अमिताभ बच्चन के 25 आइकॉनिक डायलॉग्स Top 25 Famous Dialogues of Amitabh Bachchan…खुश तो बहुत होगे आज तुम? हाईं
अमिताभ बच्चन के 25 आइकॉनिक डायलॉग्स Top 25 Famous Dialogues of Amitabh Bachchan…खुश तो बहुत होगे आज तुम? हाईं
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, July 2, 2025
Updated On: Thursday, July 3, 2025
जब आवाज़ खुद में तूफ़ान बन जाए, और एक डायलॉग लाखों दिलों की धड़कन, तब समझिए मंच पर हैं अमिताभ बच्चन. ये लेख है उस शख्सियत के आइकॉनिक डायलॉग्स का हैं (Iconic Dialogues of Amitabh Bachchan), जिसने सिर्फ अभिनय नहीं किया, बल्कि हर शब्द को ज़िंदा कर दिया. 'एंग्री यंग मैन' से लेकर 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्यारे होस्ट तक, हर रूप में जनता ने उन्हें सिर-आंखों पर बिठाया. आइए, उनके सबसे मशहूर डायलॉग्स की गूंज में उतरें , जहां सिनेमा, साहित्य और सच्चाई आपस में मिलते हैं, और हर लाइन कहती है: “मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता!”
Authored By: Nishant Singh
Updated On: Thursday, July 3, 2025
क्या आपने कभी एक डायलॉग को सुनकर रोंगटे खड़े होते महसूस किए हैं? जब अमिताभ बच्चन की गूंजती हुई भारी आवाज़ पर सिनेमाघरों में तालियों और सीटियों की बरसात होती थी, तब लगता था मानो पूरा पर्दा हिल गया हो. उनका हर डायलॉग सिर्फ एक पंक्ति नहीं, एक एहसास, एक रवैया और कभी-कभी तो एक आंदोलन बन जाता था.
अमिताभ बच्चन , एक नाम नहीं, एक इतिहास है. इलाहाबाद की गलियों में जन्मे इस लंबे-चौड़े, गंभीर आंखों वाले युवक को कभी किसी ने नहीं सोचा था कि वो भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सितारा बनेगा. 11 अक्टूबर 1942 को हरिवंश राय बच्चन जैसे महान कवि के घर जन्मे अमिताभ ने अभिनय की दुनिया में कदम तो रखा, पर शुरुआती दिनों में ठोकरें भी खाईं. पर जैसे ही ‘जंजीर’ में उन्होंने एंग्री यंग मैन का रूप लिया, वैसे ही सिनेमा का चेहरा बदल गया. उनकी आवाज़, अंदाज़ और संवाद बोलने का तरीका जनता के दिलों में घर कर गया. ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ से लेकर ‘पिकू’ और ‘चेहरे’ तक, हर पीढ़ी ने उन्हें अपने ढंग से चाहा है. सिर्फ अभिनेता ही नहीं, वे एक प्रेरणा हैं , संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल. बच्चन साहब आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने चार दशक पहले थे.
इस लेख में हम उतरेंगे उस डायलॉग की दुनिया में, जहां शब्द हथियार बन जाते हैं, और अमिताभ बच्चन की आवाज़ उन्हें जादू बना देती है. आइए, उस सिनेमाई सफर पर चलें, जहां हर लाइन एक यादगार कहानी है , और हर कहानी में है अमिताभ का अंदाज़, जो आज भी दिलों पर राज करता है.
अमिताभ बच्चन की आइकॉनिक डायलॉग्स (Iconic dialogues of Amitabh Bachchan)

ये वही ‘एंग्री यंग मैन’ थे, जो कभी “रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं…” कहकर पीढ़ियों को झकझोर देते थे, तो कभी “आज खुश तो बहुत होगे तुम…” के दर्द में सारा देश अपने आंसू छुपा लेता था. अमिताभ के डायलॉग्स सिर्फ संवाद नहीं थे, वो किरदारों की आत्मा थे. हर शब्द में एक आग, एक जुनून और एक गूंज थी, जो सीधे दिल पर लगती थी.
“रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह – (फिल्म शहंशाह)”
“आई कैन टॉक इंग्लिश, आई कैन वॉक इंग्लिश, आई कैन लॉफ इंग्लिश बिकॉज इंग्लिश इज ए वेरी फन्नी लैंग्वेज – (फिल्म नमक हलाल)”
“तुम लोग मुझे वहां ढूंढ रहे थे, और मैं तुम्हारा यहां इंतजार कर रहा हूं – (फिल्म दीवार)”
“मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता – (फिल्म दीवार)”
आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस हैं, तुम्हारे पास क्या है? – (फिल्म दीवार)”
“मूछें हों तो नत्थूलाल जी जैसी हो वरना न हों – (फिल्म शराबी)”
“समुंदर में रहने वाले नदियों और तालाबों में डुबकी नहीं लगाते – (फिल्म शराबी)”
“तोहफा देने वाले की नीयत देखी जाती है उसकी क़ीमत नहीं – (फिल्म शराबी)”
“परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन, ये इस गुरुकुल के तीन स्तंभ हैं… ये वो आदर्श हैं जिनसे हम आपका आने वाला कल बताते हैं – (फिल्म मोहब्बतें)”
“वादे अक्सर टूट जाते हैं पर कोशिशें कामयाब होती हैं – (फिल्म शराबी)”
“डाॅन जख्मी है, तो क्या…? फिर भी डाॅन है. – (फिल्म डाॅन)”
हमारे यहां घड़ी की सुई कैरेक्टर डिसाइड करती है. – (फिल्म पिंक)”
“हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है – (फिल्म कालिया)”
“तुम्हारा नाम क्या है बसंती? – (फिल्म शोले)”
“मेरी जिंदगी का तंबू 3 बंबुओं पर खड़ा है मुंशी जी, शायरी, शराब और आप – (फिल्म शराबी)”
“आपने जेल की दीवारों और जंजीरों का लोहा देखा है, जेलर साहब…कालिया की हिम्मत का फौलाद नहीं देखा है – (फिल्म कालिया)”
“विजय, पूरा नाम विजय दीनानाथ चौहान. बाप का नाम मास्टर दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मंडवा, उम्र छत्तीस साल, नौ महीना, आठ दिन, ये सोलहवां घंटा चालू है – (फिल्म अग्निपथ)”
“यह तुम जानती हो कि यह रिवाॅल्वर खाली है, मैं जानता हूं कि यह रिवाॅल्वर खाली है, लेकिन पुलिस नहीं जानती कि यह रिवाॅल्वर खाली है. – (फिल्म डाॅन)”
“डॉन का इंतजार तो ग्यारह मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है – (फिल्म डॉन)”
“खुश तो बहुत होगे आज तुम? हाईं – (फिल्म अग्निपथ)”
“वो बात जो लफ्ज़ों में अदा हो जाए… वो बात ही क्या हुई. – (फिल्म सिलसिला)”
“फूल खामोश रहकर भी अपने रंग और खुशबू से बहुत कुछ कह जाते हैं. – (फिल्म सिलसिला)”
“‘कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, कि जिंदगी तेरी जुल्फों की नर्म छांव में गुजरने पाती, तो शादाब हो भी सकती थी..!’ – (फिल्म कभी-कभी)”
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