Special Coverage
भारत पर ट्रंप टैरिफ 9 अप्रैल से लागू, RBI गवर्नर ने बताया क्या होगा असर
भारत पर ट्रंप टैरिफ 9 अप्रैल से लागू, RBI गवर्नर ने बताया क्या होगा असर
Authored By: Suman
Published On: Wednesday, April 9, 2025
Last Updated On: Wednesday, April 9, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) का भारत के आयात पर लगाया गया 26 फीसदी का जवाबी शुल्क बुधवार 9 अप्रैल से पूरी तरह से लागू हो गया है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Wednesday, April 9, 2025
Impact of Tariffs on Indian Economy : अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) का भारत के आयात पर लगाया गया 26 फीसदी का जवाबी शुल्क बुधवार 9 अप्रैल से पूरी तरह से लागू हो गया है. ट्रंप ने पिछले हफ्ते 2 अप्रैल को भारत सहित दुनिया के करीब 60 देशों पर भारी रेसिप्रोकल यानी जवाबी शुल्क (Reciprocal Tax) लगाने का ऐलान किया था.
भारत के अलावा वियतनाम पर 46 फीसदी, चीन पर 34 फीसदी, ताइवान पर 25 फीसदी, पाकिस्तान पर 29 फीसदी, दक्षिण कोरिया पर 24 फीसदी, जापान पर 24 फीसदी और यूरोपीय यूनियन पर 20 फीसदी का जवाबी शुल्क लगाया गया है. ट्रंप ने दावा किया था कि भारत उनके उत्पादों पर 52 फीसदी शुल्क लगाता है और वह तो इसका आधा ही लगा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर (RBI Governer) संजय मल्होत्रा ने भी यह माना है कि ट्रंप टैरिफ से इकोनॉमी को काफी नुकसान होगा. बुधवार को रिजर्व बैक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट यानी चौथाई फीसदी की कटौती कर इसे 6 फीसदी कर दिया. इससे होम लोन, कार लोन आदि पर लोगों की ईएमआई में कमी आ सकती है.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने कहा कि महंगाई उसके लक्ष्य से नीचे है और खाद्य महंगाई में गिरावट से इसे सपोर्ट मिला है. यही नहीं आगे के लिए महंगाई के आउटलुक में भी सुधार हुआ है. एमपीसी ने अपने रवैए को न्यूट्रल से बदलकर एकोमोडेटिव कर दिया है. इसका मतलब यह है कि आगे ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है.
टैरिफ पर RBI ने क्या कहा
भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हाल के अमेरिकी ट्रेड टैरिफ से दुनिया भर में इकनॉमिक आउटलुक पर बहुत ज्यादा अनिश्चितता छाई है. इससे ग्लोबल ग्रोथ और महंगाई पर नया खतरा आया है. इससे रुपये पर दबाव बढ़ सकता है और आयात महंगा हो सकता है.
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार आती मांग और शहरी उपभोग मे सुधार की उम्मीद से अर्थव्यवस्था में ग्रोथ को सपोर्ट मिल सकता है.
लेकिन उन्होंने निर्यात पर जारी खतरे को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर जो इकनॉमिक लैंडस्केप बन रहा है वह काफी अनिश्चित है. हालांकि सर्विस एक्सपोर्ट टिकाऊ बना रह सकता है. आपूर्ति पक्ष मे देखें तो कृषि उपज अच्छी रहने और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद है. हालांकि ग्लोबल लेवल पर जो अवरोध आए है उससे इकनॉमी के नीचे जाने का जोखिम बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि इकनॉमिक ग्रोथ रिकवरी के रास्ते पर है, लेकिन इसे ग्लोबल माहौल से काफी चुनौती मिल रही है. उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण ग्लोबल इकनॉमिक दशाओं, महंगाई और ग्रोथ आउटलुक में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति को ग्रोथ को लगातार सपोर्ट देना होगा.