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म्यूचुअल फंडों के SIP में जमा हुए 15 लाख करोड़ रुपये, जानें क्यों है इतना लोकप्रिय
म्यूचुअल फंडों के SIP में जमा हुए 15 लाख करोड़ रुपये, जानें क्यों है इतना लोकप्रिय
Authored By: Suman
Published On: Friday, July 11, 2025
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
म्यूचुअल फंडों की सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जून महीने के दौरान बढ़कर 15.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इससे लाखों निवेशक फायदा उठा रहे हैं.
Authored By: Suman
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
म्यूचुअल फंडों की सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जून महीने के दौरान बढ़कर 15.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इससे करोड़ों निवेशक फायदा उठा रहे हैं. अगर आपने अभी तक किसी म्यूचुअल फंड योजना में सिप की शुरुआत नहीं की है तो अब भी शुरू कर सकते हैं क्योंकि सिप में निवेश के बहुत से फायदे हैं.
साल 2016 में पहली बार म्यूचुअल फंडों का एयूएम एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया था. इसके बाद जून 2021 में यह 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. लेकिन इसकी 5 लाख से 15 लाख करोड़ रुपये तक की यात्रा बहुत तेज रही. अगले चार साल में यानी जून 2025 तक ही अब म्यूचुअल फंडों के सिप का एययूएम 15 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है. सिप के एयूएम ने 10 लाख करोड़ का आंकड़ा जनवरी 2024 में ही हासिल किया था और अगले 17 महीने में इसने नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले 9 साल में इसमें करीब 15 गुना की बढ़त हो चुकी है.
इसके साथ ही कुल म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सिप के एयूएम का हिस्सा बढ़कर रिकॉर्ड 20.57 फीसदी तक पहुंच गया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मुताबिक जून 2025 में म्यूचुअल फंडों का कुल एयूएम बढ़कर 74.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
जून महीने में म्यूचुअल फंडों की सिप योजनाओं में योगदान 27,269 करोड़ रुपये पहुंच गया जो अब तक का एक रिकॉर्ड है. इसके पहले मई महीने में योगदान 26,688 करोड़ रुपये था.
जानकारों का कहना है कि अगले वर्षों में सिप में और बढ़त हो सकती है क्योंकि इस साल के बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को इनकम टैक्स फ्री कर दिया है. इससे लोगों के पास अच्छा पैसा बचेगा और वे इसका एक हिस्सा म्यूचुअल फंडों में लगाएंगे.
क्या है SIP और क्या हैं निवेश के फायदे
सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान किसी म्यूचुअल फंड में निवेश का एक अनुशासित तरीका होता है. यह काफी सुविधाजनक भी होता है क्योंकि इसमें हर महीने 250, 500 या 1000 रुपये का निवेश कर सकते हैं. अक्सर लोगों के पास निवेश के लिए एकमुश्त रकम नहीं जुट पाती. लेकिन अगर 500 या हजार रुपये महीने लगाना हो तो कोई भी आसानी से निवेश शुरू कर सकता है.
अब फायदे की बात यह है कि म्यूचुअल फंडों में रिटर्न अच्छा मिलता है. बैंक में जमा आपके पैसे पर आपने अगर एफडी भी कराई तो अधिकतम 7-8 फीसदी का रिटर्न मिलता है. सरकारी बचत योजनाओं में भी इतना ही रिटर्न मिलता है. लेकिन म्यूचुअल फंडों में बड़े आराम से 12 से 15 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. इसका फायदा यह होता है कि आप 5 लाख या 10 लाख जुटाने के किसी टारगेट पर आसानी से अमल कर सकते हैं.
आप जो रकम हर महीने लगाते हैं उससे आपको किसी म्यूचुअल फंड की कुछ यूनिट्स मिलती हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने 500 रुपये की सिप शुरू की है और फंड के यूनिट का रेट 10 रुपये चल रहा है तो आपको उसकी 50 यूनिट मिल जाएगी.
लेकिन सिप में एक फायदा एवरेजिंग का होता है. होता यह है कि जब बाजार में तेजी होती है और यूनिट के दाम बढ़ जाते हैं तब निवेशकों को कम यूनिट मिलता है. लेकिन जब बाजार में गिरावट आती है तो उन्हें उसी रकम में ज्यादा यूनिट मिल जाते हैं. इससे उनके यूनिट की लागत में एवरेजिंग हो जाती है यानी उसका एक औसत दायरा बन जाता है.
उदाहरण के लिए अगर यूनिट का दाम 12 रुपये हो गया तो आपको 500 रुपये में सिर्फ 41.6 यूनिट ही मिलेगा. लेकिन जिस महीने यूनिट का दाम घटकर 8 रुपये हो गया उस महीने आपको 500 रुपये में ही 62.5 यूनिट मिल जाएगी. इस तरह पूरे साल में आपको औसतन सही मात्रा में यूनिट मिल जाते हैं और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का नुकसान नहीं होता. इसकी वजह से सिप को काफी पसंद किया जाता है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)