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Power Nap Benefits: ऑफिस में झपकी लेने का ‘राइट टू नैप’, जानें पावर नैप के फायदे और नुकसान
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, October 8, 2025
Last Updated On: Wednesday, October 8, 2025
Power Nap Benefits: ऑफिस में काम के बीच 20 मिनट की पावर नैप लेना अब ट्रेंड बनता जा रहा है. इंडिया बेस्ड कंपनी वेकफिट ने अपने कर्मचारियों के लिए ‘राइट टू नैप’ नीति लागू की है, जिसके तहत दोपहर 2 से 2:30 बजे तक ऑफिशियल नैप टाइम रहेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, दिन में थोड़ी देर की नींद शरीर को रिफ्रेश करती है, दिमाग को चार्ज करती है और क्रिएटिविटी बढ़ाती है. हालांकि, जरूरत से ज्यादा दिन में सोना नुकसानदायक भी हो सकता है. आइए जानते हैं क्या होती है Power Nap तथा क्या है इसके फायदे
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, October 8, 2025
Power Nap Benefits in Hindi: सुबह से लगातार काम करने के बाद कुछ देर की झपकी किसे नहीं भाती? रिसर्च के अनुसार, दिन में ली गई 20 मिनट की पावर नैप न केवल थकान दूर करती है, बल्कि फोकस, मूड और एनर्जी लेवल को भी बूस्ट करती है. कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस में ‘राइट टू नैप’ पहल की शुरुआत की है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने भी Power Nap Benefits पर रिसर्च की थी. ये स्टडी जर्नल ऑफ न्यूरोसांइस में प्रकाशित की गई है. इस स्टडी में देखा गया कि कुछ लोगों के दिमाग के हिस्सों (कॉर्टेक्स) में पावर नैप के बाद भी तेज और बार-बार दोहराए जाने वाले पैटर्न देखने को मिले.
इसके अलावा और भी इस तरह के पहले रिसर्च हो चुके हैं जिनसे ये पता चला है कि अच्छी नींद सिर्फ प्रदर्शन नहीं बल्कि कई बीमारियों से बचाव करने में भी मदद करती है. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी एक शोध किया था, जिसमें पता चला कि जो बुज़ुर्ग गहरी नींद लेते हैं, उनमें अल्जाइमर का खतरा कम होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर पावर नैप लेना कितना फायदेमंद है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्या होती है पावर नैप?
पावर नैप यानी दिन में ली जाने वाली छोटी और तरोताजा करने वाली नींद, जो आमतौर पर 10 से 30 मिनट की होती है. भले ही यह नींद थोड़े वक्त की हो, लेकिन इसका असर पूरे दिन दिखता है. जब आप काम करते-करते थक जाते हैं या मन काम में नहीं लग रहा होता, तब कुछ मिनट की पावर नैप लेने से शरीर और दिमाग दोनों को नई ऊर्जा मिलती है. उठने के बाद मन ताजा लगता है, थकान कम हो जाती है और काम पर दोबारा ध्यान लगने लगता है.
पावर नैप के 5 बड़े फायदे | Benefits of Power Nap in hindi
1. एनर्जी को फिर से भर देती है
अक्सर लोग थकान मिटाने के लिए ज्यादा चाय या कॉफी पीने लगते हैं, जो शरीर के लिए ठीक नहीं है. लेकिन पावर नैप एक नेचुरल तरीका है एनर्जी वापस लाने का. इससे शरीर रिफ्रेश होता है और बिना कैफीन के भी जोश वापस आता है.
2. ध्यान और फोकस बढ़ाती है
जब दिमाग लगातार काम करते-करते थक जाता है, तो ध्यान भटकने लगता है. ऐसे में 15-20 मिनट की पावर नैप आपके फोकस को वापस लाने में मदद करती है. नींद के बाद मन साफ होता है और आप दोबारा ध्यान से काम कर पाते हैं.
3. मूड को बेहतर बनाती है
नींद की कमी या लगातार काम करने से चिड़चिड़ापन, गुस्सा और तनाव बढ़ सकता है. लेकिन थोड़ी देर की पावर नैप लेने के बाद मूड अच्छा हो जाता है और आप रिलैक्स महसूस करते हैं.
4. दिमाग को तेज बनाती है
रोजाना थोड़ी देर की पावर नैप लेने से मेमोरी और सोचने की क्षमता बेहतर होती है. दिमाग को आराम मिलने से आप नई चीजें जल्दी समझते हैं और उन्हें लंबे समय तक याद भी रख पाते हैं.
5. रचनात्मकता (Creativity) बढ़ाती है
पावर नैप आपके अंदर की क्रिएटिविटी को भी बढ़ाने में मदद करती है. जब दिमाग फ्रेश होता है, तो नए आइडिया आने लगते हैं और आप ज्यादा बेहतर तरीके से सोच पाते हैं.
दिन में सोना सही है या गलत?
- एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिन में अगर सीमित समय के लिए नींद ली जाए तो यह सेहत के लिए अच्छी होती है. डॉक्टर मानते हैं कि दिन के वक्त 20 से 30 मिनट की पावर नैप लेने से दिमाग की कार्यक्षमता, एनर्जी और प्रोडक्टिविटी बढ़ती है.
- हालांकि, दिन में 2-3 घंटे तक सोना बिल्कुल सही नहीं माना जाता, क्योंकि इससे शरीर की प्राकृतिक नींद का चक्र बिगड़ जाता है और रात की नींद प्रभावित होती है. इसलिए पावर नैप तभी लें जब आप थकान महसूस करें और उसकी अवधि 30 मिनट से ज्यादा न हो.
दोपहर में सोने के नुकसान
- हालांकि दिन में थोड़ी देर की नींद फायदेमंद होती है, लेकिन अगर आप ज्यादा देर तक सोते हैं तो इसके नुकसान भी हैं. ज्यादा सोने से आपकी रात की नींद पर असर पड़ता है. रात में देर तक नींद नहीं आती और सुबह उठने में परेशानी होती है.
- कभी-कभी लंबे समय तक सोने के बाद ‘स्लीप इनर्शिया’ की समस्या भी हो जाती है. इसमें नींद से जागने के बाद लंबे समय तक सुस्ती बनी रहती है और शरीर भारी महसूस होता है.
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