OkCredit’s CEO’S Harsh strong Revelation : जल्दी पैसा कमाने के लिए उद्यमिता में रखा कदम, करना पड़ा संघर्ष

OkCredit’s CEO’S Harsh strong Revelation : जल्दी पैसा कमाने के लिए उद्यमिता में रखा कदम, करना पड़ा संघर्ष

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Friday, February 28, 2025

Updated On: Friday, February 28, 2025

OkCredit CEO हर्ष का खुलासा: उद्यमिता में संघर्ष और सफलता की कहानी
OkCredit CEO हर्ष का खुलासा: उद्यमिता में संघर्ष और सफलता की कहानी

OkCredit’s CEO Harsh’s strong Revelation: भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दिनों दिन विस्तार पा रहा है. युवा उद्यमी अपने नवीन आइडिया को बिजनेस वेंचर में तब्दील कर देश-दुनिया में पहचान बना रहे हैं. लेकिन किसी भी नए उद्यम को स्थापित करना आसान नहीं होता. पेमेंट स्टार्टअप ‘ओकेक्रेडिट’ (OkCredit) के सह-संस्थापक एवं सीईओ हर्ष पोखरना को भी अपनी कंपनी स्थापित करने और फिर उसे सफल बनाने में समय लगा. कंपनी में टाइगर ग्लोबल वेंचर कैपिटलिस्ट के निवेश के बावजूद बतौर उद्यमी उनकी यात्रा संघर्षों से भरी रही. हर्ष नए उद्यमियों को आगाह करते हैं कि उद्यमिता का रास्ता सीधा नहीं होता, लिहाजा पूरी तैयारी के साथ इस क्षेत्र में कदम रखें.

Authored By: अंशु सिंह

Updated On: Friday, February 28, 2025

फ्लिपकार्ट में अच्छी खासी नौकरी कर रहे थे हर्ष (Harsh Pokharna). लेकिन उनके ऊपर अपना वेंचर शुरू करने की धुन सवार थी. फिर क्या था. नौकरी छोड़ी और अपने साथ उद्यमियों गौरव कुमार एवं आदित्य प्रसाद के साथ बेंगलुरु में ‘ओकेक्रेडिट’ (OkCredit) नाम से एक पेमेंट वेंचर शुरू कर दिया. ये साल 2017 की घटना है. लेकिन जैसा सोचा था, हर्ष की उद्यमिता की ये यात्रा उतनी आसान नहीं थी. हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये उन्होंने अपनी इस यात्रा को याद किया है. वे लिखते हैं, ‘जब मैं पिछले आठ साल के अपने सफर को देखता हूं, तो एक महत्वपूर्ण सबक याद आता है कि उद्यमिता मैराथन रेस की तरह है. स्टार्टअप कभी भी पैसे कमाने का शॉर्टकट जरिया नहीं हो सकते हैं. इसमें धैर्यता, निरंतर प्रयास करते रहने एवं रियल दुनिया की समस्याओं का समाधान निकालने का जुनून चाहिए होता है. जो सिर्फ पैसा कमाने के लिए स्टार्टअप करते हैं, उन्हें एक न एक दिन निराश होना पड़ता है.’

स्टार्टअप के लिए जरूरी होती है प्लानिंग

दरअसल, हर्ष को लगता था कि अपना बिजनेस कर वे जल्दी पैसा बना सकते हैं. लेकिन यह सोच गलत साबित हुई. इनकी मानें, तो देश में विकसित हो रहे स्टार्टअप कल्चर से उन्हें अपना वेंचर शुरू करने की प्रेरणा मिली. लेकिन जैसा सोचा था, रास्ता उतना आसान नहीं रहा. वे कहते हैं, ‘स्टार्टअप करना काफी चुनौतीपूर्ण है. इसमें आने से पहले काफी प्लानिंग की जरूरत होती है. आपको लगातार कोशिश करती रहनी होती है.’ हर्ष की पोस्ट में किए गए इस बेबाक एवं ईमानदारी भरे खुलासे से अन्य युवा उद्यमी भी सहमति रखते हैं. उन्होंने अपनी परेशानियां साझा करते हुए लिखा है कि कैसे उन्हें सही मेंटरशिप नहीं मिल पा रही है. फंड्स की समस्या रहती है सो अलग.

दो साल में तीन अलग-अलग आइडियाज पर किए काम

शुरुआत के दो सालों में हर्ष ने तीन अलग-अलग बिजनेस आइडियाज पर काम किया. लेकिन उनमें से कोई भी बिजनेस में तब्दील नहीं हो सका. इस बीच उनकी बचत राशि यानी सेविंग्स घटने लगी. उन्हें फ्रीलांसिंग का सहारा लेना पड़ा, ताकि कुछ पैसे आते रहें. आखिरकार साल 2017 में ‘ओकेक्रेडिट’ की नींव रखी गई. यह एक डिजिटल बुककीपिंग प्लेटफॉर्म है, जो भारतीय एमएसएमई की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है. इसके एप से छोटे व्यवसाय मालिकों को अपने क्रेडिट लेनदेन को डिजिटल बनाने, खातों के प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाने और वित्तीय पारदर्शिता में सुधार करने में मदद मिलती है.

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही हुआ उद्यमिता का अनुभव

आइआइटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले हर्ष ने अपनी कंपनी शुरू करने से पहले बतौर ग्रेजुएट ट्रेनी फ्लिपकार्ट में काम किया. उन्होंने रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड, जियोमनीद्ध सहित कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ काम किया. वर्ष 2015 में उन्होंने अपने कॉलेज के दोस्तों गौरव कुमार और आदित्य प्रसाद के साथ मिलकर सोशल डिस्कवरी प्लेटफॉर्म क्लैनआउट लॉन्च करके अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की. हर्ष ने स्थानीय स्तर पर एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए बेंगलुरु में ब्लॉकचेन केंद्रित मीटअप का सह आयोजन भी किया. इसके बाद ब्लॉकचेन विकास और परामर्श परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की.

About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
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