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Share Market: शेयर बाजार में कब थमेगा गिरावट का सिलसिला? इस ब्रोकरेज हाउस ने बता दिया
Share Market: शेयर बाजार में कब थमेगा गिरावट का सिलसिला? इस ब्रोकरेज हाउस ने बता दिया
Authored By: Suman
Published On: Wednesday, February 19, 2025
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
आजकल सबका पोर्टफोलियो लालम लाल दिख रहा है. एक दिन अगर बाजार हरे निशान में रहता भी है तो अगले चार दिन फिर लाल निशान में चला जाता है. ऐसे में एक ब्रोकरेज हाउस ने यह भविष्यवाणी कर दी है कि भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट कब तक थम सकती है.
Authored By: Suman
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
Indian Share Market: शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट से आम निवेशक से लेकर बड़े कारोबारी तक सभी परेशान हैं. आजकल सबका पोर्टफोलियो लालम लाल दिख रहा है. एक दिन अगर बाजार हरे निशान में रहता भी है तो अगले चार दिन फिर लाल निशान में चला जाता है. हर कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर बाजार की हालत कब सुधरेगी. ऐसे में एक ब्रोकरेज हाउस ने यह भविष्यवाणी कर दी है कि भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट कब तक थम सकती है.
शेयर बाजार की हालत हाल के महीनों में काफी खराब (Share Market fall) रही है. पिछले छह महीने में निफ्टी 50 इंडेक्स (Nifty50) 5 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. बीएसई स्मॉलकैप (BSE snallcap) तो मंदी के दायरे में पहुंच चुका है और मिडकैप भी मंदी के कगार पर है. पिछले करीब 10 दिन से तो भारतीय बाजार की हालत बेहद खराब दिख रही है. बीएसई सेंसेक्स पिछले साल के 27 सितंबर के अपने पीक स्तर से करीब 12 फीसदी टूट चुका है. महीने में करीब फीसदी टूट चुका है, जब निफ्टी भी करीब 13 फीसदी टूट चुका है. यही नहीं इस महीने की शुरुआत 4 फरवरी से अब तक सेंसेक्स करीब पौने चार फीसदी टूट चुका है.
हालांकि बुधवार को बाजार थोड़ी वापसी करता दिखा है. बुधवार को सुबह बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) करीब 180 अंकों की गिरावट के साथ 75,787.27 पर खुला, लेकिन सुबह पौने दस बजे के आसपास इसकी दिशा बदल गई और यह उत्तर की ओर बढ़ने लगा. सुबह साढ़े दस बजे के आसपास तक सेंसेक्स 371 अंकों की उछाल के साथ 76,338.58 पर चला गया.
क्या कहा ब्रोकरेज फर्म ने
ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की रिसर्च विंग एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि हम बाजार में चल रही बिकवाली के दौर के अब अंत की ओर बढ़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस इक्विटी रिसर्च फर्म ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च में भारतीय शेयरों के लिए शॉर्ट टर्म में कमजोरी और अस्थिरता बढ़ेगी. हालांकि उसे उम्मीद है कि कैलेंडर ईयर 2025 की दूसरी छमाही यानी जून के बाद से बाजार में धीरे-धीरे सुधार होने लगेगा. रोजगार के रुझानों में सुधार, अनसेक्योर्ड लोन में बढ़त और सरकार के वेलफेयर पर खर्च बढ़ने से इकनॉमी का परिदृश्य बदलेगा और इससे शेयर बाजार को भी मदद मिलेगी. एमके का अनुमान है कि दिसंबर 2025 तक निफ्टी फिर से 25 हजार के लेवल को पार कर जाएगा.
एमके का अनुमान है कि दो से तीन तिमाहियों के भीतर डिस्क्रेशनरी खर्च में सुधार होगा. डिस्क्रेशनरी खर्च गैरजरूरी खर्च को कहते हैं जैसे घूमने-फिरने, रेस्टोरेंट जाकर खाना खाने आदि पर खर्च. आईटी नियुक्तियों में तेजी होगी, नकदी की बेहतर स्थिति होगी और रिटेल लोन में सुधार से मदद मिलेगी.
एमके ग्लोबल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि बाजार कंजम्पशन थीम के सहारे आगे बढ़ेगा. डिस्क्रेशनरी कंजम्पशन, हेल्थकेयर, टेलीकॉम, जरूरी सामान आदि पर खर्च बढ़ेगा.’
सरकार के महिला केंद्रित वेलफेयर स्कीम्स और सर्दियों की फसलों की अच्छी बोआई से भी खपत में बढ़त होने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकारी खर्च और टैक्स में राहत की बदौलत निजी खर्च में इजाफा होने का अनुमान है. अप्रैल से शुरू होने वाले अगले फाइनेंशियल ईयर में सरकार का कैपेक्स यानी पूंजीगत व्यय भी बढ़ने की उम्मीद है.
एमके ने साफतौर पर कहा कि मार्च के बाद एफपीआई की बिकवाली रुक जाएगी, क्योंकि अब कंपनियों का मूल्यांकन सही लेवल पर आ रहा है. अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के पीक पर पहुंचने से रुपये में गिरावट की चिंताएं कम होंगी. फर्म का मानना है कि इकोनॉमी का मैक्रो आउटलुक मजबूत है और देश की मॉनिटरी पॉलिसी बेहतर है. कंपनियों की कमजोर इनकम का साइकल पीछे छूट चुका है. यानी आम निवेशक अगले चार-पांच महीने में शेयर बाजार की दिशा पलटने की उम्मीद कर सकते हैं.