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Budget 2025 Expectations: बजट में मिडिल क्लास को सौगात, इनकम टैक्स पर मिल सकती है ये राहत
Budget 2025 Expectations: बजट में मिडिल क्लास को सौगात, इनकम टैक्स पर मिल सकती है ये राहत
Authored By: Suman
Published On: Monday, January 20, 2025
Updated On: Monday, January 20, 2025
यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है जब तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई है और दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है। सरकारी और निजी निवेश कमजोर पड़ा है, तथा लोगों की खपत भी सुस्त हुई है। इस साल इकनॉमिक ग्रोथ चार साल में सबसे सुस्त रह सकती है। ऐसे में खपत को बढ़ाने के लिए सरकार मिडल क्लास के लिए ऐसा कुछ कर सकती है कि उनके पास खर्च करने लायक पैसे बच सकें।
Authored By: Suman
Updated On: Monday, January 20, 2025
Union Budget 2025 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरवरी में वर्ष 25-26 का बजट पेश करेंगी। यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है जब तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई है और दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल है। सरकारी और निजी निवेश कमजोर पड़ा है, तथा लोगों की खपत भी सुस्त हुई है। इस साल इकनॉमिक ग्रोथ चार साल में सबसे सुस्त रह सकती है। ऐसे में खपत को बढ़ाने के लिए यह मांग की जा रही सरकार मिडल क्लास के लिए ऐसा कुछ करे कि उनके पास खर्च करने लायक पैसे बच सकें। इसका सबसे प्रमुख तरीका टैक्स में राहत देना हो सकता है।
जबसे इनकम टैक्स (Income Tax) का नया रिजीम लागू हुआ है नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स बचाना और कठिन हो गया है। महंगाई बढ़ने के साथ ही अब सालाना 10 से 20 लाख रुपये की इनकम वाले लोगों की कमाई भी कुछ खास नहीं रह गई है, क्योंकि ऐसे लोगों की आय का बड़ा हिस्सा टैक्स में ही चला जाता है। अक्सर ऐसे लोगों की साल में कम से कम एक महीने के आय के बराबर पैसा टैक्स के मद में चला जाता है।
ऐसी तमाम रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वित्त मंत्री सालाना 15 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए इनकम टैक्स घटाने का उपाय कर सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो इससे मिडिल क्लास (middle class) को काफी राहत मिलेगी। मांग तो यह की जा रही है कि 15 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दिया जाए। हालांकि यह आसान नहीं है। इसकी जगह यह उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री ऐसे उपाय कर देंगी जिससे 15 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को कम से कम टैक्स देना पड़े। टैक्स कम हुआ तो मिडिल क्लास के लोगों की बचत ज्यादा होगी और वे यह बचत कहीं न कहीं खर्च करेंगे। इससे देश में खपत बढ़ेगी जिसकी फिलहाल ज्यादा दरकार है।
रियल एस्टेट सेक्टर यह मांग कर रहा है कि Section 24(b) के तहत अभी जो 2 लाख तक के सालाना ब्याज पर के बदले टैक्स एक्जम्पशन (tax exemption limit) दी जाती है उसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए। इतना तो संभव नहीं लग रहा है लेकिन अगर यह सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये भी कर दी गई तो इससे मध्यम वर्ग को काफी राहत मिलेगी।
बीमा में क्या हो सकता है
जीएसटी काउंसिल में तो बीमा प्रीमियम पर जीएसटी (GST) से राहत देने का कोई फैसला नहीं हो पाया। लेकिन वित्त मंत्री चाहें तो बजट में कुछ अलग तरह की राहत दे सकती हैंं। अभी एनुइटी स्कीम में जो निवेश होता है उस पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन मैच्योरिटी में जो इनकम हासिल होती है उस पर टैक्स लगता है। इसी तरह लमसम राशि मिलने पर कॉर्पस का सिर्फ 60 फीसदी ही टैक्स फ्री होता है, बाकी पर टैक्स देना पड़ता है। एनुइटी इनकम और पेंशन उत्पादों के मामले में वित्त मंत्री से राहत की उम्मीद की जा रही है। बीमा इंडस्ट्री यह भी मांग कर रही है कि जीवन बीमा प्रीमियम को 80सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख के छूट दायरे से बाहर रखा जाए और उस पर छूट की अलग लिमिट तय की जाए ताकि लोग पर्याप्त बीमा कराने को प्रोत्साहित हों। यही नहीं टर्म इंश्योरेंस को प्रोत्साहित करने के लिए उसके लिए अलग से एक्जम्शन लिमिट तय की जा सकती है।
कब पेश होगा बजट
संसद के बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से शुरू होगा और 13 फरवरी को खत्म होगा। इसका दूसरा हिस्सा 10 मार्च से शुरू होगा और 4 अप्रैल को खत्म होगा। यह मोदी सरकार 3. O का पहला बजट है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश आठवां बजट होगा। वह 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में अपने बजट स्पीच के साथ बजट पेश करेंगी।
अभी तक वित्त मंत्री लगातार छह सालाना और दो अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं। इस बार 1 फरवरी कोे शनिवार पड़ रहा है, इसके बावजूद उस दिन शेयर बाजार यानी एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) खुले रहेंगे। आमतौर पर शेयर बाजार में शनिवार और रविवार को कारोबार नहीं होता है।
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