AAP अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल करा रही है। संजय सिंह ने यह भी कहा कि बीजेपी पूर्वांचलियों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने की कोशिश कर रही है।
BJP ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि AAP पूर्वांचलियों के बीच भ्रम फैला रही है। बीजेपी का कहना है कि जेपी नड्डा का जन्म पटना में हुआ है, और उन्हें पूर्वांचलियों के सम्मान, इज्जत और लगाव को लेकर किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। बीजेपी नेता और दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बांग्लादेश जाकर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया।
इन विधानसभा क्षेत्रों में अधिक हैं पूर्वांचल के लोग
बुराड़ी, करावल नगर, सीमापुरी, बादली, किराड़ी, नांगलोई, विकासपुरी, द्वारका, मटियाला, उत्तम नगर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, संगम विहार, बदरपुर, पालम, देवली, राजेंद्र नगर, बादली।
पूर्वांचल नेताओं पर ऐसे दांव खेल रही है BJP
बीजेपी ने दिल्ली पूर्वांचल मोर्चा और पूर्वांचल मोर्चा समितियों के पदाधिकारियों को मैदान में उतारा है। प्रत्येक बूथ पर पूर्वांचल से संबंधित कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है। इनके सहयोग से ही चुनावी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का प्लान है।पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पिछले दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पूर्वांचली वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करना था। आम आदमी पार्टी इस दिशा में बीजेपी से आगे निकल गई और लोगों ने आप के पक्ष में अपना निर्णय लिया। बीजेपी इस बार कोई गलती नहीं करना चाहती, जैसे पिछले चुनावों में हुआ था। इसलिए, बीजेपी ने मुफ्त योजनाओं को जारी रखने का ऐलान पहले ही कर दिया है। पूर्वांचली वोटरों को यह भरोसा दिलाने के लिए कि मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी और उन्हें सुविधाजनक तरीके से मिलेंगी, प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष संतोष ओझा, पूर्वांचल मोर्चा के प्रदेश मंत्री एस. राहुल और प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।