Antibiotic Resistance : लैंसेट जर्नल की स्टडी बताती है कि एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस से 2050 तक 4 करोड़ मौतें हो सकती है

Antibiotic Resistance : लैंसेट जर्नल की स्टडी बताती है कि एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस से 2050 तक 4 करोड़ मौतें हो सकती है

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, September 18, 2024

Updated On: Thursday, September 19, 2024

antibiotic resistance infection
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द लैंसेट जर्नल में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इसके अनुसार, 1990 से 2021 के बीच हर साल एंटीबायोटिक मेडिसिन रेसिस्टेंस संक्रमणों से दस लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। 2050 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 20 लाख तक हो सकती है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, September 19, 2024

हाल में द लैंसेट जर्नल (The Lancet) में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस (Antibiotic Resistance) पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इसके अनुसार, 1990 से 2021 के बीच हर साल एंटीबायोटिक मेडिसिन रेसिस्टेंस संक्रमणों से दस लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। 2050 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 20 लाख तक हो सकती है। रिपोर्ट का अनुमान है कि उचित एंटीबायोटिक दवाओं तक व्यापक पहुंच और संक्रमणों के बेहतर उपचार से 2025 से 2050 के बीच लगभग 9 करोड़ लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह रिपोर्ट नेचर जर्नल में भी प्रकाशित की गई। बचाव के लिए एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस (Antibiotic Resistance) के बारे में जानना जरूरी है।

बढ़ती मृत्यु दर (Death Rate)

शोधकर्ताओं ने 1990 और 2021 के बीच 204 देशों के मृत्यु दर डेटा और अस्पताल के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इसमें 22 रोगजनकों, बैक्टीरिया और दवाओं के 84 संयोजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनके लिए एंटीबायोटिक प्रतिरोधी हैं। इसमें 11 रोग शामिल हैं, जिनमें ब्लड संक्रमण और मेनिन्जाइटिस भी है।

उनके निष्कर्षों से पता चलता है कि पिछले 3 दशकों में दवा प्रतिरोधी संक्रमणों से मरने वाले 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है। लेकिन 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में मृत्यु दर में 80% की वृद्धि हुई है। स्टैफिलोकोकस ऑरियस के संक्रमण से होने वाली मौतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। यह स्किन, ब्लड और आंतरिक अंगों को संक्रमित करता है। इसमें 90.29% की वृद्धि देखी गई।

क्या है एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस (Antibiotic Resistance)

एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस तब होता है जब बैक्टीरिया उन्हें मारने के लिए बनाए गए एंटीबायोटिक दवा के खिलाफ़ सुरक्षा विकसित कर लेते हैं। एक बार जब एक एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोध विकसित हो जाता है, तो उपचार के लिए अलग-अलग एंटीबायोटिक की ज़रूरत पड़ती है। ये कम प्रभावी हो सकते हैं या जिनके ज़्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैं। बैक्टीरिया उन एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोध करने लगते हैं, जिनका इस्तेमाल उनके इलाज के लिए किया जाता है। इससे कुछ बैक्टीरियल संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग एंटीबायोटिक प्रतिरोध का कारण बनता है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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