Paris Climate Agreement : राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने क्यों की राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा

Paris Climate Agreement : राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने क्यों की राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Tuesday, January 21, 2025

Updated On: Tuesday, January 21, 2025

Paris Climate Agreement: President bante hi Trump ne rashtriya urja aapatkal ki ghoshna kyun ki.
Paris Climate Agreement: President bante hi Trump ne rashtriya urja aapatkal ki ghoshna kyun ki.

राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया है. ट्रंप न केवल जलवायु समझौते से बाहर निकल गए हैं, बल्कि अमेरिका में ‘राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल’ की घोषणा भी कर दी है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Tuesday, January 21, 2025

Paris Climate Agreement: पूरी दुनिया पर्यावरणीय समस्या से जूझ रही है. जबकि अमेरिका जैसे विकसित देश इसे दूर करने के बजाय इससे दूर भाग रहे हैं. राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया है. इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने वर्ष 2017 में इसी तरह का कदम उठाया था. तब ट्रंप पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे. इस बार ट्रंप न केवल जलवायु समझौते से बाहर निकल गए हैं, बल्कि अमेरिका में ‘राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल’ की घोषणा भी कर दी है.

ऊर्जा आपातकाल जलवायु नियमों से उलट

अमेरिका में राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा के साथ इसमें कई बदलावों की रूपरेखा तैयार की गई है. यह बदलाव पेरिस में हुए जलवायु समझौते के नियमों को ठीक 180 डिग्री पर पलट देंगे. इससे अमेरिका में तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाया जाएगा. परिणाम स्वरूप पर्यावरण को खतरा बढ़ेगा. अमेरिका में यह तब हो रहा है, जब पिछले साल (वर्ष 2024) में वैश्विक तापमान कैलेंडर वर्ष में पहली बार पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5C से अधिक बढ़ गया है.

ट्रंप ने क्यों लगाया आपातकाल

ट्रंप ने कल शपथ ग्रहण करने के बाद वाशिंगटन डीसी के कैपिटल वन एरिना में दिए भाषण में पेरिस समझौते को ‘धोखा’ कहा. ट्रंप 2.0 के पहले भाषण में उन्होंने कहा, ‘हम ड्रिल करेंगे. अपनी जरूरत और दुनिया की जरूरत के लिए.’ ट्रंप ने अमेरिकियों से वादा किया कि अमेरिका तेल और गैस अन्वेषण के एक नए युग की शुरुआत करेगा. उन्होंने कहा ‘हम तेल और गैस की कीमतें नीचे लाएंगे. अपने रणनीतिक भंडार को फिर से भरेंगे. बिल्कुल ऊपर तक. फिर पूरी दुनिया में अमेरिकी ऊर्जा का निर्यात करेंगे. हम फिर से एक समृद्ध राष्ट्र बनेंगे. तेल और गैस हमारे पैरों के नीचे का तरल सोना है. इसके मदद से अमेरिका फिर से समृद्ध बनेगा.’

पहले से ज्यादा उत्पादन

हालांकि अमेरिका में पहले से ही तेल और गैस का उत्पादन अधिक हुआ है. वर्ष 2016 से अमेरिकी तेल का उत्पादन 70 प्रतिशत बढ़ है. तेल के मामले में अमेरिका अब दुनिया का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है. इसी प्रकार तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का निर्यात भी बहुत तेजी से बढ़ा है. यह वर्ष 2016 में लगभग शून्य से बढ़कर वैश्विक अग्रणी बन गया है. अब ट्रंप प्रशासन ‘ग्रीन न्यू डील’ को भी समाप्त करने जा रहा है.

पर्यावरण कार्यकर्ताओं की बढ़ी चिंता

ट्रंप के इस कदम से पर्यावरण कार्यकर्ता चिंता में हैं. इनका मानना है कि इससे जलवायु परिवर्तन और तेजी से बढ़ेगा. यह पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है. ट्रंप को अमेरिका क साथ-साथ धरती के बारे में सोचना चाहिए.

क्या कहते हैं साइमन स्टील ?

संयुक्त राष्ट्र जलवायु प्रमुख साइमन स्टील ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इसे अनदेखा करने से केवल प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं को ही बहुत सारा धन मिलेगा. जबकि सूखा, जंगल की आग और सुपरस्टॉर्म जैसी जलवायु आपदाएं बदतर होती जा रही हैं. संपत्ति और व्यवसायों को नष्ट कर रही हैं. राष्ट्रव्यापी खाद्य उत्पादन को प्रभावित कर रही हैं. यह अर्थव्यवस्था में व्यापक मूल्य मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे रही हैं।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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