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Healthy Aging : बुढ़ापे में स्वस्थ रहना है, तो रहें अनहेल्दी फ़ूड से दूर
Healthy Aging : बुढ़ापे में स्वस्थ रहना है, तो रहें अनहेल्दी फ़ूड से दूर
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, April 24, 2025
Last Updated On: Thursday, April 24, 2025
Healthy Aging : बुढ़ापे में कई तरह की बीमारियां लोगों को घेरने लगती है. इससे बुढ़ापा कष्टप्रद होने लगता है. शोध बताते हैं कि हेल्दी एजिंग चाहते हैं, तो जंक फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे अनहेल्दी फ़ूड से दूर रहना होगा. इसके स्थान पर प्लांट बेस्ड फ़ूड और डेयरी तथा संतुलित डाईट लेनी होगी.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, April 24, 2025
Healthy Aging : यह सच है कि पिछले 50 सालों में मेडिकल फील्ड में खूब तरक्की हुई है. इसकी वजह से टीबी और कुछ हद तक कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां अब गंभीर बीमारी की श्रेणी में आ गई हैं. वर्तमान दौर में लोगों के बीच डायबिटीज, हार्ट डिजीज, मोटापा जैसी बीमारी और नशाखोरी जैसी स्थिति चिंताजनक रूप से तेजी से बढ़ी है. इसका कारण प्रिजर्व फ़ूड (Preserved Food), जंक फूड, एडेटिव शुगर वाले खाद्य पदार्थ का अत्यधिक सेवन हो सकता है. ऐसी स्थिति में यदि हमारी उम्र ढ़लान की ओर है, तो एजिंग के बारे में चिंता करना जायज है. अब सवाल यह है कि व्यक्ति की हेल्दी एजिंग (Healthy Aging) कैसे हो.
क्या है हेल्दी एजिंग (Healthy Aging)
हार्वर्ड हेल्थ के शोधकर्ता मानते हैं कि हेल्दी एजिंग का मतलब है कि व्यक्ति का 70 साल की उम्र तक अच्छा संज्ञानात्मक रेस्पोंस (Cognitive Response) और बढ़िया शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य हो, तो इसका मतलब है कि उसकी एजिंग स्वस्थ तरीके से हो रही है. उसे कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी कोई गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए.
प्लांट बेस्ड फ़ूड और डेयरी हेल्दी एजिंग में मददगार (Plant based food for Healthy Aging)
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने 30 वर्षों तक लगातार 100,000 लोगों के स्वास्थ्य डेटा का मूल्यांकन किया. इस स्टडी के निष्कर्ष के अनुसार, आहार पैटर्न न केवल जीवन काल को प्रभावित करते हैं, बल्कि लोगों की हेल्दी एजिंग भी बताते हैं. इस अध्ययन को नेचर मेडिसिन में प्रकाशित किया गया। उन्होंने पाया कि जो लोग संतुलित आहार खाते हैं, जिसमें प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थ और डेयरी अधिक होते हैं और पशु प्रोटीन कम होता है, उनके हेल्दी एजिंग की संभावना 86% अधिक होती है.
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड बढ़ाता है बुढ़ापे में बीमारी (Ultra Processed Food Side Effects)
अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने से बुढ़ापे में खराब शारीरिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य (Cognitive Health) होता है. इसमें यह भी शामिल है कि आप रात का खाना कब खाते हैं, आप कितना घर का बना खाना खाते हैं, आप कितना व्यायाम करते हैं. शोधकर्ताओं ने उन आहारों को बहुत अधिक अंक दिए जो मस्तिष्क के कार्य को बढ़ावा देते हैं और सूजन-रोधी लाभ देते हैं. यह जानना जरूरी है कि बुढ़ापे में अधिकांश दर्द शरीर के अंदर सूजन के कारण होता है.
लो कैलोरी फ़ूड के नुकसान (Low Calorie Food Side Effects)
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, वजन घटाने के लिए अक्सर कम कैलोरी वाला आहार लिया जाता है. इसके भी साइड इफेक्ट हैं. कैलोरी की कमी बोन हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है. रजोनिवृत्ति के बाद जो महिलाएं शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हुए संतुलित आहार लेती हैं, वे हड्डियों के घनत्व को कम होने से रोक सकती हैं. मेनोपॉज के कारण हड्डियों के एक ख़ास क्षेत्र, जैसे कूल्हे की हड्डी, रीढ़ और गर्दन में कैल्शियम और अन्य खनिजों का घनत्व घटता है.
हेल्दी ईटिंग से हेल्दी एजिंग (Healthy Eating)
अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन 45 मिनट चलने, सप्ताह में दो दिन प्रतिरोध प्रशिक्षण करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए किए गए एक्सरसाइज हेल्दी एजिंग बढ़ाते हैं. साथ ही प्रोसेस्ड फ़ूड, सफेद ब्रेड (White Bread) , चीनी और रिफाइन अनाज से परहेज करते हुए साबुत अनाज, सब्जियां, फल, दालें और ड्राई फ्रूट्स खाने पर जोर देना चाहिए. स्वस्थ खाने की आदतों से बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. इससे सूजन (Inflammation) कम होगी, चयापचय (Metabolism) में सुधार होगा और पेट का स्वास्थ्य (Gut Health) बेहतर होगा. इसमें कोई संदेह नहीं है कि आहार संबंधी आदतें स्वस्थ उम्र बढ़ने से गहराई से जुड़ी हुई हैं.
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