डिजिटल अरेस्ट : CBI, ED के फोन के घबराने की जरूरत नहीं, जानें क्या है नई एडवाइजरी
डिजिटल अरेस्ट : CBI, ED के फोन के घबराने की जरूरत नहीं, जानें क्या है नई एडवाइजरी
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Tuesday, October 8, 2024
Updated On: Tuesday, October 8, 2024
हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। 'डिजिटल अरेस्ट' की चपेट में पढ़े-लिखे समझदार माने जाने वाले लोग भी आ जा रहे हैं, जिससे उन्हें मानसिक आघात के साथ लाखों-करोडों की चपत भी लग जा रही है। डिजिटल अरेस्ट के तहत लोगों को ब्लैकमेल करते हुए उन्हें जांच के नाम पर स्काइप या वीडियो काल पर तब तक उलझाए रखा जाता है, जब तक कि उनसे लाखों रुपये ट्रांसफर नहीं करा लिए जाते। अब सरकार ने डिजिटल अरेस्ट को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। जानते हैं क्या है यह एडवाइजरी और कैसे इससे बच सकते हैंः
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Tuesday, October 8, 2024
हाल के वर्षों में देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। मगर अब आपको CBI, ED और पुलिस के नाम से कोई कॉल आती है, तो डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस तरह की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए देश के साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (Indian cyber crime coordination centre ) ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ को लेकर एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सीबीआई, पुलिस, ED या कोर्ट आदि वीडियो कॉल के जरिए किसी को अरेस्ट नहीं करती है। एडवाइजरी में व्हाट्सऐप और स्काइप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लोगो भी है। अक्सर डिजिटल अरेस्ट की घटना इन सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए ही होती है। केंद्र सरकार ने कहा कि घबराएं नहीं, सतर्क रहें। सीबीआई, पुलिस, सीमा शुल्क, ईडी, जज आपको वीडियो कॉल पर गिरफ्तार नहीं करते हैं।’ इस एडवायजरी में इस तरह की साइबर क्राइम की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर क्राइम की वेबसाइट पर विजिट करने की अपील की गई।
बता दें कि डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का एक नया तरीका है। इसके जरिए ब्लैकमेल करके लोगों से लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है। इस मामले में खास बात यह है कि पढ़े-लिखे वकील, इंजीनियर, गवर्नमेंट सर्विस से जुड़े लोग आदि साइबर ठगों के शिकार बन रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट का मतलब है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। जानें क्या है डिजिटल अरेस्ट और कैसे इससे बच सकते हैं? लेकिन इससे पहले जान लेते हैं डिजिटल अरेस्ट के जरिए कैसे लोगों को झांसे में लिया जा रहा है?
डिजिटल अरेस्ट से जुड़े हालिया मामले…
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का एडवांस तरीका है। इसके जरिए साइबर ठग लोगों को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल खेलता है और लोग उसके जाल में फंस जाते हैं। डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग वीडियो कॉल के जरिए लोगों को उसके घर में ही बंधक बना लेता है। सबसे पहले ठग पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करता है। फिर बताता है कि आपका आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का उपयोग किसी गैरकानूनी कार्यों के लिए हुआ है। इसके बाद डराने-धमकाने का ‘खेल’ शुरू होता है। साइबर ठग गिरफ्तारी का डर दिखाकर आपको घर में ही कैद कर देते हैं। ठग वीडियो कॉल में अपने बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं, जिसे देखकर पीड़ित डर जाता है और वह उनके बातों में आ जाता है। ठग जमानत की बात कहकर आपसे ठगी शुरू करते हैं। साथ ही, अपराधी वीडियो कॉल से न हटने देता है न ही किसी को कॉल करने देता है।
कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट का खेल
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