पंजाब से राज्यसभा उपचुनाव: AAP के उम्मीदवार पर सस्पेंस बरकरार
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, September 24, 2025
Updated On: Wednesday, September 24, 2025
पंजाब से राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है. मतगणना 24 अक्टूबर को होगी. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी ? सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या खुद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को पंजाब से राज्यसभा भेजा जाएगा, या फिर उनके करीबी और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को यह मौका मिलेगा. राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है कि अगर AAP इनमें से किसी बड़े चेहरे पर दांव लगाती है, तो इसका असर पंजाब ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ेगा.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Wednesday, September 24, 2025
पंजाब से राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है. चुनाव आयोग (Election Commission of India) के मुताबिक इस सीट के लिए मतदान और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी. यह सीट आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) के जुलाई में दिए गए इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी. चूंकि पंजाब विधानसभा में AAP के पास स्पष्ट बहुमत है, ऐसे में इस सीट पर उसके उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है.
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आम आदमी पार्टी (AAP) इस सीट पर किसे उम्मीदवार बनाएगी ? राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या खुद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पंजाब से राज्यसभा भेजा जाएगा, या फिर उनके करीबी और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को मौका मिलेगा.
इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि वर्तमान में दोनों के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है. दिल्ली में सरकारी आवास आदि की सुविधा भी नहीं है. ऐसे में यदि इन दोनों में से किसी एक का चुनाव राज्यसभा के लिए होता है, तो दिल्ली में इनके पास अपना एक ठिकाना होगा. सियासी गलियारों में चर्चा है कि वर्तमान में जब भी इनको कोई बैठक आदि करना होता है, तो ये पार्टी के दूसरे सांसद के सरकारी आवास को उपयोग में लाते हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल इस पर अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व ही करेगा। हालांकि, यह तय माना जा रहा है कि पंजाब विधानसभा में बहुमत होने के कारण सीट पर आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार निर्विरोध जीत दर्ज करेगा.
एक धड़ा ऐसा भी है, जिसका कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जिस प्रकार से गुप्ता बंधुओं को तरजीह दिया था, वैसा प्रयोग पंजाब में भी हो सकता है. पंजाब में पार्टी के मद में दान देने वालों की कमी नहीं है. दिल्ली से जब राज्यसभा भेजने में उन्होंने पार्टी के स्थापित नेताओं और अपने संघर्ष के साथियों की अनदेखी कर दी, तो पंजाब की क्या बिसात !
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्टी किसी युवा चेहरे या फिर संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेता को मैदान में उतार सकती है. वहीं, विपक्षी दल भी इस पर नजर बनाए हुए हैं कि AAP किसे राज्यसभा भेजने का फैसला करती है. 24 अक्टूबर को होने वाले इस चुनाव के नतीजे न केवल पंजाब बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी अहम संकेत दे सकते हैं.
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