जगदीप धनखड़ के बाद कौन, बिहार के सियासी गलियारों में नीतीश के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म

जगदीप धनखड़ के बाद कौन, बिहार के सियासी गलियारों में नीतीश के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, July 22, 2025

Last Updated On: Tuesday, July 22, 2025

Next Vice President India: जगदीप धनखड़ के बाद अगले उपराष्ट्रपति को लेकर अटकलें तेज, बिहार में नीतीश कुमार का नाम चर्चा में, सियासी गलियारों में हलचल बढ़ी.
Next Vice President India: जगदीप धनखड़ के बाद अगले उपराष्ट्रपति को लेकर अटकलें तेज, बिहार में नीतीश कुमार का नाम चर्चा में, सियासी गलियारों में हलचल बढ़ी.

देश के अगले उपराष्ट्रपति (Vice President of India) को लेकर चल रही अटकलों के बीच बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. खासतौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नाम की चर्चा ने राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है. इस मुद्दे पर भाजपा विधायक हरीभूषण ठाकुर बचौल और सम्राट चौधरी के बयानों ने बहस को और भी धार दे दी है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Tuesday, July 22, 2025

Next Vice President India: जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति (Vice President of India) कौन होगा? इसी बीच बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है. चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को इस पद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित किया जा सकता है.

सूत्रों की मानें तो केंद्र की सत्ता में शामिल प्रमुख दलों के कुछ नेता नीतीश कुमार के राजनीतिक अनुभव, तटस्थ छवि और लंबे प्रशासनिक कार्यकाल को देखते हुए उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त मानते हैं. वहीं, यह चर्चा नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और उनकी हालिया चुप्पी के बाद और भी गहराई से उठने लगी है.

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नाम पर उपराष्ट्रपति पद की चर्चा ने बिहार की राजनीति को एक बार फिर नई दिशा दे दी है. भाजपा नेताओं के बयानों से संकेत मिलता है कि राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है, जबकि विधानसभा के भीतर और बाहर विपक्ष-सरकार की टकराहट अब और तीव्र होती जा रही है.

धनखड़ की अनुपस्थिति और हरिवंश की सक्रियता भी बनी चर्चा का विषय

मंगलवार को राज्यसभा में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं कर पाए. नियमों के अनुसार, उनकी अनुपस्थिति में उपसभापति कार्यवाही की कमान संभालते हैं. इस समय जेडीयू के वरिष्ठ नेता हरिवंश नारायण सिंह 2020 से उपसभापति हैं और अब वे शेष सत्र की अध्यक्षता कर सकते हैं. इससे यह संकेत भी मिल रहा है कि चुनावों से पहले उच्च सदन में बिहार के नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो रही है.

नीतीश उपराष्ट्रपति बनें तो बिहार के लिए सौभाग्य

जब भाजपा विधायक हरीभूषण ठाकुर (Haribhushan Thakur) से नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति (Vice President of India) बनाए जाने की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “यह हमारे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है, लेकिन अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनते हैं तो यह बिहार के लिए सौभाग्य की बात होगी.”

उनके इस बयान को राजनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, जो नीतीश कुमार के दिल्ली कूच की अटकलों को हवा देता है.

सम्राट चौधरी का बयान,निर्णय एनडीए नेतृत्व लेगा

उपराष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की चर्चा पर सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया, “भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के नेतृत्वकर्ता इस पर निर्णय लेंगे. नीतीश कुमार के नाम पर कोई निर्णय केंद्र स्तर पर होगा.”

इसके साथ ही उन्होंने वोटर लिस्ट विवाद को लेकर विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया. चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि कोई भी नागरिक, चाहे वह दलित हो या सामान्य, उसका नाम मतदाता सूची से बिना आधार के नहीं हटेगा. उन्होंने बताया कि 98% लोगों ने अपने पुनरीक्षण में फॉर्म भरा है, 19 लाख मृत पाए गए, 20 लाख लोग राज्य से बाहर चले गए हैं. 8 लाख लोगों के नाम दो जगह हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 26 जुलाई को ड्रॉप लिस्ट आने के बाद सभी दलों को आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलेगा. लेकिन कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दल जनता को गुमराह कर रहे हैं.

राजनीतिक रणनीति या नई भूमिका की तैयारी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद की पेशकश कर भाजपा उन्हें सम्मानजनक विदाई देना चाहती है, जिससे एनडीए में कोई मतभेद न हो और बिहार में चुनावी रणनीति सधे. साथ ही, इससे जेडीयू के साथ रिश्तों में मजबूती बनी रह सकती है. बहरहाल, अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर अटकलें तेज होती जा रही हैं.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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