भारत के आयुष मंत्रालय की तारीफ में WHO ने पढ़े कसीदे, एआई समावेश को लेकर कह दी बड़ी बात

भारत के आयुष मंत्रालय की तारीफ में WHO ने पढ़े कसीदे, एआई समावेश को लेकर कह दी बड़ी बात

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Saturday, July 12, 2025

Last Updated On: Saturday, July 12, 2025

WHO ने AYUSH Ministry India की सराहना की, एआई को स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करने की पहल को बताया सराहनीय कदम। भारत की नई दिशा को मिला वैश्विक समर्थन.
WHO ने AYUSH Ministry India की सराहना की, एआई को स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करने की पहल को बताया सराहनीय कदम। भारत की नई दिशा को मिला वैश्विक समर्थन.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट भारत के लिए ऐतिहासिक है. भारत के आयुष इनोवेशन और उसमें एआई के अग्रमी प्रयासों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है. साथ ही भारत की सराहना भी की गई है.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Saturday, July 12, 2025

AYUSH Ministry India: वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के क्षेत्र में भारत को बड़ी उपलब्धि मिली है. आयुष मंत्रालय के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की यह रिपोर्ट भारत के ही एक प्रस्ताव पर आधारित है. इसके बाद परंपरागत चिकित्सा में एआई के उपयोग के लिए यह पहली वैश्विक रूपरेखा तैयार की गई. डब्ल्यूएचओ ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, विशेष रूप से आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को एकीकृत करने में भारत के अग्रणी प्रयासों को स्वीकार किया है. इसकी जानकारी आयुष मंत्रालय ने दी. 

डब्ल्यूएचओ ने अपने तकनीकी विवरण “पारंपरिक चिकित्सा में एआई” में भारत के इन प्रयासों को प्रमुखता से उजागर किया है, जो पारंपरिक चिकित्सा में डिजिटल तकनीकों के उपयोग को दर्शाता है.

आयुष मंत्रालय ने क्या बताया ?

मंत्रालय ने बताया कि भारत की ओर से मिले प्रस्ताव के बाद हमारे प्रयासों को सराहा गया है. हमारे प्रस्ताव के परिणामस्वरूप डब्ल्यूएचओ ने पारंपरिक चिकित्सा में एआई के अनुप्रयोग के लिए पहला रोडमैप तैयार किया. मंत्रालय ने इस मान्यता को “पारंपरिक चिकित्सा के लिए मजबूत वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भारत के नेतृत्व का प्रमाण” करार दिया.

भारतीय वैज्ञानिकों का कमाल

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा, “डब्ल्यूएचओ के तकनीकी विवरण में भारत की एआई-आधारित पहल हमारी प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने की दिशा में भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.”

इसके अंतर्गत आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी में एआई-संचालित अनुप्रयोग शामिल हैं, जैसे नाड़ी रीडिंग, जीभ परीक्षण और प्रकृति मूल्यांकन को मशीन लर्निंग और डीप न्यूरल नेटवर्क के साथ जोड़ने वाली निदान सहायता प्रणालियां.

जाधव ने आगे कहा, “एसएएचआई पोर्टल, नमस्ते पोर्टल और आयुष अनुसंधान पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से भारत न केवल अपनी सदियों पुरानी चिकित्सा विरासत को संरक्षित कर रहा है, बल्कि व्यक्तिगत, साक्ष्य-आधारित और वैश्विक स्तर पर सुलभ स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को भी आकार दे रहा है.”

रिपोर्ट में आयुर्जेनोमिक्स का भी जिक्र

डब्ल्यूएचओ के विवरण में आयुर्जेनोमिक्स पर भी प्रकाश डाला गया है, जो जीनोमिक्स को आयुर्वेदिक सिद्धांतों के साथ जोड़ने वाली एक वैज्ञानिक उपलब्धि है. यह पहल आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के तहत एआई-आधारित विश्लेषण से रोगों के पूर्वानुमानित संकेतों की पहचान कर वैयक्तिक परामर्श प्रदान करती है. इससे आधुनिक रोगों के लिए हर्बल योगों के जीनोमिक और आणविक आधार को समझने के प्रयासों को भी मान्यता मिली है.

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “ये एआई-सक्षम प्लेटफॉर्म भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को संरक्षित और सत्यापित करने के साथ-साथ उन्हें वैश्विक साक्ष्य-आधारित डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे में एकीकृत कर रहे हैं.”

डब्ल्यूएचओ ने पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) की भी प्रशंसा की, जो स्वदेशी चिकित्सा विरासत के संरक्षण और जिम्मेदार उपयोग के लिए वैश्विक मॉडल बन चुकी है.

इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूएचओ ने ऑनलाइन परामर्श के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, आयुष चिकित्सकों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और पारंपरिक चिकित्सा को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा के साथ जोड़ने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की.

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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