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कौन होगा दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष, इन संभावनाओं पर विचार कर रही है AAP
कौन होगा दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष, इन संभावनाओं पर विचार कर रही है AAP
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, February 23, 2025
Updated On: Sunday, February 23, 2025
सोमवार से दिल्ली विधानसभा का नया कार्यकाल शुरू हो रहा है. सभी 70 विधायकों का शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चयन और दिल्ली के उपराज्यपाल का अभिभाषण प्रस्तावि है। इसके लिए सियासी गलियारों में इस बात को लेकर हवाएं तेज हो चली हैं कि विपक्ष की भूमिका में आने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) नेता प्रतिपक्ष किसे बना रही है ? इसके लिए तमाम समीकरण और संभावनाओं को टटोला जा रहा है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, February 23, 2025
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) में विचार-विमर्श जारी है. 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के सामने यह महत्वपूर्ण निर्णय है कि विधानसभा में विपक्ष की जिम्मेदारी कौन निभाएगा ? सूत्रों के अनुसार, AAP कुछ प्रमुख और अनुभवी विधायकों के नामों पर चर्चा कर रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस पद के लिए ऐसा नेता चुना जाए, जो विधानसभा में विपक्ष की भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाने के साथ-साथ पार्टी की विचारधारा को मजबूती से प्रस्तुत कर सके.
आतिशी के साथ ही इन नामों पर चर्चा
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में स्वभाविक उम्मीदवार माना जा रहा है. लेकिन आम आदमी पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ऐसा नहीं करेंगे. कारण, आतिशी के सीएम रहते ही पार्टी चुनाव हारी है. ऐसे में यदि आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है, तो दुसरे कई नेता नाराज होंगे.
इस परिस्थिति में पूर्व मंत्री गोपाल राय और पार्टी के प्रवक्ता संजीव झा के नाम पर विचार हो सकता है. गोपाल राय वरिष्ठ हैं और शासन का लंबा अनुभव है. लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उनकी मनाही हो सकती है.
बुराड़ी से विधायक संजीव झा को केजरीवाल का विश्वासपात्र माना जाता है. बीते दस साल में सरकार का पक्ष मीडिया में दमदार तरीके से रखा है. पूर्वांचल के नेता के रूप में उभर रहे हैं. ऐसे में पार्टी पूर्वांचल वोटरों को संदेश देने के लिए संजीव झा को यह जिम्मेदारी दे सकती है.
बड़े नेताओं की है गैर मौजूदगी
अरविंद केजरीवाल सहित मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, दिलीप पांडेय, दुर्गेश पाठक जैसे नेता आम आदमी पार्टी के लिए इस पर विधानसभा में उपलब्ध नहीं है. भाजपा की आंधी में ये नेता अपनी सीट तक नहीं बचा पाए. ऐसे में आम आदमी पार्टी को अपने 22 विधायकों में से ही यह चुनाव करना है.
मुस्लिम चेहरों के साथ शायद ही जाएं आप
केजरीवाल सरकार और उसके बाद आतिशी की अगुवाई में दिल्ली सरकार के मंत्री के रूप में इमरान हुसैन ने अपनी सेवाएं दी. लेकिन, पंजाब की राजनीति और अंदरूनी नीतियों के कारण यह नहीं लगता है कि आम आदमी पार्टी इन्हें नेता प्रतिपक्ष की भूमिका सौंपेगी.
बिहार की राजनीति पर भी है जोर
आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग बता रहे हैं कि इसी साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल बिहार के लिए भी तैयारी कर रहे हैं. जिस प्रकार से दिल्ली में इंडिया गठबंधन का अस्तित्व खत्म हुआ, बिहार में कुछ भी हो सकता है. यूं भी बिहार राजनीति की प्रयोगशाला के रूप में कई प्रयोंग कर चुकी है. इसलिए बिहार के मतदाताओं का भी ख्याल रखा जाएगा. ऐसे में पूर्वांचल के किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी जाए तो किसी को अचंभा नहीं होना चाहिए.