कारगिल विजय (Kargil Vijay) के 25 साल, पूरा देश कर रहा है अपने नायकों को नमन

कारगिल विजय (Kargil Vijay) के 25 साल, पूरा देश कर रहा है अपने नायकों को नमन

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, July 25, 2024

Kargil Vijay Diwas 2024
Kargil Vijay Diwas 2024

कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरा देश अपने नायकों को नमन कर रहा है। यह दिन हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद करने और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर है। 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों ने दुश्मन के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और हमारी सीमाओं की रक्षा की। इस जीत ने न केवल हमारी सेना की ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि देशभक्ति और एकता की भावना को भी मजबूत किया।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Thursday, July 25, 2024

हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जो देश के नायकों की बहादुरी और वीरता को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है। इस साल देश 25वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है। पाकिस्तानी हमला का हमारे देश के वीर जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। कारगिल युद्ध 1999 में मई और जून के महीने में हुआ था और इस साल इस युद्ध को 25 साल पूरे हो गए हैं।

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, जब पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी कारगिल जिले में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर गए थे। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay)के तहत इन घुसपैठियों को मार भगाया और अपनी सीमाओं की रक्षा की।कारगिल विजय दिवस न केवल हमारे वीर सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह हमें हमारे देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता सर्वोपरि है, और हमें हर समय अपने देश की सेवा और रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए।

वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे प्रधानमंत्री श्री मोदी

26 जुलाई, 2024 को 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी सुबह लगभग 9:20 बजे कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। वे करगिल युद्ध के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री वर्चुअल रूप से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे।

शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। निर्माण कार्य पूरा होने पर यह विश्व की सर्वाधिक ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तीव्र और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

विजय दिवस (Vijay Diwas) का महत्व

यह दिन हमारे सैनिकों की देशभक्ति और साहस का प्रतीक है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। इस दिन उन वीर सपूतों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।

कारगिल विजय दिवस युवाओं को देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। देश भर में राष्ट्रीय युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं। इस दिन के माध्यम से समाज में देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार किया जाता है।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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