वंदे भारत के बाद अब पटरियों पर दौड़ेगी वंदे मेट्रो

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Monday, April 29, 2024

vande bharat ke bad vande metro train
vande bharat ke bad vande metro train

भारतीय रेलवे की आधुनिकीकरण योजना के तहत मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में वंदे मेट्रो चलाने की घोषणा की थी। वंदे भारत ट्रेन की तरह ही यह मोदी सरकार की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Last Updated On: Monday, April 29, 2024

एक समय था, जब मेट्रो सिर्फ कलकत्ता में चला करती थी। आज देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो चल रही है। इसमें रोजाना एक करोड़ के आसपास यात्री सफर करते हैं। अब देशवासियों के लिए एक नई खुशखबरी आई है। बहुत जल्द ही दो नजदीकी शहरों को वंदे भारत मेट्रो से जोड़ा जाएगा। इसी वर्ष जुलाई में इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू होने की संभावना है।

रेल की आधुनिकीकरण योजना के तहत रेल मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में वंदे मेट्रो चलाने की घोषणा की थी। वंदे भारत ट्रेन की तरह ही यह भी मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। जो जल्द ही साकार होने वाली है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वंदे मेट्रो से 100 से 250 किमी. की दूरी वाले महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ा जाएगा।

इस ट्रेन की विशेषता बताते हुए एक अधिकारी ने कहा कि ये रेलगाड़ियां तेज गति से चलने वाली होंगी। इसकी अधिकतम स्पीड 130 किमी. प्रति घंटा होगी। इसमें दिल्ली मेट्रो की तरह बैठने की सुविधा रहेगी। यदि संभव हुआ तो बीच में भी बैठने की व्यवस्था की जाएगी। शुरू में केंद्र सरकार ने देश के 124 शहरों को इससे जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए अभी लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरुपति-चेन्नई आदि मार्गों को चिन्हित किया गया है।

जहां तक वंदे मेट्रो में कोच की बात है तो यह चार, आठ या फिर चार के गुणक में कोच होंगे। सबसे भीड़भाड़ वाली रूट पर अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं।हालांकि भारतीय रेल के कुछ जानकारों का मानना है कि वंदे मेट्रो ट्रेन भी इन्हीं रेल पटरियों पर दौड़ेंगी। ये पटरियां पहले से ही रेलगाड़ियों का दबाव झेल रही है। ऐसे में वंदे मेट्रो के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लगता है।

संभावना यह भी है कि वंदे मेट्रो, मुंबई लोकल का विकल्प हो सकती है। इसे उसके स्थान पर चलाने के लिए विचार किया जा रहा है। इसके किराए को लेकर सरकार ने अभी कोई हिंट्स नहीं दिया है। कहा यही जा रहा है कि आम लोगों को ध्यान में रखकर ही इसका किराया तय किया जाएगा।



गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।


Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें