75वें साल में नीतीश अपने बेटे निशांत को सौंपेंगे कमान, सियासत में ऐसे आया है उछाल

75वें साल में नीतीश अपने बेटे निशांत को सौंपेंगे कमान, सियासत में ऐसे आया है उछाल

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, March 2, 2025

Updated On: Monday, March 3, 2025

नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत, बिहार की राजनीति में बदलाव
नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत, बिहार की राजनीति में बदलाव

एक मार्च, 2025 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) 74 साल के हो गए. इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. जदयू के अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार काफी लंबा पारी खेल चुके हैं. अब अपने बेटे निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में लाना चाहते हैं. इसके संकेत मिलने से ही बिहार की राजनीति में सियासी उछाल आ गया है. मुख्य विपक्षी दल राजद और लालू परिवार की ओर से बयानों का दौर जारी है. जदयू की ओर से भी उसका सियासी जवाब दिया जा रहा है.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Monday, March 3, 2025

बिहार की राजनीति और खासकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सियासी चाल को समझना आसान नहीं होता है. करीब दो दशक से वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं. इस दौरान अधिकतम समय वे भाजपा के साथ सरकार में रहे और खुद ही सीएम बने रहे. कुछ महीनों के लिए राजद को भरोसे में लिए, तब भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) ने सीएम की कुर्सी से कंप्रोमाइज नहीं किया. तो आगे क्यों करेंगे ?

दरअसल, यही सवाल भाजपा नेताओं को चुभ रहा है. भाजपा बिहार में अपना मुख्यमंत्री चाहती है. 26 फरवरी को हुए कैबिनेट विस्तार में भले ही भाजपा नेताओं की भागीदारी अधिक हुई हो, लेकिन नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) के सियासी पेंचोखम को लेकर भाजपा रणनीतिकार भी सकते में है. जिस प्रकार से कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने अपने एकमात्र बेटे निशांत कुमार (Nishant Kumar) के राजनीतिकरण को लेकर संकेत दिया, उसमें वर्तमान जदयू के कई बड़े नेताओं को भी सकते में डाल दिया है.

निशांत कुमार के समर्थन में आए सरकार के मंत्री

RJD नेता तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार सरकार में मंत्री मोहम्मद ज़मा खान ने कहा, “तेजस्वी यादव पहले अपनी पार्टी पर ध्यान दें. उनकी पार्टी एक निजी कंपनी की तरह बन गई है, जहां पूरा परिवार शामिल है. हम चाहते हैं कि निशांत कुमार आगे बढ़ें, हम उनके साथ हैं. मैं चाहता हूं कि निशांत कुमार सक्रिय रूप से आगे आएं और हम उनके साथ मिलकर काम करेंगे। मैं यह भी चाहता हूं कि वे चुनाव लड़ें.”

निशांत कुमार को लेकर तेजस्वी ने कही थी ये बड़ी बात

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और RJD नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को राजनीति में आने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “निशांत बाबा मेरे भाई हैं. मैं चाहता हूं कि वे जल्द राजनीति में कदम रखें, वरना BJP जेडीयू को खत्म कर देगी.” तेजस्वी ने जेडीयू नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के मंत्री नहीं चाहते कि निशांत कुमार राजनीति में आएं. उन्होंने आरोप लगाया कि “बीजेपी और जेडीयू के नेता लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिससे यह साफ है कि कोई बड़ी साजिश रची जा रही है.” तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है.

तेजस्वी यादव को जदयू नेता ने बताया ट्विटर बबुआ

RJD नेता तेजस्वी यादव के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, “तेजस्वी यादव गहरी परेशानी में हैं. उनके पिता के कृत्यों ने पूरे परिवार को कानूनी शिकंजे में फंसा दिया है. न्यायालय, सीबीआई और ईडी में पेशी के साथ-साथ कई आर्थिक अपराधों के मामले भी उन पर चल रहे हैं. उनके नेतृत्व में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी सिर्फ 4 सीटों पर सिमट गई, जबकि हमें तीसरी नंबर की पार्टी कहते थे और आज हमारे पास 12 सांसद हैं. उनकी राजनीतिक बेचैनी साफ झलक रही है. वे सिर्फ ‘ट्विटर बबुआ’ हैं, लेकिन जो केवल ट्वीट के भरोसे रहता है, जनता उसे ‘क्विट’ कर देती है.”

BJP नेताओं ने भी तेजस्वी पर किया पलटवार

राजद नेता तेजस्वी यादव ने निशांत कुमार के बहाने भाजपा को भी लपेट और कहा कि भाजपा को जहां मौका मिलता है, वहीं पर वह सत्ता और पार्टी को हड़पना चाहती है. तेजस्वी यादव ने कहा कि शरद जी द्वारा बनाई गई पार्टी को बीजेपी हड़पना चाहती है. अगर निशांत कुमार राजनीति में आते हैं, तो पार्टी को बचाया जा सकता है. इस दौरान उन्होंने जेडीयू के मंत्रियों और बीजेपी नेतृत्व पर तीखा हमला बोला. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर BJP ने तीखा पलटवार किया है. प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव दोस्ती निभाने के बजाय अपनी चिंता में डूबे हुए हैं. उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य खतरे में नजर आ रहा है, जिससे वे घबराए हुए हैं. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में आते हैं, तो तेजस्वी का क्या होगा? यही डर उन्हें बेचैन कर रहा है और इसी कारण वे ऐसे बयान दे रहे हैं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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