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एनडीए के खिलाफ एकजुट विपक्ष: पटना से बजा बिगुल
एनडीए के खिलाफ एकजुट विपक्ष: पटना से बजा बिगुल
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, July 12, 2025
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
बिहार की सियासत में हलचल तेज है और चुनावी रणभूमि सजने लगी है. पटना में तेजस्वी यादव के घर पर होने वाली महागठबंधन की बड़ी बैठक को लेकर राजनीतिक तापमान चरम पर है. सभी प्रमुख दल एक छत के नीचे जुटने वाले हैं, ताकि एनडीए के खिलाफ मजबूत रणनीति बनाई जा सके. कांग्रेस और अन्य दल वोटरों तक पहुंचने के लिए ज़मीनी स्तर पर अभियान चला रहे हैं. खासकर ओबीसी, दलित और आदिवासी मतदाताओं को साधने की तैयारी है. ये बैठक सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि सत्ता पलटने की एक संगठित कोशिश का ऐलान बनकर सामने आ रही है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
Opposition Against NDA 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर अपने चरम पर ह. जहां चुनाव से पहले की हलचल किसी सियासी थ्रिलर से कम नहीं लग रही. पटना की सड़कों पर गरमाहट है, और इस बार केंद्र में है महागठबंधन की एक बड़ी बैठक, जो तेजस्वी यादव के आवास पर आयोजित हो रही है. पर्दे के पीछे रणनीति बन रही है, एजेंडा तय हो रहा है, और विपक्षी खेमे में हलचल मची है. कांग्रेस से लेकर तमाम घटक दल एक ही मकसद से एकजुट हो रहे हैं-एनडीए को कड़ी टक्कर देने का. यह बैठक सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि आने वाले चुनावी युद्ध की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत है. सवाल बस इतना है: क्या ये गठबंधन इस बार सत्ता के समीकरण बदल पाएगा या फिर सियासत का खेल फिर से वही पुराना मोड़ लेगा?
चुनावी रण की दस्तक: पटना में जुटेगा महागठबंधन
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है. इसी कड़ी में महागठबंधन की एक अहम बैठक शनिवार को बुलाई गई है. यह बैठक राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर होगी. बैठक में कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक, बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए का मुकाबला करने के लिए गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप देना है.
एनडीए को शिकस्त देने की तैयारी
बताया जाता है कि महागठबंधन के भीतर गठित सभी समितियों ने एनडीए के घटक दलों के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिन्हें बैठक के दौरान तेजस्वी यादव और अन्य शीर्ष नेताओं के सामने मीटिंग में रखा जाएगा. महागठबंधन का उद्देश्य है कि एकजुट होकर आक्रामक चुनावी अभियान चलाया जाए, जिससे भाजपा नेतृत्व वाले राजग को कड़ी चुनौती दी जा सके.
यह बैठक पिछले दिनों महागठबंधन की राजनीतिक लामबंदी के बाद हो रही है. 9 जुलाई को महागठबंधन की ओर से राज्यव्यापी बंद और विरोध मार्च का आयोजन किया गया था. यह विरोध चुनाव आयोग की ‘विशेष सघन पुनरीक्षण’ (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ था.
राहुल-तेजस्वी का मोर्चा, आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. उन्होंने भाजपा सरकार पर विपक्षी समर्थकों के नाम मतदाता सूची से चुनिंदा रूप से हटाने के लिए एसआईआर प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाया. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
कांग्रेस सचिव शहनवाज आलम के अनुसार, पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर एजेंट (बीएलए) तैनात किए हैं और अपने जमीनी स्तर के आउटरीच कार्यक्रमों को एसआईआर जागरूकता अभियान के साथ जोड़ रही है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ‘माई बहिन मान योजना’ के तहत प्रतिदिन 400 घरों का दौरा करने और साथ ही लोगों को एसआईआर के बारे में शिक्षित करने और उन्हें फॉर्म भरने में मदद करने का काम सौंपा गया है.
वोटों की जंग: वंचित समुदायों को साधने की रणनीति
इस बीच, बिहार में चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन विशेष रूप से ओबीसी, दलित और आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए केंद्र सरकार वंचित समुदायों के मताधिकार को समाप्त करने की साजिश कर रही है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)