अद्भुत खगोलीय घटना के लिए आज रहें तैयार, दिखेगा ब्लू सुपरमून

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, August 19, 2024

Updated On: Tuesday, August 20, 2024

Blue Supermoon

भारत में इस सोमवार को ब्ल्यू सुपरमून का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह वर्ष 2024 का पहला सुपरमून होगा, जो खगोल प्रेमियों के लिए एक विशेष अवसर है। भारत में यह दृश्य 19 अगस्त की रात से लेकर 20 अगस्त की सुबह तक दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा का आकार और चमक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी, जिससे यह दृश्य और भी रोमांचक बन जाएगा।

आज रात आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय घटना का दृश्य देखने को मिलेगा ब्लू सुपरमून। ब्लू मून तब होता है जब एक ही महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होती है, और जब यह घटना सुपरमून के साथ मिलती है, तो इसे ब्लू सुपरमून कहा जाता है। सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे वह सामान्य से बड़ा और चमकदार दिखाई देता है।

‘सुपरमून’ शब्द खगोलशास्त्री रिचर्ड नोले ने 1979 में किया था। सामान्य चंद्रमा की तुलना में सुपरमून लगभग 30 प्रतिशत से अधिक चमकीला होता है और 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है।

बेहद खास है आज का ब्लू सुपरमून (Blue Supermoon)

इस बार का ब्लू सुपरमून और भी खास है क्योंकि ऐसी घटना फिर से 2037 तक नहीं दिखाई देगी। खगोलविदों का कहना है कि आज का सुपरमून लगभग 14% बड़ा और 30% अधिक चमकदार होगा। यह दृश्य रात के समय होगा और मौसम साफ रहने पर इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।

देशभर के खगोल प्रेमियों और वैज्ञानिकों ने इस घटना को देखने के लिए खास तैयारियां की हैं। अगर आप भी इस अद्भुत खगोलीय घटना का आनंद लेना चाहते हैं, तो आज रात चंद्रमा को देखना न भूलें।

बीते साल भी हुई थी यह घटना

बीते साल 1 अगस्त को स्टर्जन चंद्रमा ने आसमान में अपनी चमक बिखेरी थी, और 30 अगस्त को सुपर ब्लू मून ने दुनिया को अपने अद्भुत दृश्य से मंत्रमुग्ध कर दिया था। इस खगोलीय घटना ने लोगों को रोमांचित किया, और अब यह नजारा फिर से देखने को मिलेगा।

इस वर्ष, आसमान में चार सुपरमून दिखाई देंगे, जिनमें से दूसरा सुपरमून 17 सितंबर को होगा। सुपरमून, जिसे ‘सुपरमून ब्लू मून’ (‘Supermoon Blue Moon’) भी कहा जाता है, सामान्य पूर्णिमा की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक चमकीला और 14 प्रतिशत अधिक बड़ा दिखाई देता है।

यह घटना तब होती है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब, यानी 363,300 किलोमीटर की दूरी पर आ जाता है। ऐसे में चंद्रमा का आकार और चमक सामान्य से अधिक दिखाई देती है, जो खगोल प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती है।

अगर आप इस खगोलीय चमत्कार को देखना चाहते हैं, तो आने वाले सुपरमून को अवश्य देखें, क्योंकि यह दृश्य एक दुर्लभ और अद्वितीय अनुभव है।

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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